किडनी और यूरोलॉजी संबंधी रोगों के प्रति जागरूकता की बढ़ती जरूरत: डॉक्टरों की सलाह और सही उपचार के महत्व पर जोर
के कुमार आहूजा 2024-10-14 08:13:56
बीकानेर के सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज में यूरोलॉजी जागरूकता दिवस के अवसर पर एक महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इस दौरान यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख, डॉ. मुकेश आर्य ने उपस्थित लोगों को यूरोलॉजी से जुड़ी बीमारियों के बारे में जागरूक किया और सही समय पर उपचार कराने की आवश्यकता पर जोर दिया। वर्तमान समय में यूरोलॉजी से संबंधित बीमारियां जैसे किडनी स्टोन, प्रोस्टेट कैंसर और मूत्र संक्रमण लोगों के लिए बड़ी समस्या बनती जा रही हैं। इस कार्यक्रम के जरिए आम जनता को सही विशेषज्ञ और सही समय पर इलाज के बारे में जागरूक करना प्राथमिक उद्देश्य था।
यूरोलॉजी विशेषज्ञ से सही उपचार की आवश्यकता:
डॉ. आर्य ने इस मौके पर बताया कि कई बार मरीज किडनी स्टोन और प्रोस्टेट जैसी गंभीर बीमारियों का उपचार सही समय पर नहीं करवा पाते हैं। इसके पीछे एक बड़ा कारण है - योग्य यूरोलॉजिस्ट से परामर्श न लेना। कई मरीज पहले अन्य चिकित्सा पद्धतियों का सहारा लेते हैं और जब अंत में एलोपैथिक इलाज के लिए आते हैं, तब तक उनकी हालत गंभीर हो चुकी होती है। उन्होंने बताया कि हर साल 70 से 80 मरीजों की किडनी को ऑपरेशन कर निकालना पड़ता है, जो सही समय पर इलाज न करवाने का नतीजा है।
आयुष्मान भारत योजना के तहत निःशुल्क इलाज:
पीबीएम अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के तहत सभी प्रकार की यूरोलॉजी सर्जरी नि:शुल्क की जाती है, जिसका जिक्र डॉ. आर्य ने प्रेस वार्ता के दौरान किया। उन्होंने बताया कि राज्य के नागरिक इस योजना के तहत बड़ी संख्या में लाभ प्राप्त कर सकते हैं, बशर्ते वे शुरुआती चरण में ही सही डॉक्टर से परामर्श लें। प्रोस्टेट कैंसर, पुरुष बांझपन, मूत्र संक्रमण, महिलाओं में पेशाब लीकेज जैसी बीमारियां यदि समय रहते सही यूरोलॉजिस्ट द्वारा देखी जाएं, तो मरीज की जान बचाई जा सकती है।
महिलाओं में पेशाब रोकने की समस्या (स्ट्रेस यूरीनरी इंकंटिनेंस):
महिलाओं में पेशाब रोकने की समस्या एक सामान्य लेकिन गंभीर समस्या बनती जा रही है। डॉ. आर्य ने बताया कि इस समस्या से जूझ रही महिलाओं को घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसके लिए प्रभावी और सुरक्षित इलाज उपलब्ध हैं। आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों में टीओटी स्लिंग जैसी प्रक्रियाएं सफल साबित हो रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं इस समस्या को छिपाने या नजरअंदाज करने की बजाय तुरंत किसी योग्य यूरोलॉजिस्ट से परामर्श लें।
यूरोलॉजी विशेषज्ञों की उपलब्धता:
डॉ. आर्य ने जानकारी देते हुए बताया कि पहले की तुलना में यूरोलॉजी की सीटों में वृद्धि हुई है, जिससे देशभर में अब 300 और राजस्थान में 40 यूरोलॉजी विशेषज्ञ उपलब्ध हैं। बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में कुल 8 यूरोलॉजिस्ट मौजूद हैं, जिनमें से 4 सरकारी और 4 निजी क्षेत्र में काम कर रहे हैं। यह संख्या बीकानेर के मरीजों के लिए एक राहत की खबर है क्योंकि यहां के लोग अब यूरोलॉजी संबंधी समस्याओं का इलाज पास में ही करा सकते हैं।
यूरोलॉजी कैंप और जागरूकता कार्यक्रम:
प्रेस वार्ता के दौरान डॉ. आर्य ने बताया कि पीबीएम अस्पताल में हर हफ्ते सोमवार और बुधवार को महिलाओं के लिए विशेष कैंप का आयोजन किया जाता है, जिसमें पेशाब संबंधी समस्याओं की स्क्रीनिंग की जाती है। इन कैंपों के माध्यम से सैकड़ों महिलाओं को निःशुल्क जांच और उपचार की सुविधा मिल रही है। ऐसे कैंप का मुख्य उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना और सही समय पर मरीजों को उचित उपचार दिलाना है।
बहरहाल, यूरोलॉजी संबंधी बीमारियों का समय पर और सही इलाज बहुत महत्वपूर्ण है, जिससे गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है। प्रेस वार्ता के दौरान यह भी स्पष्ट हुआ कि किडनी, प्रोस्टेट और यूरिनरी ट्रैक्ट से जुड़ी समस्याओं का इलाज अब बीकानेर में भी संभव है, और सरकार की योजनाओं के तहत निःशुल्क सेवाएं भी प्रदान की जा रही हैं। आम जनता को जागरूक रहना और सही विशेषज्ञ से परामर्श लेना बेहद जरूरी है, ताकि भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचा जा सके।