काजीरंगा में पाई गई 446 तितलियों की प्रजातियाँ, देश में दूसरा स्थान
के कुमार आहूजा 2024-10-17 13:31:05
जब भी काजीरंगा नेशनल पार्क का ज़िक्र होता है, हम सबके मन में एक सींग वाले गैंडे की छवि उभरती है। लेकिन अब इस प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान में केवल गैंडे नहीं, बल्कि तितलियों की अद्भुत दुनिया भी पर्यटकों को आकर्षित कर रही है। तितलियों की विशाल विविधता ने इसे देश का दूसरा सबसे समृद्ध पार्क बना दिया है।
तितलियों का घर: काजीरंगा का नया आकर्षण
काजीरंगा नेशनल पार्क, जो पहले से ही एक सींग वाले गैंडे के लिए प्रसिद्ध है, अब तितलियों के मामले में भी विशेष पहचान बना चुका है। हाल ही में संपन्न 'बटरफ्लाई कंजर्वेशन मीट-2024' ने इस उद्यान की जैव विविधता को लेकर नई जानकारी सामने रखी। काजीरंगा अब नमदाफा नेशनल पार्क (अरुणाचल प्रदेश) के बाद देश में तितलियों की दूसरी सबसे बड़ी विविधता वाला क्षेत्र बन गया है।
काजीरंगा से 446 तितलियों की प्रजातियाँ दर्ज की गई हैं, जिनमें से 18 नई प्रजातियाँ हैं जिन्हें भारत में पहली बार देखा गया है। यह शोध डॉ. मानसून ज्योति गोगोई द्वारा किए गए वर्षों के मेहनत का परिणाम है।
बटरफ्लाई कंजर्वेशन मीट 2024: तितलियों की अनोखी दुनिया
सितंबर 27 से 29, 2024 के बीच काजीरंगा में 'बटरफ्लाई कंजर्वेशन मीट' का आयोजन किया गया, जिसमें देश भर से लगभग 40 तितली प्रेमियों ने हिस्सा लिया। इस आयोजन में असम के कॉलेजों, नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी (NEHU), महाराष्ट्र वन विभाग और नॉर्थ ईस्ट बटरफ्लाई ग्रुप के सदस्यों ने भाग लिया। इस दौरान 85 तितलियों की प्रजातियों का अवलोकन किया गया।
डॉ. मानसून ज्योति गोगोई, जो 2007 से तितलियों पर शोध कर रहे हैं, ने बताया कि काजीरंगा में तितलियों की विविधता अपने आप में अद्वितीय है क्योंकि यह हिमालय और पटकाई पर्वत श्रृंखला के बाहर स्थित है। उनके शोध के अनुसार, तितलियों की इतनी बड़ी संख्या और विविधता का होना इस पार्क के लिए विशेष उपलब्धि है।
नई किताब और संरक्षण प्रयास
इस इवेंट में डॉ. गोगोई की नई किताब, जो काजीरंगा में पाई गई 446 तितलियों की प्रजातियों पर आधारित है, का भी विमोचन किया गया। इस गाइडबुक में तितलियों के संरक्षण, उनकी पहचान और उनके आवास के बारे में जानकारी दी गई है।
काजीरंगा के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य तितलियों के संरक्षण को बढ़ावा देना था। तितलियाँ केवल सुंदर जीव नहीं हैं, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। तितलियों के संरक्षण से न केवल काजीरंगा का पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत होगा, बल्कि ये पार्क की जैव विविधता को भी और बढ़ाएगा।
काजीरंगा में पहले से ही 'बिग फाइव' – बाघ, भारतीय गैंडे, एशियाई हाथी, जंगली जल भैंसा, और दलदली हिरण का संरक्षण किया जा रहा है। अब तितलियों को इस सूची में जोड़कर यहाँ के समग्र संरक्षण प्रयासों को और मजबूत किया जा रहा है।
काजीरंगा नेशनल पार्क अब तितलियों की अनोखी दुनिया का भी घर बन चुका है, जिससे यह पर्यटकों के लिए एक और आकर्षण का केंद्र बन गया है। तितलियों की इतनी विशाल विविधता, विशेषकर इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए, एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। इस अनोखी जैव विविधता को संरक्षित करना आवश्यक है, और इस दिशा में काजीरंगा का यह कदम स्वागत योग्य है।