वल्लभ शॉपिंग मॉल: जहाँ धर्म और शॉपिंग का अनूठा संगम देखने को मिला


के कुमार आहूजा  2024-10-21 10:11:23



 

बीकानेर के रांगड़ी चौक स्थित पौषधशाला में ऐसा नज़ारा देखने को मिला, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया। साधारण धर्मसभा की जगह पर यह स्थल एक धर्मिक 'शॉपिंग मॉल' में बदल गया था, जहाँ धार्मिक प्रश्नों के सही उत्तर देकर लोग मनपसंद वस्तुएं हासिल कर रहे थे। यह अनूठी पहल श्रावकों को धर्म से जोड़ने और उनके ज्ञान को बढ़ाने के उद्देश्य से की गई थी।

विस्तृत रिपोर्ट:

बीकानेर के रांगड़ी चौक स्थित पौषधशाला में रविवार, 20 अक्टूबर को एक ऐसा आयोजन हुआ जिसने जैन धर्मावलंबियों को उत्साहित कर दिया। आत्मानंद जैन सभा चातुर्मास समिति द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को एक अलग ही रूप में पेश किया गया। यहाँ का माहौल एक नियमित धर्मसभा की तरह न होकर एक बड़े वल्लभ शॉपिंग मॉल जैसा दिख रहा था, जहाँ विभिन्न काउंटरों पर रोजमर्रा के उपयोग की वस्तुएं सजी हुई थीं। खास बात यह थी कि ये सामान पारंपरिक रूप से खरीदे नहीं जा रहे थे, बल्कि इन्हें धार्मिक प्रश्नों के सही उत्तर देकर जीता जा सकता था।

धार्मिक प्रश्नोत्तरी और उपहार:

समारोह में जैन मुनि श्रुतानंद विजय द्वारा जैन धर्म से जुड़े प्रश्न पूछे गए। जैसे, प्रभु महावीर के भाई का नाम, परम पवित्र ओलीजी त्योहार कितनी बार आता है, और लोगस सूत्र के अक्षरों की संख्या कितनी है, जैसे प्रश्नों का सही उत्तर देने पर श्रद्धालुओं को चांदी की पायल, गिलास सेट, और अन्य उपहार दिए गए।

सवालों के जवाब में उपस्थित श्रावक-श्राविकाएं खूब उत्साह से हिस्सा ले रहे थे। मुनि श्री ने जब नंदिवर्धन का सही उत्तर सुना, तो उपहार स्वरूप पायल दी गई, वहीं 256 अक्षरों का सही उत्तर देने वाले कवि कोचर ने अपनी पसंद से गिलास सेट हासिल किया।

कैसे हुई मॉल में शॉपिंग:

इस अनोखे शॉपिंग मॉल में धार्मिक ज्ञान की एक पुस्तिका से प्रश्न पूछे गए थे, जिनके उत्तर देने पर लोग अपनी पसंदीदा वस्तुएं जीत सकते थे। वस्तुओं पर बारकोड की जगह प्रश्न नंबर दिए गए थे, और सही उत्तर देने पर ही संबंधित सामान प्राप्त किया जा सकता था। इस शॉपिंग मॉल में रखे गए सामान का संग्रह समाज की धर्मप्रेमी महिलाओं द्वारा किया गया था।

वल्लभ शॉपिंग मॉल की विशेषता:

इस मॉल में चांदी के आइटम्स, पायल, बिछिया, लेडीज पर्स, साड़ी, सूट, बच्चों के कपड़े, खिलौने, बर्तन और कई अन्य घरेलू उपयोग की वस्तुएं रखी गई थीं। यह पहल मुनि श्री द्वारा इसलिए की गई थी ताकि धर्म और ज्ञान से जुड़े रहकर श्रद्धालु इसे और मनोरंजक तरीके से सीख सकें।

आयोजन की प्रतिक्रिया:

समिति के शांतीलाल हनुजी कोचर ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य युवा पीढ़ी को धर्म और गुरु परंपरा से जोड़ना था। कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए ललिता कोचर, राजश्री कोचर, बबलू और बंटी ने डिजाइन और तैयारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कार्यक्रम का समापन जन गण मन के गायन से हुआ और इसके बाद उपस्थित लोगों ने धर्मिक आस्था के साथ पटाखे और फुलझड़ियां जलाकर दीपावली की खुशियाँ मनाईं। इस अनूठे आयोजन ने समाज के लोगों में धर्म के प्रति जागरूकता और उत्साह को बढ़ाया और इसे एक अविस्मरणीय अनुभव बना दिया।


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