Hyundai के IPO की धूम: EV बाजार में 32,000 करोड़ का बड़ा निवेश, भारत में तेजी से बढ़ेगी ईवी क्रांति


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2024-10-19 20:45:28



 

दुनिया की सबसे बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों में से एक, Hyundai Motor India Ltd (HMIL) ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के लिए भविष्य की योजना बनाई है, जो निवेशकों और उद्योग विशेषज्ञों के लिए एक बड़ी खबर है। कंपनी ने अपनी योजनाओं के तहत 32,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है, जिसका लक्ष्य 2032 तक भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के बाजार को मजबूती से बढ़ाना है। Hyundai की यह घोषणा तब सामने आई है जब कंपनी ने IPO (Initial Public Offering) की तैयारियां पूरी कर ली हैं और इसके जरिए 3.26 अरब डॉलर जुटाने की योजना है।

IPO की बड़ी घोषणा और रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी

Hyundai Motor India Ltd ने SEBI (Securities and Exchange Board of India) के समक्ष अपने IPO कागजात दाखिल किए हैं। यह IPO भारतीय बाजार में अब तक का सबसे बड़ा होने वाला है, जिसकी शुरुआत 22 अक्टूबर से होगी। इस IPO के ज़रिए कंपनी ने अपने 1,865-1,960 रुपये प्रति शेयर के मूल्य बैंड की घोषणा की है, जिससे यह LIC के 2022 में सेट किए गए रिकॉर्ड को भी पार करने की तैयारी में है। LIC ने उस समय 2.5 अरब डॉलर जुटाए थे, जबकि Hyundai का लक्ष्य इससे भी ज्यादा है।

EV बाजार में Hyundai की मजबूत पकड़

Hyundai Motor India के एमडी Unsoo Kim के अनुसार, कंपनी को उम्मीद है कि 2030 तक भारत में इलेक्ट्रिक वाहन (EV) का बाजार तेजी से बढ़ेगा। इसका मुख्य कारण भारत सरकार की मज़बूत नीतियां और अन्य कंपनियों का इस सेक्टर में बढ़ता ध्यान है। Kim ने बताया कि कंपनी के पास विश्व स्तर की बैटरी तकनीक है, जिसके जरिए वे भारत में EV इकोसिस्टम को मजबूत करने पर काम कर रहे हैं।

कंपनी ने बताया कि इस साल उनका लक्ष्य 7,75,000 यूनिट्स के उत्पादन का है, जो पिछले साल के 7,65,000 यूनिट्स से अधिक है। इससे यह भी साफ होता है कि Hyundai ने भारतीय बाजार को अपने भविष्य की योजनाओं में एक महत्वपूर्ण स्थान दिया है।

तमिलनाडु और महाराष्ट्र में बड़े निवेश की योजना

Hyundai ने अपने चेन्नई और तालेगांव मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स के लिए तमिलनाडु और महाराष्ट्र सरकारों के साथ 4 मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MoU) साइन किए हैं। इन समझौतों के तहत कंपनी ने चेन्नई प्लांट में निवेश की योजना बनाई है, वहीं तालेगांव प्लांट की अभी शुरुआत नहीं हुई है। इस निवेश का मुख्य उद्देश्य कंपनी की नई यात्री वाहनों के मॉडलों का उत्पादन और इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग पर केंद्रित है।

Hyundai की अब तक की निवेश यात्रा

Hyundai ने अपने IPO ड्राफ्ट पेपर्स में बताया है कि पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने भूमि, प्लांट, उपकरण और इंटेन्जिबल एसेट्स के अधिग्रहण के लिए भारी खर्च किया है। पिछले कुछ सालों के दौरान उनके इस प्रकार के निवेश में तेजी आई है, जिससे यह साफ होता है कि कंपनी अपनी उत्पादन क्षमता और तकनीकी विकास में कोई कमी नहीं छोड़ रही है।

2022 में Hyundai ने 12,649.79 मिलियन रुपये, 2023 में 22,609.82 मिलियन रुपये और 2024 के पहले 6 महीनों में 5,355.84 मिलियन रुपये का निवेश किया।

भारत में भविष्य की योजनाएं

कंपनी की योजना है कि 2032 तक अपने निवेश को बेहतर ढंग से उपयोग में लाया जाए और इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग को ध्यान में रखते हुए नए मॉडलों की लॉन्चिंग की जाए। Hyundai ने अपने निवेश और उत्पादन के लक्ष्यों के जरिए स्पष्ट कर दिया है कि भारत उनके लिए एक प्रमुख बाजार है, खासकर जब बात इलेक्ट्रिक वाहनों की हो।

Hyundai की यह घोषणा यह भी संकेत देती है कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का बाजार अगले कुछ वर्षों में और भी मजबूत हो जाएगा, जिससे स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण-संबंधित समाधानों की ओर बढ़ने की गति बढ़ेगी।


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