एसआई भर्ती घोटाले पर बड़ा खुलासा: भास्कर की रिपोर्ट पर एटीएस और एसओजी का पलटवार, सबूतों की मांग


के कुमार आहूजा  2024-10-16 08:02:28



 

हाल ही में एक विवादित रिपोर्ट ने राजस्थान के पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट, जिसमें एसआई भर्ती घोटाले में एसओजी पर सवाल उठाए गए हैं, को लेकर एटीएस के वरिष्ठ अधिकारी महावीर सिंह ने कड़ी आपत्ति जताई है। इस मामले में एटीएस ने भास्कर के पत्रकार से सबूत पेश करने की मांग की है। क्या इस घोटाले में सचमुच कोई बड़ी साजिश है, या फिर यह महज भास्कर की एक जांच रिपोर्ट का नतीजा है? आइए, जानते हैं पूरी कहानी।

विस्तृत रिपोर्ट: 

14 अक्टूबर 2024 को, एटीएस और एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक महावीर सिंह ने दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशित एक खबर पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। भास्कर की रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि एसओजी ने एसआई भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में जांच को ठीक से नहीं किया और आरोपियों को बचाने की कोशिश की गई। रिपोर्ट के अनुसार, 69 आरोपियों की सूची में से कुछ नाम जानबूझकर हटाए गए और इन्हें "क्लीन चिट" दे दी गई। साथ ही, 56 ऐसे अभ्यर्थियों का भी जिक्र था, जो डमी उम्मीदवारों की मदद से पास हुए और अभी आरपीए (राजस्थान पुलिस अकादमी) में ट्रेनिंग ले रहे हैं।

महावीर सिंह ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि एसओजी द्वारा अभी तक 11 आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा चुकी है। इनमें सुभाष विश्नोई (मेरिट क्रमांक 28) और मनीष बेनीवाल (मेरिट क्रमांक 100) जैसे नाम शामिल हैं, जिनके खिलाफ चालान अदालत में पेश किया जा चुका है। हालांकि, प्रियंका गोस्वामी (मेरिट क्रमांक 102) अभी भी फरार है। उन्होंने यह भी कहा कि भास्कर की रिपोर्ट में जिन 56 एसआई को संदिग्ध बताया गया है, उनके खिलाफ किसी प्रकार का सबूत पेश नहीं किया गया है।

खबर की विश्वसनीयता पर सवाल: 

महावीर सिंह ने भास्कर की खबर को आधारहीन और तथ्यों से परे बताते हुए कहा कि इस रिपोर्ट का उद्देश्य एसओजी की जांच प्रक्रिया को प्रभावित करना है। उन्होंने सवाल उठाया कि रिपोर्ट में जिन आरोपों का जिक्र किया गया है, वे किस आधार पर किए गए हैं, और अगर भास्कर के पास कोई प्रमाण हैं, तो उन्हें प्रस्तुत किया जाए।

पत्रकार को सबूत प्रस्तुत करने का निर्देश: 

महावीर सिंह ने दैनिक भास्कर के पत्रकार रणजीत सिंह चारण को 15 अक्टूबर 2024 को एसओजी के जयपुर स्थित कार्यालय में उपस्थित होकर सभी संबंधित दस्तावेज और सबूत पेश करने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर पत्रकार सबूत पेश करने में असफल रहते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। एटीएस का मानना है कि इस प्रकार की खबरें जांच में बाधा डाल सकती हैं और आरोपियों को बचाने की साजिश हो सकती है।

घोटाले में शामिल अन्य नाम: 

भास्कर की रिपोर्ट में कई और नामों का भी जिक्र किया गया था, जैसे कि नितेश कुमार मांजू (मेरिट क्रमांक 121), दिनेश कुमार (मेरिट क्रमांक 131), प्रकाश कुमार (मेरिट क्रमांक 133), और कीर्तिध्वज सिंह झाला (मेरिट क्रमांक 206), जिनकी जांच चल रही है। वहीं, महेंद्र डूडी और विनोद शर्मा को एसओजी द्वारा पूछताछ के बाद आरपीए वापस भेजा गया था। इसके अलावा, रिपोर्ट में उल्लेखित ओमप्रकाश पुलिस उपाधीक्षक और यूनिक भाम्बू के संबंधों पर भी सवाल उठाए गए, जिन पर महावीर सिंह ने जवाब देने की मांग की है।

क्लीन चिट पर उठा विवाद: 

भास्कर की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कुछ आरोपियों को एसओजी ने क्लीन चिट दे दी, लेकिन महावीर सिंह ने इस दावे को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि भास्कर के पास अगर कोई साक्ष्य हैं कि ओमप्रकाश या अन्य किसी आरोपी को क्लीन चिट दी गई है, तो वे प्रस्तुत किए जाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि जांच अभी भी जारी है और कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।

यह विवाद एसआई भर्ती घोटाले के एक बड़े पर्दाफाश के रूप में उभरकर सामने आया है। भास्कर और एटीएस के बीच चल रहे इस संवाद ने जांच प्रक्रिया पर गहराई से सवाल खड़े कर दिए हैं। जबकि एटीएस का दावा है कि उनकी जांच निष्पक्ष और सटीक है, भास्कर ने अपनी रिपोर्ट के माध्यम से कई नए तथ्य उजागर करने का दावा किया है। अब देखना यह है कि क्या पत्रकार रणजीत सिंह चारण अपने आरोपों को साबित कर पाते हैं, या फिर यह विवाद कानूनी जंग का रूप ले लेता है।


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