माध्यमिक शिक्षा निदेशालय: हितकारी निधि में फर्जी नियुक्तियों का बड़ा घोटाला! संजीव यादव ने उठाई आवाज
के कुमार आहूजा 2024-10-17 05:14:13
बीकानेर स्थित माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के 'हितकारी निधि' अनुभाग में बड़े पैमाने पर फर्जी और असंवैधानिक नियुक्तियों का आरोप लगाया गया है। इस विवाद में, उदयरामसर निवासी संजीव यादव ने आरोप लगाते हुए शिक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ शिकायत की है। उनके मुताबिक, इस अनुभाग में बिना किसी वैध प्रक्रिया के "बैकडोर एंट्री" से कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है।
क्या है मामला?
हितकारी निधि, जो कि शिक्षा विभागीय कर्मियों के वेतन से कटौती कर संचालित होती है, का उद्देश्य कर्मियों के कल्याण के लिए योजनाओं का क्रियान्वयन करना है। परंतु, संजीव यादव ने आरोप लगाया है कि इस संस्था में भर्ती प्रक्रिया के दौरान न तो कोई विज्ञापन निकाला गया, न परीक्षा और साक्षात्कार की प्रक्रिया अपनाई गई। उनका कहना है कि यह संस्था केवल सत्ता में प्रभावशाली लोगों के सगे-संबंधियों को नौकरियां देने के लिए इस्तेमाल की जा रही है।
यादव ने अतिरिक्त प्रमुख शासन सचिव (स्कूल शिक्षा) को पत्र लिखकर मांग की है कि इन गैरकानूनी नियुक्तियों की उच्चस्तरीय जांच की जाए और दोषी कर्मियों को बर्खास्त किया जाए। उन्होंने यह भी दावा किया है कि इन कर्मियों को राज्य सरकार के कर्मियों के बराबर वेतन और अन्य लाभ दिए जा रहे हैं, जबकि उनकी भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से अवैध रही है।
भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताएं
यादव द्वारा यह खुलासा किया गया है कि हितकारी निधि अनुभाग की समिति, जिसे कानूनी रूप से भर्ती करने का अधिकार नहीं है, कर्मियों की नियुक्ति करती आ रही है। यादव ने यह मांग की है कि सभी फर्जी नियुक्तियों को रद्द किया जाए और भविष्य में इस तरह की नियुक्तियों को वैध भर्ती एजेंसियों के माध्यम से किया जाए, ताकि रोस्टर और आरक्षण नियमों का पालन हो सके।
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में हो रहे इन भ्रष्टाचारों की गहराई से जांच होना अनिवार्य है। यदि आरोप सही साबित होते हैं, तो यह मामला शिक्षा विभाग की छवि को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है लिहाजा मामले की उच्च स्तरीय जाँच एवं दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई किया जाना आवश्यक है।