टैक्स के पैसे से बनाया गया शीश महल, केजरीवाल को लौटानी होगी रकम


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2024-10-23 06:29:49



 

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एक बार फिर से विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। बीजेपी के महिला और युवा मोर्चा ने शुक्रवार को शांग्री-ला होटल के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया, आरोप लगाते हुए कि केजरीवाल ने अपने आधिकारिक निवास सीएम हाउस से नल और कमोड तक हटवाए हैं। बीजेपी का आरोप है कि उन्होंने जनता के पैसों का दुरुपयोग करके अपने सरकारी आवास को शीश महल में तब्दील कर दिया।

विरोध प्रदर्शन कीरुआत

दिल्ली बीजेपी महिला मोर्चा की प्रमुख अनु ने इस प्रदर्शन का नेतृत्व किया और कड़े शब्दों में केजरीवाल पर हमला बोला। अनु ने कहा, "हम यहां अरविंद केजरीवाल की भ्रष्टाचार की पोल खोलने आए हैं। वह एक कट्टर बेईमान व्यक्ति हैं, जिन्होंने दिल्ली की जनता का शोषण किया है।" इसी तरह महिला मोर्चा की एक और सदस्य, रश्मि शर्मा, ने भी इसी मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "केजरीवाल ने इस्तीफा तो दिया, लेकिन पीडब्ल्यूडी की लिस्ट से जो जानकारी मिली है, वह बताती है कि उन्होंने क्या खरीदा और किस कीमत पर। हमारे टैक्स के पैसे का दुरुपयोग करके उन्होंने शीश महल बनाया है। हमारी मांग है कि वह जनता के पैसे वापस लौटाएं।"

सीएम हाउस में खर्च का मामला

प्रदर्शन के पीछे असली मुद्दा सीएम हाउसपर किया गया भारी खर्च है। आरोप है कि अरविंद केजरीवाल ने अपने कार्यकाल के दौरान सरकारी आवास में शानदार सुविधाओं के लिए बड़े पैमाने पर जनता के पैसों का उपयोग किया। इसमें बाथरूम फिटिंग्स से लेकर सजावट तक का जिक्र है, जिससे विपक्षी दलों ने इसे शीश महलकरार दिया है।

बीजेपी की मांग और आरोप

बीजेपी ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कई सवाल उठाए हैं। अनु ने कहा, "दिल्ली की जनता के पैसों से ऐसा भव्य आवास बनाना न केवल अनैतिक है, बल्कि यह भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा है।" उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार के कामों से यह स्पष्ट होता है कि केजरीवाल जनता की भलाई के बजाय अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए काम कर रहे थे।

रश्मि शर्मा ने भी इस मुद्दे पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा, "उन्होंने जो चीजें खरीदीं, जैसे कि नल और कमोड, उनकी कीमतें और वे कहाँ से खरीदी गईं, ये सब पीडब्ल्यूडी की रिपोर्ट में साफ-साफ दिख रहा है। यह जनता के पैसे की बर्बादी है।"

सरकार और विपक्ष का तकरार

यह मुद्दा केवल दिल्ली बीजेपी तक सीमित नहीं है। राष्ट्रीय स्तर पर भी इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के समर्थकों का तर्क है कि ये सभी आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और सच्चाई से कोसों दूर हैं। वहीं, बीजेपी इसे जनता से जुड़े मुद्दे के रूप में उठा रही है और मांग कर रही है कि केजरीवाल इस पूरे मामले की सफाई दें और अगर भ्रष्टाचार साबित होता है, तो उन्हें इसका हर्जाना चुकाना पड़ेगा।

बहरहाल, केजरीवाल के खिलाफ इस प्रकार का आरोप और इसके बाद हुआ प्रदर्शन यह दिखाता है कि राजनीति में भ्रष्टाचार और नैतिकता जैसे मुद्दों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप कोई नई बात नहीं है। लेकिन इस बार दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ लगाए गए आरोप सीधे जनता के टैक्स के पैसे से जुड़े हैं, जो इसे और अधिक संवेदनशील बनाता है। देखना यह है कि इस विवाद का अंत कैसे होता है और क्या केजरीवाल इन आरोपों का सामना कर पाते हैं या नहीं।


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