झारखंड जल जीवन मिशन घोटाले में ED के छापे: IAS मनीष रंजन और अन्य अभियंताओं पर कसा शिकंजा


  2024-10-15 04:52:14



 

झारखंड में जल जीवन मिशन के तहत हुए करोड़ों के घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई ने बड़े अधिकारियों और राजनेताओं के करीबियों को घेरे में ले लिया है। इस मामले में IAS अधिकारी मनीष रंजन और ठेकेदार विजय अग्रवाल सहित कई अभियंताओं के घरों पर एक साथ छापेमारी की जा रही है। 

विस्तृत रिपोर्ट:

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड में एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए जल जीवन मिशन घोटाले से जुड़े करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया है। ED इस मामले में 20 से अधिक स्थानों पर छापेमारी कर रही है, जिसमें झारखंड के वरिष्ठ IAS अधिकारी मनीष रंजन, मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर के निजी सचिव, उनके भाई और कई इंजीनियरों के ठिकानों पर छापा मारा गया।

जल जीवन मिशन में घोटाले की पुष्टि:

जल जीवन मिशन, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करना है, अब घोटाले का केंद्र बन गया है। ED की टीम ने पाया कि इस मिशन में भारी भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के चलते सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। सूत्रों के अनुसार, ठेकेदार विजय अग्रवाल, जो पीएचईडी विभाग (सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग) से जुड़ा है, के घर पर भी ED की टीम छापेमारी कर रही है और घोटाले से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज़ बरामद करने में जुटी है।

IAS अधिकारी मनीष रंजन पर शिकंजा:

IAS मनीष रंजन, जो जल जीवन मिशन से जुड़े थे, का नाम इस घोटाले में उभर कर सामने आया है। ED की टीम ने उनके रिश्तेदार के घर पर भी छापेमारी की है। मनीष रंजन के करीबी सहयोगियों और उनके संपर्कों की भी जांच की जा रही है। सूत्रों का मानना है कि रंजन के पास जल जीवन मिशन से जुड़े घोटाले के बारे में विस्तृत जानकारी हो सकती है और उनके कई संपत्ति दस्तावेज़ भी संदेह के घेरे में हैं।

मंत्री के सचिव और अन्य अभियंता भी निशाने पर:

मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर के निजी सचिव और उनके भाई के घर पर भी ED की टीम ने छापा मारा है। जांच में इन पर जल जीवन मिशन से जुड़े ठेकों में भारी भ्रष्टाचार का आरोप है। साथ ही, कई इंजीनियरों को भी इस घोटाले में संलिप्त माना गया है, जिन्होंने ठेकों में हेराफेरी की और कार्यों की गुणवत्ता से समझौता किया।

ED की सख्त कार्रवाई:

ED के इस कड़े कदम से यह साफ हो गया है कि झारखंड में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हो रहा था और सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया गया। इस कार्रवाई ने प्रशासन और राजनीति से जुड़े कई बड़े नामों को कटघरे में खड़ा कर दिया है। ED द्वारा जांच अब और भी गहराई से की जाएगी, जिससे पता चल सकेगा कि इस घोटाले के और कौन-कौन से नाम उजागर होते हैं।

झारखंड के जल जीवन मिशन घोटाले की यह जांच राज्य में भ्रष्टाचार के गंभीर स्तर को उजागर कर सकती है। ED की इस कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि इस घोटाले में कई प्रभावशाली अधिकारी और राजनेता शामिल हैं। आने वाले दिनों में इस मामले में और भी खुलासे होने की संभावना है, जो झारखंड की राजनीति और प्रशासन में हलचल मचा सकते हैं।


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