अंतर्राष्ट्रीय नियमों को चुनौती देती Ghost Fleet: भारत की कंपनी पर अमेरिका का बड़ा एक्शन
के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा 2024-10-19 20:49:42
अंतर्राष्ट्रीय नियमों और प्रतिबंधों की अवहेलना करने के आरोप में अमेरिका ने एक भारतीय शिपिंग कंपनी Gabbaro Ship Services Private Ltd पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। यह कंपनी कथित रूप से ईरान से अवैध तेल परिवहन में शामिल रही है, जिसे अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन माना जा रहा है।
क्या है पूरा मामला?
अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट ने शुक्रवार को एक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि मुंबई स्थित Gabbaro Ship Services Private Ltd ने जानबूझकर ईरान से पेट्रोलियम के परिवहन के लिए एक महत्वपूर्ण लेनदेन में भाग लिया। यह कंपनी "Hornet" नामक क्रूड ऑयल टैंकर की तकनीकी प्रबंधन कंपनी के रूप में कार्य कर रही थी।
इस पूरे मामले को अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने "Ghost Fleet" के खिलाफ कार्रवाई की घोषणा के साथ जोड़ा। "Ghost Fleet" उन जहाजों को संदर्भित करता है जो चुपके से ईरान का अवैध तेल दुनियाभर में खरीदारों तक पहुंचाते हैं। इन जहाजों का उद्देश्य ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों का उल्लंघन कर तेल की तस्करी करना है।
"Hornet" टैंकर और उसकी भूमिका
"Hornet" टैंकर के बारे में जानकारी देते हुए अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट ने कहा कि यह जहाज Gabbaro Ship Services के तकनीकी प्रबंधन में था और ईरान से तेल की तस्करी के लिए इसे इस्तेमाल किया गया। Marine Traffic, जो शिपिंग गतिविधियों पर नजर रखता है, के अनुसार "Hornet" स्वाज़ीलैंड के झंडे के तहत चलता है और हाल ही में यह चीन के ग्वांगझोउ पोर्ट पर देखा गया।
Magic Port, जो जहाजों की यात्राओं को ट्रैक करता है, के अनुसार "Hornet" ने हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात से ओमान होते हुए सिंगापुर में रुकने के बाद चीन की ओर रुख किया था।
सख्त प्रतिबंध और प्रभाव
Gabbaro Ship Services Private Ltd पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों के तहत कंपनी की सभी संपत्तियां, और उसमें 50% से अधिक हिस्सेदारी रखने वाले व्यक्तियों या कंपनियों की संपत्तियां, अमेरिका में जब्त की जाएंगी। इसके अलावा, कंपनी पर प्रतिबंधित किसी भी लेन-देन या साझेदारी पर भी रोक होगी।
स्टेट डिपार्टमेंट ने इसके साथ-साथ Suriname की कंपनी Engen Management को भी "Hornet" के व्यावसायिक प्रबंधन में शामिल होने के आरोप में प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही, चीन, मलेशिया और सुरिनाम की अन्य कंपनियों को भी इस अवैध नेटवर्क का हिस्सा माना गया है।
भारत पर प्रतिबंध का प्रभाव
यह घटना भारत के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी के रूप में देखी जा रही है। अमेरिका की ओर से इस प्रकार की कार्रवाई से भारत के व्यवसायों को अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों का पालन करने की सख्त आवश्यकता पर जोर दिया जा रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और सुरक्षा का मुद्दा
यह पूरा मामला केवल ईरान और अमेरिका के बीच नहीं, बल्कि यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और सुरक्षा का भी सवाल है। जब ऐसी शिपिंग कंपनियां अवैध गतिविधियों में शामिल होती हैं, तो यह अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों और आर्थिक सुरक्षा को गंभीर चुनौती देती हैं।
इस घटनाक्रम से यह भी साफ हो गया है कि अमेरिका अब "Ghost Fleet" के खिलाफ सख्त रुख अपनाने के लिए तैयार है, जो ईरान के अवैध तेल की तस्करी में मदद कर रहे हैं।