कौन बनेगा विजेता? महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव की तारीख़ें आज घोषित होंगी
के कुमार आहूजा 2024-10-16 09:47:17
भारत के राजनीतिक मैदान में एक बार फिर से चुनावी हलचल शुरू हो चुकी है। महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों की तारीखों का एलान मंगलवार को होने जा रहा है। इसके साथ ही इन राज्यों में राजनीतिक पार्टियों की गतिविधियां और भी तेज़ हो जाएंगी। चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने सियासी गलियारों में नई उम्मीदें और चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।
विस्तृत रिपोर्ट:
मंगलवार को भारतीय चुनाव आयोग (ECI) द्वारा महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान किया जाएगा। आयोग राष्ट्रीय राजधानी के विज्ञान भवन के प्लेनरी हॉल में दोपहर 3:30 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करेगा। महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है, जबकि झारखंड की 81 सीटों वाली विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी, 2025 तक है। इस अवधि के समाप्त होने से पहले चुनावी प्रक्रिया को पूरा करना आवश्यक है।
इसके अलावा, देश में लगभग 50 उपचुनाव भी लंबित हैं, और संभावना जताई जा रही है कि चुनाव आयोग इन उपचुनावों के लिए भी तारीखों की घोषणा करेगा।
चुनावी तैयारियों का जायज़ा
सितंबर महीने में चुनाव आयोग की एक टीम ने महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावी तैयारियों का जायज़ा लिया था। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के नेतृत्व में एक टीम ने मुंबई का दौरा किया, जहां उन्होंने ज़िला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठकें कीं। इसी प्रकार, झारखंड में भी चुनाव आयोग के अधिकारियों ने विभिन्न राजनीतिक दलों और प्रशासनिक अधिकारियों से विचार-विमर्श किया।
झारखंड में मुख्य राजनीतिक दलों में भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस, और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) जैसे दलों ने चुनाव आयोग के सामने अपने विचार प्रस्तुत किए। इसके अलावा, क्षेत्रीय दलों ने भी चुनाव आयोग से मिलकर अपने प्रस्ताव रखे।
मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट लागू
चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही, दोनों राज्यों में आचार संहिता भी लागू हो जाएगी। इस संहिता के तहत सभी राजनीतिक दलों को चुनावी आचार संहिता का पालन करना अनिवार्य होगा, जिसमें सरकारी संसाधनों का चुनाव प्रचार में इस्तेमाल न करने का नियम प्रमुख है।
राजनीतिक परिदृश्य
महाराष्ट्र में प्रमुख संघर्ष महा युति और महा विकास आघाड़ी के बीच होने की संभावना है। महा युति गठबंधन में बीजेपी, शिवसेना, और एनसीपी शामिल हैं, जबकि महा विकास आघाड़ी में कांग्रेस, शरद पवार की एनसीपी और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (UBT) शामिल हैं। महाराष्ट्र में चुनाव का मुद्दा कई स्तरों पर सत्ताधारी और विपक्ष के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
वहीं झारखंड में, झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM)-कांग्रेस गठबंधन, जिसे इंडिया ब्लॉक के नाम से भी जाना जाता है, और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के बीच कड़ी टक्कर होगी। NDA में ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU), जनता दल (यूनाइटेड), और बीजेपी प्रमुख रूप से मैदान में हैं।
चुनावों का महत्त्व
इन चुनावों के परिणाम न केवल राज्यों के लिए बल्कि राष्ट्रीय राजनीति पर भी गहरा असर डाल सकते हैं। महाराष्ट्र की राजनीति में शिवसेना के विभाजन के बाद, आगामी चुनाव विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। झारखंड में भी JMM और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार के सामने चुनौती है कि वह अपने वोट बैंक को स्थिर बनाए रखे।
जैसे ही चुनाव आयोग चुनावी कार्यक्रम की घोषणा करेगा, महाराष्ट्र और झारखंड में राजनीतिक पारा और भी चढ़ेगा। दोनों राज्यों में सत्ताधारी और विपक्षी दलों के बीच सख्त मुकाबले की संभावना है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन से मुद्दे प्रमुख बनेंगे और जनता किसे अपना समर्थन देती है।