बस्तर दशहरे का भव्य समापन: देवी के डोली विदाई में उमड़ा आस्था का सैलाब
के कुमार आहूजा 2024-10-21 08:07:33
छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में मनाया जाने वाला विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा महोत्सव शनिवार को देवी के डोली विदाई रस्म के साथ संपन्न हुआ। इस बार का यह महोत्सव 77 दिनों तक चला, जिसमें भक्तों ने अद्भुत श्रद्धा के साथ भाग लिया। देवी मावली की डोली विदाई का दृश्य एक ऐसा पल था, जिसने सभी को भावुक कर दिया।
विस्तृत रिपोर्ट: डोली विदाई का समारोह
जगदलपुर के गीदम रोड पर स्थित जिया डेरा मंदिर में डोली विदाई की रस्म अदायगी की गई। यहां से देवी मावली की डोली को मात्री पुजारीयों द्वारा दंतेश्वरी मंदिर के लिए चलकर ले जाया गया। इस अवसर पर हजारों भक्तों ने, जिसमें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव और बस्तर सांसद महेश कश्यप शामिल थे, डोली के मार्ग पर पुष्प वर्षा की।
कलश यात्रा:
इस अवसर पर एक कलश यात्रा का आयोजन भी किया गया, जिसमें देवी को शादी के लिबास में विदाई दी गई। पूर्व बस्तर शाही परिवार के सदस्य कमलचंद भंजदेव ने कहा कि नवरात्रि के पांचवें दिन देवी मावली को दशहरे के महोत्सव में आमंत्रित किया गया था। पंचमी के बाद मावली देवी की पालकी और दंतेश्वरी देवी की छत्र को दंतेवाड़ा से जिया डेरा लाया गया।
मंदिर की जिम्मेदारी:
जिया बाबा, जो शाही परिवार द्वारा नियुक्त पुजारी हैं, ने पालकी और छत्र के साथ दंतेवाड़ा मंदिर पहुंचे। जब देवी दंतेश्वरी से आती हैं, तो मंदिर की जिम्मेदारी किसी और को सौंपी जाती है।
भक्तों की संख्या:
बस्तर सांसद महेश कश्यप ने कहा कि इस साल बस्तर और आसपास के राज्यों से 1,500 से अधिक देवताओं के आने ने दशहरा महोत्सव की भव्यता को बढ़ा दिया। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव ने बताया कि लाखों पर्यटक इस साल बस्तर पहुंचे। उन्होंने कहा, "यह एक महत्वपूर्ण पल है, क्योंकि पांच लाख से अधिक भक्त दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी देवी के दर्शन के लिए पहुंचे।"
बस्तर दशहरा महोत्सव हर साल श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है। इस बार के महोत्सव ने न केवल भक्तों को एकत्र किया, बल्कि क्षेत्रीय संस्कृति और परंपराओं को भी सहेजने का काम किया। देवी मावली के प्रति श्रद्धा का यह उत्सव हर किसी के दिल में एक विशेष स्थान रखता है।