17 दिनों की भूख हड़ताल खत्म, पर संघर्ष अभी बाकी


के कुमार आहूजा  2024-10-22 04:21:06



 

पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों द्वारा अपनी 10-सूत्रीय मांगों के साथ शुरू की गई 17-दिन की भूख हड़ताल आखिरकार सोमवार शाम को समाप्त हो गई। राज्य सचिवालय नबन्ना में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ हुई एक बैठक के बाद डॉक्टरों ने यह फैसला किया। हालाँकि डॉक्टरों की सभी मांगें पूरी नहीं हो पाईं, फिर भी उन्होंने भविष्य में एक और बड़े आंदोलन की चेतावनी दी।

क्या है पूरा मामला?

यह विरोध प्रदर्शन 9 अगस्त को आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी पर तैनात एक जूनियर डॉक्टर की संदिग्ध हत्या और बलात्कार की घटना के बाद शुरू हुआ। इस घटना ने राज्य भर में चिकित्सा समुदाय को हिला कर रख दिया, जिसके बाद डॉक्टरों ने न्याय की मांग के साथ अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी।

सोमवार को मुख्यमंत्री के साथ दो घंटे तक चली बैठक में, डॉक्टरों की मांगों पर विस्तृत चर्चा की गई। इस बैठक का सीधा प्रसारण भी किया गया, जो इसे पहली बार सार्वजनिक रूप से प्रसारित होने वाला ऐसा मामला बनाता है। बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर गौर किया जाएगा और राज्य के स्वास्थ्य सचिव मनीष पंत के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा, जिसमें डॉक्टरों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।

मांगों पर चर्चा: कौन सी मांगें मानी गईं?

डॉक्टरों की 10-सूत्रीय मांगों पर मुख्यमंत्री ने कुछ मुद्दों पर सहमति जताई, जबकि कई मांगों को अस्वीकार भी किया गया।

♦ पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग: इस मामले की सीबीआई जांच जारी है।

♦ छात्र चुनाव: मार्च 2025 तक चुनाव प्रक्रिया पूरी करने का आश्वासन दिया गया।

♦ राज्य चिकित्सा परिषद का पुनर्गठन: असंभव करार दिया गया।

♦ स्वास्थ्य सचिव को हटाने की मांग: अस्वीकार।

♦ अस्पतालों में पुलिस सुरक्षा बढ़ाना: इस पर आश्वासन मिला।

♦ केंद्रीय रेफरल प्रणाली लागू करना: काम शुरू हो चुका है।

♦ अस्पतालों में खाली बिस्तरों की निगरानी: काम जारी है।

♦ सीसीटीवी और पैनिक बटन की स्थापना: प्रक्रिया चल रही है।

♦ अस्पतालों में रिक्त पदों को भरना: आश्वासन दिया गया, लेकिन ओबीसी आरक्षण से संबंधित मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है।

♦ धमकी की संस्कृति के खिलाफ कार्रवाई: सरकार ने आश्वासन दिया।

डॉक्टरों का अगला कदम

डॉक्टरों ने भूख हड़ताल खत्म करने का फैसला तो किया, लेकिन अपनी लड़ाई को और तेज करने की योजना बनाई। जूनियर डॉक्टर देबाशीष हलदर ने कहा, "हमने हड़ताल तो समाप्त की है, लेकिन हमारी लड़ाई और तीव्र होगी।" उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन के रवैये से ऐसा लगता है कि वे आम जनता के लिए नहीं सोच रहे हैं।

डॉक्टरों ने यह भी ऐलान किया कि वे अगले शनिवार को आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक बड़ी रैली करेंगे ताकि अपनी मांगों को और ज़ोरदार तरीके से सामने रखा जा सके।

सरकार की प्रतिक्रिया

ममता बनर्जी ने डॉक्टरों से स्थिति को सामान्य करने का अनुरोध किया और कहा कि अगर स्थिति सामान्य नहीं होती, तो सरकार काम नहीं कर पाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि डॉक्टरों को मंगलवार दोपहर 3 बजे तक सभी चर्चाओं की जानकारी दी जाएगी।

यह भूख हड़ताल डॉक्टरों और सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण वार्ता की शुरुआत मात्र है। भले ही डॉक्टरों की कई मांगें पूरी नहीं हुई हों, लेकिन उन्होंने अपने संघर्ष को जारी रखने का संकल्प लिया है। देखना यह है कि आगे की रणनीति क्या होती है और राज्य सरकार डॉक्टरों की समस्याओं का किस प्रकार समाधान करती है।


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