न्यूनतम वजीफा देने की सिफारिश: जूनियर वकीलों के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया की नई गाइडलाइन्स
के कुमार आहूजा 2024-10-18 19:31:46
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने हाल ही में जूनियर वकीलों के लिए न्यूनतम वजीफे की सिफारिश की है, जिससे उन्हें शुरुआती करियर में आने वाली आर्थिक परेशानियों से राहत मिल सके। यह फैसला दिल्ली उच्च न्यायालय के 29 जुलाई के आदेशों के बाद लिया गया है, जहां एडवोकेट सिमरन कुमारी ने जूनियर वकीलों के सामने आने वाली वित्तीय चुनौतियों का मुद्दा उठाया था। इससे पहले मद्रास उच्च न्यायालय ने भी राज्य के जूनियर वकीलों के लिए ₹15,000 से ₹20,000 के मासिक वजीफे की सिफारिश की थी।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग वजीफे की सिफारिश
BCI ने शहरी क्षेत्रों में काम करने वाले जूनियर वकीलों के लिए ₹20,000 मासिक वजीफे की सिफारिश की है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह राशि ₹15,000 होगी। यह वजीफा जूनियर वकील की नियुक्ति के पहले तीन वर्षों तक दिया जाएगा, ताकि उन्हें आर्थिक सहयोग मिल सके और वे अपने करियर की शुरुआत में चुनौतियों का सामना कर सकें।
हालांकि, यह वजीफा अनिवार्य नहीं होगा, बल्कि सिफारिशी रूप में लागू किया गया है। BCI ने यह भी माना कि सभी सीनियर वकील और लॉ फर्म इस वजीफे का भुगतान करने की क्षमता नहीं रखते हैं, खासकर छोटे शहरों या कम मुनाफे वाले क्षेत्रों में काम करने वाले वकील और फर्म। इसलिए, इस सिफारिश को पेशे में सभी के लिए अनिवार्य नहीं किया गया है।
सीनियर वकीलों और फर्मों को दी गई मार्गदर्शन की जिम्मेदारी
BCI ने केवल आर्थिक सहायता पर जोर नहीं दिया, बल्कि सीनियर वकीलों और लॉ फर्मों से यह भी अपेक्षा की है कि वे जूनियर वकीलों को उचित मार्गदर्शन भी प्रदान करें। इसमें कोर्ट रूम ऑब्जर्वेशन, कानूनी शोध, ड्राफ्टिंग और केस रणनीति पर निर्देश देने का भी सुझाव दिया गया है। सीनियर वकील और लॉ फर्मों को जूनियर वकीलों के साथ उनकी सगाई को औपचारिक रूप देने के लिए पत्र जारी करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें वजीफे की राशि, अवधि और मार्गदर्शन के अवसरों का उल्लेख हो।
वार्षिक रिपोर्ट और रिकॉर्ड रखने का निर्देश
BCI ने सीनियर वकीलों और फर्मों को निर्देश दिया है कि वे वजीफा भुगतान और सगाई की शर्तों का सटीक रिकॉर्ड रखें और इसे संबंधित राज्य बार काउंसिल्स को वार्षिक रिपोर्ट में प्रस्तुत करें। अगर कोई जूनियर वकील वजीफा प्राप्त नहीं कर रहा है या उन्हें सगाई संबंधी शिकायतें हैं, तो वे अपनी राज्य बार काउंसिल में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। हालांकि, BCI ने यह भी कहा कि वित्तीय कठिनाइयों से जुड़ी वास्तविक शिकायतों पर लचीले ढंग से विचार किया जाएगा।
गाइडलाइन्स की समीक्षा और संशोधन का आश्वासन
BCI ने आगे यह भी बताया कि वह एक समिति गठित करेगी, जो समय-समय पर इन गाइडलाइन्स की समीक्षा करेगी और फीडबैक और आर्थिक परिस्थितियों के आधार पर वजीफे की राशि में समायोजन करेगी।
बहरहाल, BCI की यह पहल निश्चित रूप से जूनियर वकीलों के लिए राहत का काम करेगी, जो अपने करियर की शुरुआत में वित्तीय दबाव का सामना करते हैं। इससे न केवल उन्हें आर्थिक मदद मिलेगी, बल्कि सीनियर वकीलों और लॉ फर्मों के माध्यम से उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन और पेशेवर विकास के अवसर भी मिलेंगे।