ड्रग्स से लेकर मेडिकल पेपर लीक तक: ईडी ने दो मामलों में 3.24 करोड़ की संपत्तियां जब्त कीं
के कुमार आहूजा 2024-10-16 13:40:51
भारत में मनी लॉन्ड्रिंग और अपराध से अर्जित संपत्तियों पर सख्ती बढ़ती जा रही है। हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पंजाब और जम्मू-कश्मीर में दो बड़े मामलों में कार्रवाई करते हुए करोड़ों रुपये की संपत्तियों को कुर्क कर लिया है। ये कार्रवाई नशीले पदार्थों की तस्करी और मेडिकल पेपर लीक जैसे गहरे अपराधों से जुड़ी है। आइए जानते हैं इन मामलों की पूरी कहानी।
विस्तृत रिपोर्ट:
निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए पंजाब और जम्मू-कश्मीर में करोड़ों रुपये की अचल संपत्तियों को जब्त किया है। पहला मामला पंजाब के जलंधर का है, जहाँ नशीली दवाओं की तस्करी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में रंजीत सिंह उर्फ राणा और उसके परिवार की संपत्तियां जब्त की गई हैं। वहीं, जम्मू-कश्मीर में 2012 के मेडिकल पेपर लीक कांड से जुड़े आरोपियों की संपत्तियों पर भी कार्रवाई की गई है।
जलंधर में ड्रग तस्करी का मामला:
ईडी ने जलंधर में रंजीत सिंह उर्फ राणा और उसके परिवार के सदस्यों की संपत्तियों को कुर्क किया है। इन संपत्तियों की कुल कीमत 1.93 करोड़ रुपये आंकी गई है। जब्त की गई संपत्तियों में राणा के परिवार के सदस्य हरभजन सिंह, सरवन सिंह और जसबीर कौर के नाम पर संपत्तियां शामिल हैं। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत की गई है। राणा और उसके परिवार पर नशीले पदार्थों की तस्करी से अर्जित काले धन को वैध संपत्तियों में बदलने का आरोप है।
जम्मू-कश्मीर का पेपर लीक कांड:
दूसरी तरफ, ईडी ने जम्मू-कश्मीर के चर्चित 2012 मेडिकल एंट्रेंस पेपर लीक मामले में भी कार्रवाई की है। इस मामले में चार लोगों—साजिद हुसैन भट, मोहम्मद अमीन गानी, सुहैल अहमद वानी और शब्बीर अहमद डार—की कुल 1.31 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त किया गया है। इन संपत्तियों को श्रीनगर और उसके आस-पास के इलाकों में कुर्क किया गया। ये चारों आरोपी, तत्कालीन BOPEE (Board of Professional Entrance Examinations) के चेयरमैन मुश्ताक अहमद पीर के साथ मिलकर JKCET-2012 के मेडिकल पेपर की बिक्री में शामिल थे। इस कांड से लगभग 2.50 करोड़ रुपये का काला धन उत्पन्न हुआ था, जिसे बाद में विभिन्न तरीकों से उपयोग किया गया।
ईडी की सख्त कार्रवाई:
ईडी द्वारा की गई इन दोनों कार्रवाइयों का मकसद न केवल अपराध से अर्जित संपत्तियों को जब्त करना है, बल्कि अपराधियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करना भी है। यह कार्रवाई यह संदेश देती है कि देश में मनी लॉन्ड्रिंग जैसे अपराधों पर कानून का शिकंजा कसता जा रहा है।
निष्कर्ष:
इन दोनों मामलों से यह स्पष्ट होता है कि प्रवर्तन निदेशालय बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग और अपराध से अर्जित संपत्तियों पर सख्ती से कार्रवाई कर रहा है। चाहे वह ड्रग तस्करी हो या मेडिकल परीक्षा जैसे अहम क्षेत्रों में धांधली, कानून का चाबुक उन सभी पर चलेगा, जो अपराध के रास्ते पर हैं।