वायुसेना अधिकारी की आत्महत्या से हड़कंप, जांच में जुटी पुलिस और वायुसेना
के कुमार आहूजा 2024-10-17 21:04:19
मंगलवार को आगरा जिले के खेरिया मोड़ स्थित वायुसेना परिसर में एक फ्लाइट लेफ्टिनेंट ने आत्महत्या कर ली, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। घटना की सूचना मिलते ही शहगंज पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। वायुसेना भी इस मामले की स्वतंत्र जांच कर रही है ताकि आत्महत्या के कारणों का पता लगाया जा सके।
घटना का विवरण
घटना मंगलवार सुबह की है, जब फ्लाइट लेफ्टिनेंट दीनदयाल, जो कि बिहार के मोरार गांव के रहने वाले थे, अपने कमरे में मृत पाए गए। सोमवार रात को वह अपने सहकर्मियों के साथ सामान्य रूप से खाना खा रहे थे और हंसी-मजाक भी कर रहे थे। खाने के बाद सब सोने चले गए, लेकिन सुबह जब दीनदयाल नहीं उठे, तो उनके साथियों ने उनके कमरे में जाकर देखा। दरवाजा अंदर से बंद था, जिसे तोड़कर जब अंदर घुसे, तो पाया कि वह बेहोश पड़े हुए हैं। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
प्रारंभिक जांच में कोई असामान्यता नहीं
डीसीपी (आगरा सिटी) सूरज राय ने बताया कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की सूचना वायुसेना स्टेशन से प्राप्त हुई थी, जिसके बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। प्रारंभिक जांच में पाया गया कि फ्लाइट लेफ्टिनेंट दीनदयाल सोमवार रात अपने सहकर्मियों के साथ हंसी-मजाक कर रहे थे और उनके व्यवहार में किसी तरह की असामान्यता नहीं देखी गई थी। इसलिए, फिलहाल यह साफ नहीं है कि उन्होंने यह कदम क्यों उठाया।
हालांकि, वायुसेना द्वारा भी इस मामले में एक अलग जांच शुरू की गई है, ताकि आत्महत्या के पीछे की वजह का पता लगाया जा सके। पुलिस और वायुसेना दोनों ही मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही हैं।
पूर्व की घटनाएं भी चिंता का विषय
इस घटना ने लोगों को जुलाई 2024 में हुई एक अन्य दुखद घटना की याद दिला दी, जब 22 वर्षीय अग्निवीर श्रीकांत चौधरी ने भी आगरा वायुसेना परिसर में आत्महत्या कर ली थी। श्रीकांत चौधरी बलिया जिले के रेवती पुलिस स्टेशन क्षेत्र के नारायणपुर गांव के निवासी थे। उनकी आत्महत्या के कारणों की जांच भी उस समय चल रही थी, और यह घटना वायुसेना परिसर में हो रही आत्महत्याओं पर सवाल खड़े करती है।
क्या आत्महत्या के पीछे तनाव कारण हो सकता है?
वायुसेना के अधिकारियों और जवानों में तनाव या मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं किसी भी आत्महत्या के पीछे एक संभावित कारण हो सकती हैं। हालांकि, अधिकारी दीनदयाल के मामले में अभी तक ऐसा कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है। डीसीपी सूरज राय ने कहा कि मामले की पूरी तहकीकात के बाद ही कोई स्पष्ट कारण सामने आ पाएगा।
इस बीच, वायुसेना और पुलिस अधिकारी यह सुनिश्चित करने के प्रयास में हैं कि परिसर में और आसपास के क्षेत्रों में मानसिक स्वास्थ्य सहायता और तनाव प्रबंधन से जुड़ी सुविधाओं को मजबूत किया जाए।
आत्महत्या रोकने के प्रयास और मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता
इस तरह की घटनाएं इस ओर इशारा करती हैं कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता फैलाना और जरूरतमंदों को समय रहते सहायता प्रदान करना कितना महत्वपूर्ण है। वायुसेना और पुलिस की जांच पूरी होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि आखिरकार फ्लाइट लेफ्टिनेंट दीनदयाल ने यह कदम क्यों उठाया, लेकिन इस घटना ने लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को गंभीरता से लेने की जरूरत का अहसास जरूर कराया है।