चक्रवात की दस्तक से पहले NDRF तैयार, बंगाल और ओडिशा में हाई अलर्ट
2024-10-22 11:58:23
बंगाल की खाड़ी में तेजी से बन रहे चक्रवात के खतरे के चलते ओडिशा और पश्चिम बंगाल में आपात स्थिति की तैयारियों को तेज कर दिया गया है। भारत के मौसम विभाग ने आने वाले चक्रवात की चेतावनी दी है, जिससे हजारों लोगों की जान और संपत्ति को खतरा हो सकता है। इस खतरे को देखते हुए सरकार और आपदा प्रबंधन टीमें पूरी तरह से सतर्क हैं।
विस्तृत रिपोर्ट:
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) ने सोमवार को जानकारी दी कि उन्होंने पश्चिम बंगाल में 14 और ओडिशा में 11 टीमों को स्टैंडबाय पर रखा है ताकि बंगाल की खाड़ी में बन रहे संभावित चक्रवात के प्रभाव को कम किया जा सके। यह घोषणा तब की गई जब केंद्रीय कैबिनेट सचिव डॉ. टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी (NCMC) की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आने वाले चक्रवात से निपटने के लिए तैयारी की समीक्षा करना था।
मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र ने बैठक में बताया कि बंगाल की खाड़ी में वर्तमान में चिह्नित कम दबाव का क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। यह 22 अक्टूबर की सुबह तक डिप्रेशन में और 23 अक्टूबर तक एक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है। इसके बाद, यह तूफान ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों की ओर बढ़ते हुए 24 अक्टूबर की रात और 25 अक्टूबर की सुबह के बीच पुरी और सागर द्वीप के बीच तट से टकरा सकता है। इसकी गति 100 से 110 किमी प्रति घंटा रहने की संभावना है, और यह 120 किमी प्रति घंटा तक पहुंच सकता है।
सरकारी तैयारियां और एहतियाती कदम:
ओडिशा और पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिवों ने बैठक में जानकारी दी कि प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है, और जो समुद्र में थे, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर लाया जा रहा है। कंट्रोल रूम को सक्रिय कर दिया गया है, और स्थिति की निगरानी की जा रही है। इसके अलावा, बिजली की आपूर्ति, दवाएं और अन्य आपातकालीन सेवाओं को तैयार रखा गया है।
इसके साथ ही, सेना, नौसेना, और तटरक्षक बल की राहत और बचाव टीमों को भी तैयार रखा गया है। महत्वपूर्ण बंदरगाहों, जैसे पारादीप और हल्दिया को नियमित चेतावनी और सलाह भेजी जा रही है। विद्युत मंत्रालय और दूरसंचार विभाग ने आपातकालीन बहाली के लिए टीमें तैनात कर दी हैं, और स्थिति की बारीकी से निगरानी की जा रही है।
कैबिनेट सचिव का निर्देश:
केंद्रीय कैबिनेट सचिव डॉ. टीवी सोमनाथन ने इस आपात बैठक के दौरान राज्य सरकारों और केंद्रीय एजेंसियों को निर्देश दिया कि नुकसान को शून्य पर रखने और संपत्ति व बुनियादी ढांचे को कम से कम नुकसान पहुंचाने के सभी उपाय किए जाएं। उन्होंने राज्यों को यह भी निर्देश दिया कि मछुआरों को समुद्र से तुरंत वापस बुलाया जाए और संवेदनशील क्षेत्रों के लोगों को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए।
सोमनाथन ने आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड राज्यों को भी भारी बारिश की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा। उन्होंने बांधों से पानी छोड़ने के संदर्भ में कहा कि इससे किसी प्रकार की बाढ़ की स्थिति न बने, इसके लिए पानी छोड़ने की प्रक्रिया को सावधानी से नियंत्रित किया जाना चाहिए।
यह चक्रवात संभावित रूप से बड़े पैमाने पर जन और धन की हानि कर सकता है, लेकिन NDRF और राज्य सरकारों की त्वरित कार्रवाई से इस आपदा के प्रभाव को कम करने की कोशिश की जा रही है। नियमित रूप से चेतावनियां जारी की जा रही हैं, और सभी सरकारी एजेंसियां सतर्क हैं।