सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही अब लाइव: न्याय में पारदर्शिता और पहुँच को नया आयाम


के कुमार आहूजा  2024-10-19 08:49:50



सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही अब लाइव: न्याय में पारदर्शिता और पहुँच को नया आयाम

सुप्रीम कोर्ट ने न्यायिक प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और नागरिकों की सुलभता के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए सभी अदालती कार्यवाहियों का लाइव स्ट्रीमिंग शुरू कर दिया है। अब देश के कोने-कोने से लोग सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही को सीधे देख सकेंगे। यह सुविधा सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है, जिससे जनता आसानी से न्यायिक प्रक्रियाओं को सजीव रूप में देख सकती है।

लाइव स्ट्रीमिंग की शुरुआत और इसके महत्व

पहले सुप्रीम कोर्ट केवल संविधान पीठ की महत्वपूर्ण सुनवाइयों और राष्ट्रीय महत्व के मामलों की कार्यवाही को यूट्यूब पर लाइव स्ट्रीम करता था। परंतु अब इस सुविधा को और विस्तार देते हुए, सभी अदालती कार्यवाहियों को सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर लाइव स्ट्रीम किया जा रहा है। इसके लिए उपयोगकर्ता इस लिंक पर जाकर कार्यवाहियों को देख सकते हैं।

यह कदम 'स्वप्निल त्रिपाठी मामले' (2018) में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद उठाया गया, जिसमें न्यायालय ने कहा था कि महत्वपूर्ण मामलों की कार्यवाहियों को लाइव स्ट्रीम किया जाना चाहिए ताकि देश के सभी नागरिकों को न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा बनने का मौका मिले। इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट की पूर्ण पीठ ने संविधान पीठ की कार्यवाही को लाइव स्ट्रीम करने का निर्णय लिया था।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और लाइव ट्रांसक्रिप्शन का उपयोग

सुप्रीम कोर्ट ने लाइव स्ट्रीमिंग के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (NLP) तकनीक का उपयोग करते हुए महत्वपूर्ण सुनवाइयों का सीधा ट्रांसक्रिप्शन भी शुरू किया है। यह कदम न्यायालय की कार्यवाही को और अधिक स्पष्ट और सुलभ बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है। हाल ही में NEET-UG मामले और आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के स्वत: संज्ञान मामलों की सुनवाइयों में बड़ी संख्या में लोगों ने इसका लाभ उठाया।

ई-कोर्ट्स प्रोजेक्ट के तहत तकनीकी उन्नति

मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट ने ई-कोर्ट्स परियोजना के तीसरे चरण की शुरुआत की है। इसके अंतर्गत, पूरे देश में निचली अदालतों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई को सक्षम बनाने के लिए कोर्ट्स का अपना क्लाउड सॉफ़्टवेयर स्थापित किया जा रहा है। महामारी के दौरान अदालतों ने करीब 4.3 करोड़ सुनवाइयां वर्चुअल मोड में आयोजित की थीं, जिससे इस तकनीकी उन्नति का महत्व स्पष्ट हुआ।

न्यायिक प्रक्रिया में सुधार और नई दिशा

सुप्रीम कोर्ट द्वारा उठाए गए ये कदम भारतीय न्यायिक प्रणाली में एक नई दिशा की ओर संकेत करते हैं, जहां पारदर्शिता, सुलभता, और आधुनिक तकनीक का उपयोग न्याय को अधिक प्रभावी और नागरिकों के लिए समझने योग्य बनाता है। लाइव स्ट्रीमिंग और AI ट्रांसक्रिप्शन जैसे प्रयास न्यायिक व्यवस्था को अधिक समावेशी और आधुनिक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहे हैं।


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