लेबनान में ईरान का सशक्त समर्थन: हिज़बुल्लाह संघर्ष के बीच क़ालीबाफ़ का ऐलान


के कुमार आहूजा  2024-10-14 08:11:19



 

लेबनान और इस्राइल के बीच जारी संघर्ष ने क्षेत्रीय राजनीति को और भी पेचीदा बना दिया है। ऐसे में ईरानी संसद के अध्यक्ष मोहम्मद बाक़ेर क़ालीबाफ़ की लेबनान यात्रा और उनके द्वारा देश को पूर्ण समर्थन देने का वादा मध्य पूर्व में शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण बन गया है। ईरान ने लेबनान के सरकार और लोगों को हर तरह से सहयोग देने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है, जो इस संघर्ष के हालात को कैसे प्रभावित कर सकता है?

विस्तृत रिपोर्ट:

ईरानी संसद के अध्यक्ष मोहम्मद बाक़ेर क़ालीबाफ़ ने लेबनान की राजधानी बेरूत में अपने समकक्ष नबिह बेरी से मुलाकात की और इस दौरान यह आश्वासन दिया कि ईरान लेबनान के साथ हर संभव सहयोग करेगा। क़ालीबाफ़ ने एक प्रेस वार्ता में कहा, “ईरान लेबनान सरकार, उसकी जनता और इस्लामिक प्रतिरोध (हिज़बुल्लाह) द्वारा लिए गए सभी निर्णयों को पूरा समर्थन देगा।” यह बयान ऐसे समय आया है जब इस्राइल और हिज़बुल्लाह के बीच संघर्ष फिर से तेज़ हो चुका है, और लेबनान पर भारी इस्राइली हमले जारी हैं।

ईरान का मानवीय सहयोग और एयरब्रिज का वादा

क़ालीबाफ़ ने यह भी घोषणा की कि ईरान लेबनान के विस्थापित और युद्ध प्रभावित लोगों की सहायता करने के लिए तैयार है। इसके लिए वह सरकार की निगरानी में एक मानवीय एयरब्रिज शुरू करने को भी तत्पर है। इससे लेबनान के उन हिस्सों में राहत सामग्री पहुँचाने में मदद मिलेगी जो इस संघर्ष में सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं।

क़ालीबाफ़ की यात्रा और हिज़बुल्लाह से समर्थन

लेबनान के लिए इस संघर्ष के समय में क़ालीबाफ़ का दौरा ईरान के लगातार समर्थन का संकेत देता है। हिज़बुल्लाह, जो लेबनान में एक प्रमुख राजनीतिक और सैन्य ताकत है, ईरान से घनिष्ठ रूप से जुड़ी हुई है। क़ालीबाफ़ ने हिज़बुल्लाह के महासचिव हसन नसरल्लाह की मृत्यु पर शोक व्यक्त करते हुए भी अपना समर्थन व्यक्त किया। नसरल्लाह की मृत्यु से संगठन पर गहरा असर पड़ा है, और इस संवेदनशील समय में ईरान की मदद हिज़बुल्लाह के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

इस्राइली हमलों से प्रभावित क्षेत्र

क़ालीबाफ़ ने बेरूत के अल-नौएरी इलाके का दौरा भी किया, जो हाल ही में इस्राइली हवाई हमलों से बुरी तरह प्रभावित हुआ था। इस हमले में 22 से अधिक लोग मारे गए और 117 से अधिक घायल हो गए। यह इलाका घनी आबादी वाला है, और इस पर हमले से मानवीय संकट और गहरा हो गया है।

लेबनानी सरकार की प्राथमिकताएं

क़ालीबाफ़ ने लेबनान के प्रधानमंत्री नजीब मिकाती से मुलाकात के दौरान लेबनानी सरकार की प्राथमिकताओं का समर्थन किया। इन प्राथमिकताओं में प्रमुख रूप से संघर्ष विराम पर काम करना, इस्राइली आक्रामकता को रोकना, और लेबनान की सुरक्षा और उसकी जनता की सुरक्षा को सुनिश्चित करना शामिल है।

संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव 1701 का क्रियान्वयन

क़ालीबाफ़ ने लेबनान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 के कार्यान्वयन के लिए भी प्रोत्साहित किया। यह प्रस्ताव लेबनान के दक्षिणी हिस्से में सेना की उपस्थिति को मजबूत करने और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इस्राइल पर दबाव डालने का आह्वान करता है, ताकि इस प्रस्ताव का पूरी तरह से पालन किया जा सके।

संघर्ष की पृष्ठभूमि

23 सितंबर से इस्राइल ने लेबनान में भारी हवाई हमले शुरू किए हैं, विशेष रूप से बेरूत और उसके उपनगरों में। हिज़बुल्लाह और इस्राइल के बीच यह संघर्ष तब भड़क गया जब एक साल पहले हिज़बुल्लाह ने गाजा युद्ध की शुरुआत में इस्राइल पर रॉकेट दागे थे। इस संघर्ष ने अब लेबनान को फिर से एक गंभीर संकट में धकेल दिया है, जिससे हिज़बुल्लाह और इस्राइल के बीच तनाव और भी बढ़ गया है।

बहरहाल, ईरान का लेबनान के प्रति यह समर्थन न केवल इस क्षेत्र में उसके प्रभाव को दिखाता है, बल्कि मध्य पूर्व की व्यापक राजनीति में उसकी प्रमुख भूमिका को भी रेखांकित करता है। इस समर्थन के साथ, लेबनान को अपनी सुरक्षा और शांति के लिए नए अवसर मिल सकते हैं, लेकिन यह संघर्ष कितना लंबा चलेगा और इसका क्या परिणाम होगा, यह देखने वाली बात होगी।


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