कोलकाता में डॉक्टरों का द्रोह कार्निवल: बलात्कार और हत्या के खिलाफ अनशन के 11वें दिन भी जारी विरोध
के कुमार आहूजा 2024-10-16 05:01:36
क युवा महिला डॉक्टर के साथ हुए जघन्य बलात्कार और हत्या के खिलाफ चल रहे विरोध-प्रदर्शन ने शहर का माहौल गर्म कर दिया है। आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों द्वारा अनशन प्रदर्शन ने 11वें दिन प्रवेश किया है, और इस गंभीर मामले पर सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई भी जारी है। इस विरोध में हिस्सा लेने वाले डॉक्टरों की सेहत पर भी असर दिखने लगा है, लेकिन उनकी मांगें जस की तस बनी हुई हैं।
विस्तृत रिपोर्ट:
कोलकाता में आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज की एक 31 वर्षीय डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की दुखद घटना के खिलाफ डॉक्टरों का अनशन 11वें दिन भी जारी है। इस घटना ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है और डॉक्टरों के इस आंदोलन को समाज के विभिन्न वर्गों का समर्थन मिल रहा है। यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है, जहां चीफ जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में एक तीन जजों की बेंच इस मुद्दे पर सुनवाई कर रही है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की जांच के खुलासों को "चौंकाने वाला" बताया था।
बलात्कार और हत्या के खिलाफ अनशन
अनशन कर रहे डॉक्टरों की मांगें इस घटना की निष्पक्ष जांच और दोषियों को सख्त सजा दिलाने की हैं। इस विरोध की अगुवाई कर रहे जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। यह अनशन 5 अक्टूबर को शुरू हुआ था और अब तक कई डॉक्टरों की हालत बिगड़ चुकी है। हाल ही में, सोमवार को एक और डॉक्टर तान्या पंजा बेहोश हो गईं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। वह उन छह डॉक्टरों में से एक थीं, जिन्होंने सबसे पहले अनशन शुरू किया था।
इसके पहले भी, चार और जूनियर डॉक्टरों - अनिकेत महतो, अनुष्टुप मुखोपाध्याय, प्लस्त्या आचार्य और अलोक वर्मा - को मेडिकल कंडीशन खराब होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। लेकिन इसके बावजूद आंदोलनकारियों का कहना है कि वे पीछे नहीं हटेंगे।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई और CBI की जांच
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में CBI द्वारा किए गए खुलासों ने मामले को और भी संवेदनशील बना दिया है। कोर्ट ने CBI की जांच पर चिंता जताते हुए कहा कि इस केस के तथ्य बेहद परेशान करने वाले हैं। आज मंगलवार को कोर्ट में इस पर फिर से सुनवाई होनी है, जिसमें डॉक्टरों के अनशन और मामले की प्रगति पर ध्यान दिया जाएगा। कोर्ट के फैसले का सभी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि इससे आंदोलन की दिशा और न्याय प्रक्रिया पर गहरा असर पड़ेगा।
द्रोह कार्निवल: विरोध का अनोखा तरीका
इस बीच, कोलकाता में दो बड़े आयोजन हो रहे हैं, जिनमें एक है राज्य सरकार द्वारा आयोजित वार्षिक दुर्गा प्रतिमा विसर्जन कार्निवल, और दूसरा है डॉक्टरों के विरोध का प्रतीक बना 'द्रोह कार्निवल'। डॉक्टरों के इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन राज्य की मेडिकल बिरादरी द्वारा किया गया है, जो बलात्कार और हत्या के मामले में त्वरित न्याय की मांग कर रहे हैं।
कोलकाता पुलिस ने इस 'द्रोह कार्निवल' के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने से इनकार कर दिया है, लेकिन डॉक्टरों ने अपने प्रदर्शन को जारी रखने की घोषणा की है। इस स्थिति को संभालने के लिए पुलिस ने विरोध स्थल के आसपास धारा 144 भी लगा दी है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति को टाला जा सके।
आंदोलन की आगे की राह
मेडिकल बिरादरी का यह प्रदर्शन न केवल न्याय के लिए बल्कि मेडिकल समुदाय के अधिकारों और सुरक्षा के मुद्दों को भी उजागर कर रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि वे अपने साथी के लिए न्याय की लड़ाई लड़ रहे हैं और यह विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं।
इस मामले ने राज्य में कानून और व्यवस्था को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, और अब सबकी नजरें सुप्रीम कोर्ट के आगामी फैसले पर टिकी हैं।
इस जघन्य अपराध और उसके बाद के विरोध ने पूरे राज्य को हिला दिया है, और यह देखना होगा कि न्याय की इस लड़ाई में डॉक्टरों को कब और कैसे सफलता मिलती है।