बीकानेर की समाज सेविका सुमन मूंदड़ा ने अपनी धार्मिक आस्था और भारतीय परंपरा का अनुसरण करते हुए, गायों के साथ अपना जन्मदिन मनाकर एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है।
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2024-10-20 05:55:42
गौ-सेवा कर मनाया जन्मदिन: बीकानेर की समाज सेविका सुमन मूंदड़ा ने पेश की अनूठी मिसाल
आज के समय में जहां अधिकांश लोग अपने जन्मदिन को होटल या रेस्तरां में पाश्चात्य शैली में मनाते हैं, वहीं बीकानेर की समाज सेविका सुमन मूंदड़ा ने अपनी धार्मिक आस्था और भारतीय परंपरा का अनुसरण करते हुए, गायों के साथ अपना जन्मदिन मनाकर एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है।
जन्मदिन पर गौसेवा:
शनिवार की सुबह, सुमन मूंदड़ा ने बीकानेर के पुगल रोड पर स्थित श्री गंगा जुबली पिंजरा पोल गौशाला में अपना जन्मदिन मनाया। वह अपने बेटे और अन्य परिवार के सदस्यों के साथ यहां पहुंचीं, जहां उन्होंने गायों और बछड़ों की सेवा की। जन्मदिन के अवसर पर उन्होंने गायों को लापसी खिलाई और महाप्रसादी का आयोजन किया। इस अनोखे अंदाज में अपना जन्मदिन मनाकर सुमन मूंदड़ा ने सामाजिक और धार्मिक मूल्यों का एक संदेश दिया।
समाज के लिए प्रेरणा:
गौशाला के गौ सेवक देवकिशन चांडक ने इस मौके पर कहा कि सुमन जी का यह प्रयास पाश्चात्य संस्कृति के विपरीत, भारतीय परंपराओं को अपनाने की ओर एक प्रेरक कदम है। उन्होंने बताया कि बीकानेर में यह मुहिम पिछले तीन सालों से सफलतापूर्वक चल रही है, जहां लोग अपने जन्मदिन, विवाह वर्षगांठ, या अन्य खास मौकों पर गौशाला आकर गायों की सेवा करते हैं।
देवकिशन चांडक के अनुसार, इस कार्य में आर्थिक योगदान का महत्व नहीं है, बल्कि लोगों की खुद की उपस्थिति और उनकी सेवा का महत्व है। उन्होंने यह भी बताया कि इस मुहिम के तहत, यहां आने वाले व्यक्ति का सम्मान माल्यार्पण और अन्य सम्मान पत्र देकर किया जाता है, जिससे समाज में गौसेवा का भाव और बढ़ता है।
भक्तिमय माहौल:
इस मौके पर गौशाला का माहौल भक्तिमय हो गया। युवा संत छैल बिहारी जी ने इस अवसर पर कहा कि हम अपनी जड़ों से जुड़कर ही अपने संस्कारों को जीवित रख सकते हैं। उनका मानना है कि गौसेवा के साथ-साथ यह स्थान अब महज एक गौशाला नहीं, बल्कि एक तरह से कृष्ण की गोकुल नगरी बन गया है।
संत छैल बिहारी जी ने लोगों को दीपावली के अवसर पर फिजूलखर्ची रोककर, अनाथ बच्चों के साथ मिलकर त्यौहार मनाने का भी संदेश दिया।
गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति:
इस कार्यक्रम में बीकानेर के कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे, जिनमें बीकानेर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष यशपाल गहलोत, कांग्रेस नेता नित्यानंद पारीक, सेवानिवृत्त पुलिस कर्मचारी मोतीलाल प्रजापत, लोकेश अरोड़ा, राजमोहन उपाध्याय, और अनिल आचार्य सहित अन्य समाजसेवी और गौभक्त शामिल थे।
सभी गणमान्य व्यक्तियों ने सुमन मूंदड़ा के इस सामाजिक और धार्मिक कार्य की सराहना की और कहा कि यह प्रयास समाज के अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा स्रोत है। इस अवसर पर गौशाला समिति के पदाधिकारी और अन्य सदस्यों ने भी सुमन मूंदड़ा और उनके परिवार का स्वागत किया और गौसेवा के लिए उनके योगदान की प्रशंसा की।
सुमन मूंदड़ा का यह कार्य न केवल पाश्चात्य संस्कृति से हटकर भारतीय परंपराओं को अपनाने का एक प्रेरणादायक कदम है, बल्कि समाज को गौसेवा के प्रति जागरूक करने का भी एक उत्तम उदाहरण है। इस तरह के कार्य समाज में धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को संजोने और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने में सहायक होते हैं।
यह रिपोर्ट एक ऐसा उदाहरण प्रस्तुत करती है कि कैसे व्यक्तिगत खास अवसरों को सामाजिक और धार्मिक सेवा के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है, और इस तरह के नवाचार समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद कर सकते हैं।