बिहार में जहरीली शराब का कहर: सिवान और सारण में बढ़ती मौतें, प्रशासन अलर्ट पर


के कुमार आहूजा  2024-10-17 13:58:55



 

बिहार में शराबबंदी के बावजूद जहरीली शराब पीने से लोगों की मौतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। हालिया घटनाओं ने फिर से राज्य की शराबबंदी नीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सिवान और सारण जिलों में जहरीली शराब के सेवन से मौतों का सिलसिला जारी है, जिससे प्रशासन और सरकार की चिंता बढ़ गई है। आखिर इस जहरीले जहर का जिम्मेदार कौन है?

घटना का विवरण:

ताजा जानकारी के अनुसार सिवान और सारण जिलों में जहरीली शराब पीने से अब तक कुल 12 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य अस्पतालों में जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। प्रशासन ने अब तक 6 मौतों की पुष्टि की है, जिसमें सबसे ज्यादा मौतें सिवान जिले में हुई हैं। सिवान के कौड़िया वैष टोला के 40 वर्षीय अरविंद सिंह, मगहर पोखरा के 30 वर्षीय रमेंद्र सिंह और 35 वर्षीय संतोष महतो, मुन्‍ना (32), ब्रिज मोहन सिंह, मोहन साह सहित कुल 9 लोगों की जान जा चुकी है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।

प्रशासन का रुख:

सिवान जिला अधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता ने बताया कि "संदिग्ध मौतों की सूचना मिली थी, जिसके बाद मैंने और जिला पुलिस अधीक्षक ने सिवान सदर अस्पताल का दौरा किया। वहां तीन लोगों को मृत अवस्था में लाया गया, जबकि एक अन्य ने रास्ते में दम तोड़ दिया। अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। आठ अन्य का इलाज सिवान सदर अस्पताल में और तीन का पीएमसीएच में इलाज चल रहा है।"

मुकुल कुमार गुप्ता ने यह भी कहा कि "मौत का असल कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगा। दो चौकीदारों को निलंबित कर दिया गया है और स्थानीय थाना प्रभारी, एसआई और एएसआई के खिलाफ भी कार्रवाई हो रही है। साथ ही पटना से शराबबंदी विभाग की टीम भी जांच के लिए भेजी जा रही है।"

गंभीर स्थिति:

सिवान सदर अस्पताल में भर्ती शैलेश साह ने बताया कि उसने मछली बेचने के बाद शराब खरीदी और पी। उसके बाद उसे चक्कर आने लगे और पेट में दर्द शुरू हो गया। वहीं, दिनेश गोंड ने बताया कि उसने मगहर गांव से 50 रुपये में शराब खरीदी थी और पीने के बाद उसे पेट दर्द और आंखों में धुंधलापन होने लगा।

दूसरी तरफ, सारण जिले के मशरख थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर गांव में जहरीली शराब पीने से तीन लोगों की मौत की खबर है, जबकि प्रशासन ने दो की मौत की पुष्टि की है। मृतकों में इस्लामुद्दीन और शमशाद अंसारी शामिल हैं, जबकि मुमताज अंसारी का इलाज छपरा सदर अस्पताल में चल रहा है। धमेंद्र शाह और राजेंद्र शाह अपनी दृष्टि खो चुके हैं।

प्रशासन की कार्रवाई:

सारण क्षेत्र के डीआईजी निलेश कुमार, जिला अधिकारी अमन समीर और पुलिस अधीक्षक डॉ. कुमार आशीष ने मौके का मुआयना किया। अमन समीर ने कहा, "दो लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। ये लोग सिवान के भगवानपुर से शराब लाए थे। हम मामले की पूरी जांच कर रहे हैं। दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है।"

शराबबंदी पर सवाल:

स्थानीय लोगों का मानना है कि सिवान और सारण जिलों में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि कई अन्य लोगों ने भी जहरीली शराब का सेवन किया है। प्रशासन ने शराब की दुकानों और ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी है।

बिहार में 2016 से लागू शराबबंदी के बावजूद शराब की तस्करी और बिक्री में कोई खास कमी नहीं आई है। अवैध शराब की बिक्री से जुड़े तस्कर मुनाफा कमाने के लिए जहरीली शराब बेचने से भी नहीं हिचकिचा रहे हैं। इस घटना ने राज्य की शराबबंदी नीति को एक बार फिर से कटघरे में खड़ा कर दिया है। विपक्ष भी सरकार की इस नीति पर लगातार सवाल उठा रहा है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी और प्रशांत किशोर ने भी इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना की है।

सिवान और सारण जिलों की हालिया घटनाओं ने राज्य की शराबबंदी नीति की विफलता को उजागर किया है। जहरीली शराब से हो रही मौतों का यह सिलसिला तब तक नहीं थमेगा जब तक तस्करों और अवैध शराब कारोबारियों पर सख्त कार्रवाई नहीं की जाती। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई के बावजूद, लोगों की जान की कीमत पर चल रही यह तस्करी सरकार और कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है।


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