धारणियां वंशावली पुस्तक का विमोचन: 20 पीढ़ियों के इतिहास का दस्तावेज
के कुमार आहूजा 2024-10-14 09:03:11
धारणियां वंशावली पुस्तक का विमोचन: 20 पीढ़ियों के इतिहास का दस्तावेज
धारणियां वंशजों के इतिहास को जीवित रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। कर्नल गंगाराम धारणियां द्वारा संकलित और प्रकाशित की गई "धारणियां वंशावली" पुस्तक का विमोचन हाल ही में डबवाली की बिश्नोई धर्मशाला में हुआ। यह पुस्तक धारणियां वंश की लगभग 20 पीढ़ियों के ऐतिहासिक विवरणों का संग्रह है, जो समाज के लिए एक मूल्यवान धरोहर है। पुस्तक का विमोचन सहीरामजी धारणियां, अविभाजित पंजाब और हरियाणा के पहले विधायक और अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, द्वारा किया गया।
समारोह का विवरण:
डबवाली की बिश्नोई धर्मशाला में आयोजित इस विमोचन कार्यक्रम में समाज के कई प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल हुए। मुख्य अतिथि के रूप में समाज के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक सहीराम धारणियां ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम का आयोजन इन्द्रजीतसिंह धारणियां, जो बिश्नोई धर्मशाला के सचिव भी हैं, के द्वारा किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर देश के विभिन्न क्षेत्रों से धारणियां वंश के प्रमुख और गणमान्य सदस्य शामिल हुए।
विमोचन कार्यक्रम में बीकानेर से कर्नल गंगाराम बिश्नोई, राजारामजी धारणियां, डॉ. अशोक धारणियां, मांगीलालजी, जयनारायण, जयपाल, मनोहर, किशन धारणियां, हरीश धारणियां, डॉ. सुनील धारणियां, रामेश्वरलाल, कर्नल सुरेश धारणियां, अशीष, विनोद धारणियां, हंसराजजी, ज्ञानप्रकाशजी, पुस्तक के मुद्रक राजस्थान कम्प्यूटर एवं प्रिण्टर्स के बृजरतन भोजक व समाज के अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।
पुस्तक की विशेषता:
धारणियां वंशावली एक संग्रहणीय दस्तावेज है, जिसमें कर्नल गंगाराम बिश्नोई ने वंश की उत्पत्ति से लेकर अब तक की 20 पीढ़ियों का इतिहास संकलित किया है। यह वंशावली समाज के लिए एक अनमोल धरोहर के रूप में सामने आई है, जिसमें धारणियां परिवार के विभिन्न सदस्यों की कहानियां और योगदानों का विवरण शामिल है। इस प्रकार की पुस्तकों का महत्व उस समय और बढ़ जाता है, जब समाज की नई पीढ़ी अपने पूर्वजों के बारे में जानना चाहती है और उनके इतिहास को संरक्षित रखना चाहती है।
लेखक के बारे में दो शब्द:
कर्नल गंगाराम बिश्नोई का जन्म 14 नवम्बर, 1941 को श्री रामलाल धारणियां और श्रीमती तुलसीदेवी के यहां हुआ था। उन्होंने 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध में देश की सेवा की। वर्तमान में वे बीकानेर की व्यास कॉलोनी में निवास कर रहे हैं। अपने जीवन के इस अनमोल अनुभव और अपने समाज के प्रति गहरी निष्ठा के चलते, उन्होंने इस पुस्तक के रूप में अपने वंशजों के इतिहास को संजोने का महत्वपूर्ण कार्य किया है।
वंशावली का महत्व और उपयोगिता:
वंशावली समाज के प्रत्येक सदस्य के लिए गर्व का विषय है। यह न केवल वंश की उत्पत्ति को स्पष्ट करती है, बल्कि इस प्रक्रिया में समाज के विभिन्न योगदानों और उनके ऐतिहासिक संदर्भों का भी पता चलता है। धारणियां वंशावली पुस्तक इसी उद्देश्य को पूरा करती है। कर्नल गंगाराम बिश्नोई द्वारा इस पुस्तक का संकलन समाज के भविष्य के लिए एक अमूल्य धरोहर साबित होगी। यह समाज के लोगों के बीच आपसी संबंधों को समझने और वंशजों के बीच के तारतम्य को मजबूत करने में भी सहायक सिद्ध होगी।
सम्मान और सराहना:
इस अवसर पर उपस्थित सभी गणमान्य व्यक्तियों ने कर्नल गंगाराम बिश्नोई के इस प्रयास की सराहना की और धारणियां वंश के इतिहास को संरक्षित रखने के लिए उनका धन्यवाद किया। वंशावली के माध्यम से समाज के सभी सदस्यों को अपने इतिहास और पूर्वजों के योगदान के बारे में जागरूक करने का यह प्रयास प्रशंसनीय है।
बहरहाल, धारणियां वंशावली पुस्तक का विमोचन समाज के लिए एक ऐतिहासिक और गर्व का क्षण है। यह न केवल धारणियां समाज बल्कि समूचे बिश्नोई समाज के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनेगी। कर्नल गंगाराम बिश्नोई द्वारा किया गया यह कार्य समाज के इतिहास को सजीव रखने और नई पीढ़ियों को उनके पूर्वजों के प्रति गर्व महसूस करने का अवसर प्रदान करेगा।