मोरीगांव जेल से 5 कैदी फरार: जेल प्रशासन की बड़ी चूक के बाद जेल अधीक्षक निलंबित, पुलिस की जांच जारी
के कुमार आहूजा 2024-10-19 18:47:00
असम के मोरीगांव जिला जेल से 5 विचाराधीन कैदियों के फरार होने के बाद जेल प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। घटना ने पूरे जिले में सनसनी फैला दी, और पुलिस की सक्रियता के बावजूद अब तक फरार कैदियों का सुराग नहीं लग पाया है। इस भगोड़े वारदात के पीछे जो तरीका अपनाया गया, वह किसी फिल्मी सीन से कम नहीं था।
घटना की पूरी जानकारी
अधिकारियों के अनुसार, शुक्रवार रात मोरीगांव जिला जेल से पांच विचाराधीन कैदी फरार हो गए, जिन पर पोक्सो (POCSO) अधिनियम के तहत मामले चल रहे थे। इन कैदियों की पहचान सैफुद्दीन, जियारुल, नूर इस्लाम, माफिदुल, और अब्दुल रशीद के रूप में की गई है। पुलिस ने बताया कि कैदियों ने पहले अपनी बैरक की लोहे की सलाखों को तोड़ा और फिर कंबल, लुंगी और चादरों की मदद से 20 फीट ऊंची जेल की दीवार फांदी।
कैसे हुई यह वारदात?
रात के करीब 2 बजे यह घटना हुई। पुलिस की प्रारंभिक जांच में पाया गया कि कैदियों ने अपने बैरक की लोहे की छड़ों को तोड़ा और अपने पास मौजूद कपड़ों को जोड़कर लंबी रस्सी बनाई। इस रस्सी का इस्तेमाल उन्होंने जेल की ऊंची दीवार को पार करने के लिए किया। इस घटना के बाद जिला पुलिस और जेल अधिकारियों की टीम ने जेल परिसर का दौरा किया और मामले की जांच शुरू की।
जेल अधीक्षक निलंबित, जांच शुरू
इस घटना के बाद मोरीगांव जिला जेल के अधीक्षक प्रशांत सैकिया को निलंबित कर दिया गया है। असम पुलिस के प्रिज़न इंस्पेक्टर जनरल ने निलंबन का आदेश जारी किया। इसके साथ ही इस मामले में जेल प्रशासन की चूक की जांच के लिए एक मैजिस्ट्रेट स्तर की जांच भी शुरू की गई है। आरोप है कि जेल प्रशासन की लापरवाही का फायदा उठाकर कैदियों ने यह बड़ी साजिश रची और सफल हुए।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं
यह पहली बार नहीं है जब असम के जेलों से कैदी फरार हुए हों। इससे पहले मार्च 2023 में तेजपुर सेंट्रल जेल से भी तीन विचाराधीन कैदी भागने में सफल हुए थे। उन कैदियों ने जेल के शौचालय की खिड़की तोड़कर भागने का तरीका अपनाया था। उस घटना के फरार कैदियों की पहचान इंदजीत मंडल, जेहेरुल इस्लाम और थुलेश्वर टाती के रूप में की गई थी। इन घटनाओं ने जेलों में सुरक्षा की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
इस घटना के तुरंत बाद पुलिस ने पांचों फरार कैदियों की तलाश के लिए विभिन्न स्थानों पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। हालांकि, अभी तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला है, लेकिन पुलिस को उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इस मामले में एक नया केस दर्ज किया गया है और जांच जारी है।
पुलिस ने कहा कि उन्हें यकीन है कि फरार कैदी जल्द ही पकड़े जाएंगे और इसके लिए सभी संभावित स्थानों पर नज़र रखी जा रही है।
मोरीगांव जेल से पांच विचाराधीन कैदियों के इस तरह भागने की घटना ने जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ऐसे मामलों में जेल अधिकारियों की लापरवाही गंभीर मानी जाती है। अब यह देखना होगा कि जेल प्रशासन और पुलिस मिलकर किस तरह से इन फरार कैदियों को पकड़ने और सुरक्षा की चूक को सुधारने की दिशा में कदम उठाती है।