राजधानी एक्सप्रेस में 11 साल की बच्ची के साथ छेड़छाड़: सुरक्षा पर उठे सवाल


के कुमार आहूजा  2024-10-16 12:50:15



 

राजधानी एक्सप्रेस जैसी प्रतिष्ठित ट्रेन में सुरक्षा चूक के कारण एक 11 साल की बच्ची के साथ हुई छेड़छाड़ ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना ने ट्रेन यात्रियों की सुरक्षा को लेकर व्यापक चिंता जताई है, खासकर जब महिलाएं और बच्चे यात्रा कर रहे हों।

विस्तृत रिपोर्ट:

सोमवार रात राजधानी एक्सप्रेस में एक 11 साल की बच्ची के साथ छेड़छाड़ की घटना ने रेलवे प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर किया है। यह घटना तब हुई जब बच्ची अपनी मां के साथ दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन से बेंगलुरु जा रही थी। घटना रात लगभग 2 बजे हुई, जब बच्ची को ट्रेन के एसी 3-टियर कोच में एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा कथित रूप से छेड़ा गया।

घटना की जानकारी

पीड़िता की मां ने घटना की जानकारी दी कि उस समय ट्रेन में कोई पुलिस कर्मी तैनात नहीं था। यह स्थिति न केवल रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे यात्रियों की सुरक्षा की अनदेखी हो सकती है, खासकर राजधानी एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण ट्रेन में।

इस घटना के बाद, यात्रियों ने विरोध प्रदर्शन किया और ट्रेन के ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर (TTE) से शिकायत की। हालांकि, घटना के तुरंत बाद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। बाद में भोपाल पुलिस की एक टीम ट्रेन में पहुंची और यात्रियों से आग्रह किया कि वे जब ट्रेन बेंगलुरु पहुंचे तो रेलवे पुलिस को शिकायत दर्ज करें। आरोपित को पकड़ने में असफल रहने के कारण, यात्रियों ने CCTV फुटेज की जांच की मांग की।

यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल

इस घटना ने ट्रेन में सुरक्षा कर्मियों की गैर-मौजूदगी को लेकर यात्रियों में गहरी नाराजगी पैदा की है। एक यात्री ने कहा, "हर रोज लाखों यात्री ट्रेन में सफर करते हैं और रात में सोने के कारण सुरक्षा का खतरा और बढ़ जाता है। पुलिस को और सक्रिय होना चाहिए ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।"

यह घटना खासतौर पर राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेन में हुई है, जहां सुरक्षा का स्तर अपेक्षाकृत ऊंचा माना जाता है, जिससे लोगों की चिंता और बढ़ गई है।

"मेरी सहेली" अभियान

इस घटना के संदर्भ में रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों का भी उल्लेख किया है। "मेरी सहेली" अभियान के तहत, रेलवे सुरक्षा बल (RPF) द्वारा अकेली यात्रा कर रही महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है। इस अभियान के तहत महिलाओं के PNR और सीट नंबर की जानकारी लेकर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है। ट्रेन में महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती भी की जाती है, जो महिलाओं के पास तैनात होती हैं।

उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, हिमांशु शेखर उपाध्याय ने कहा, "हर ट्रेन में सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी तैनात होते हैं, जो डिवीजन बदलने पर भी बदलते रहते हैं। यह समझ से परे है कि इस ट्रेन में पुलिसकर्मी क्यों नहीं थे, जहां यह घटना घटी। यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है।"

प्रशासनिक प्रतिक्रिया

दिल्ली डिवीजन के पीआरओ, अजय जे. माइकल ने कहा कि उन्होंने इस मामले पर डिविजनल सिक्योरिटी कमिश्नर से बात की है। हालांकि, यह मामला दिल्ली डिवीजन का नहीं है। घटना की जांच और सुरक्षा कर्मियों की गैर-मौजूदगी की वजह का पता लगाने के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

राजधानी एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण ट्रेन में घटी यह घटना भारतीय रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी रेलवे की है और इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए रेलवे को और सख्त और प्रभावी कदम उठाने होंगे।


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