कोलकाता मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर की हत्या और बलात्कार: भूख हड़ताल 15वें दिन भी जारी
के कुमार आहूजा 2024-10-20 05:59:44
कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के खिलाफ जूनियर डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा भूख हड़ताल 15वें दिन में प्रवेश कर चुका है। यह विरोध प्रदर्शन राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में हड़कंप मचा रहा है और पश्चिम बंगाल के कई सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टर इस आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं।
डॉक्टरों का अनशन और राज्य की प्रतिक्रिया
घटनाक्रम उस वक्त शुरू हुआ जब 9 अगस्त को आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के परिसर से एक जूनियर डॉक्टर का शव बरामद हुआ। यह हत्या और बलात्कार की घटना ने राज्य के स्वास्थ्य जगत को हिला कर रख दिया। इसके विरोध में जूनियर डॉक्टरों ने भूख हड़ताल शुरू की और अब यह अनशन 15 दिनों से जारी है। यह प्रदर्शन न सिर्फ डॉक्टरों की सुरक्षा बल्कि राज्य के मेडिकल संस्थानों में सुरक्षा और आधारभूत ढांचे को सुधारने की मांग पर केंद्रित है।
बड़ी रैली की तैयारी
शनिवार को पीड़िता के पनिहाटी स्थित घर से लेकर एस्प्लानेड तक एक मेगा रैली निकाली जाएगी। एस्प्लानेड वह स्थान है जहां प्रदर्शनकारी डॉक्टर अपनी भूख हड़ताल कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर फोरम (WBJDF), जो इस पूरे आंदोलन की अगुवाई कर रहा है, ने आम जनता से भी इस रैली में शामिल होने की अपील की है। फोरम का कहना है कि राज्य के हर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में इस मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन होगा, चाहे वह सरकारी हो या निजी।
डॉक्टरों का अल्टीमेटम
शुक्रवार की रात WBJDF ने राज्य सरकार को अल्टीमेटम दिया कि अगर उनकी मांगें 21 अक्टूबर तक पूरी नहीं हुईं तो वे पूरी तरह से काम बंद करने का निर्णय लेंगे। फोरम ने बताया कि यह निर्णय सीनियर डॉक्टरों से चर्चा के बाद लिया गया है। अब देखने वाली बात यह है कि शनिवार को राज्य सरकार इस गतिरोध को खत्म करने के लिए डॉक्टरों के साथ कोई नया वार्ता शुरू करती है या नहीं।
सरकार का रुख
इस बीच, राज्य सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने राज्य के विभिन्न सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में आधारभूत ढांचे को सुधारने के प्रगति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि लंबित कार्य 25 अक्टूबर तक पूरे किए जाएं।
महत्वपूर्ण रूप से, दिवाली की छुट्टी के बाद सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर एक सुनवाई होनी है, जिसमें राज्य सरकार को मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में सुरक्षा और आधारभूत ढांचे की प्रगति पर रिपोर्ट देनी है।
इस मामले ने न केवल स्वास्थ्य जगत बल्कि आम जनता को भी झकझोर दिया है। डॉक्टरों की भूख हड़ताल से सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है, और अब सभी की नजरें इस बात पर हैं कि राज्य सरकार इस आंदोलन को शांत करने के लिए क्या कदम उठाती है। इस बीच, आम जनता और डॉक्टर समुदाय के बीच सहयोग और समर्थन का स्वरूप भी महत्वपूर्ण होता जा रहा है।