बाजार में विदेशी दबाव, फिर भी दीर्घकालिक निवेशकों के लिए आशा बरकरार


के कुमार आहूजा  2024-10-20 10:06:46



 

भले ही इस सप्ताह विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) द्वारा बिकवाली का दबाव और भू-राजनीतिक तनाव बाजार पर हावी रहा हो, लेकिन भारतीय शेयर बाजार का दीर्घकालिक दृष्टिकोण अभी भी स्थिर और सकारात्मक बना हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार की दीर्घकालिक वृद्धि में स्थिरता और पूंजी व्यय (Capex) में बढ़ोतरी के कारण मजबूत संभावनाएं हैं।

बाजार में हालिया उतार-चढ़ाव

इस सप्ताह बाजार पर FIIs की भारी बिकवाली के अलावा, दूसरी तिमाही के कमजोर मुनाफे की उम्मीद और ऊंची वैल्यूएशन भी एक बड़ा कारक रहीं। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि निकट भविष्य में बाजार सीमित दायरे में बने रहने की संभावना है, और निवेशकों को सेक्टर और स्टॉक-विशिष्ट रणनीति अपनाने की सलाह दी गई है।

बाजार विशेषज्ञ राजेश भोसले के अनुसार, बाजार फिलहाल एक समेकन चरण (consolidation phase) में है और इसके चार्ट संरचना में कोई विशेष बदलाव नहीं देखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि यदि Nifty सूचकांक 24,900 के स्तर से नीचे गिरता है, तो बाजार में और कमजोरी देखी जा सकती है। वहीं, 25,100 के ऊपर बढ़त से ही बाजार में कुछ सकारात्मक गति उत्पन्न हो सकती है।

शेयर बाजार की वर्तमान स्थिति

शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार ने नकारात्मक रुझानों को पछाड़ते हुए सकारात्मक बंद किया। BSE सेंसेक्स 218.14 अंकों की बढ़त के साथ 81,224.75 पर बंद हुआ, जबकि NSE Nifty 104.20 अंकों की बढ़त के साथ 24,854.05 पर बंद हुआ। Nifty मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में भी मामूली बढ़त देखी गई, जो बाजार की स्थिति में स्थिरता का संकेत देती है।

विशेषज्ञों की राय और निवेश की रणनीति

विशेषज्ञों ने निवेशकों को सलाह दी है कि अगले सप्ताह के लिए आक्रामक दांव लगाने से बचें और सेलेक्टिव अप्रोच अपनाएं। इसके अलावा, वैश्विक कारकों को भी ध्यान में रखना जरूरी होगा, क्योंकि वे बाजार की दिशा को प्रभावित कर सकते हैं।

कृषि, FMCG, डिजिटल और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में विकास की उम्मीद है, और निवेशकों को गिरावट के समय खरीदारी की रणनीति पर ध्यान देना चाहिए।

सोने की कीमतों में उछाल और रुपए की स्थिति

भू-राजनीतिक तनाव और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले की अनिश्चितता के चलते सुरक्षित निवेश (जैसे सोना) की मांग बढ़ी है। MCX में सोने की कीमतों में 500 रुपये की तेज बढ़त दर्ज की गई, जिससे यह 77,600 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। कॉमेक्स पर सोने की कीमतें 2,710 डॉलर से ऊपर चल रही हैं, जो बाजार में मजबूती का संकेत है। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से सोने की कीमतों में यह बढ़ोतरी हो रही है।

रुपया इस बीच डॉलर के मुकाबले स्थिर रहा, और यह 84.05 पर बंद हुआ। LKP Securities के जतीन त्रिवेदी का मानना है कि भारी पूंजी बहिर्वाह के चलते रुपया निकट भविष्य में 84.15-84.25 के स्तर तक गिर सकता है, हालांकि कच्चे तेल की कमजोरी कुछ समर्थन प्रदान कर रही है।

कुल मिलाकर, विशेषज्ञों की राय के अनुसार भारतीय शेयर बाजार दीर्घकालिक दृष्टिकोण से सकारात्मक बना हुआ है, भले ही विदेशी बिकवाली और भू-राजनीतिक तनाव जैसी चुनौतियां सामने हों। निवेशकों को सावधानीपूर्वक रणनीति अपनाने की सलाह दी जा रही है, खासकर आने वाले हफ्तों में बाजार की दिशा को समझने के लिए वैश्विक कारकों पर ध्यान केंद्रित करना होगा।


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