दिल्ली की मुख्यमंत्री के फॉक्स-पास पर विवाद: क्या असत्य और अन्याय की जीत होगी


के कुमार आहूजा  2024-10-14 05:21:54



दिल्ली की मुख्यमंत्री के फॉक्स-पास पर विवाद: क्या असत्य और अन्याय की जीत होगी

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के एक भाषण के दौरान हुई "जुबान फिसलने" की घटना ने राजनीति में हलचल मचा दी है। दशहरे के अवसर पर दिए गए इस बयान ने न केवल विरोधियों को निशाना साधने का मौका दिया, बल्कि सोशल मीडिया पर भी भारी विवाद खड़ा कर दिया। आतिशी के इस कथन पर भाजपा ने गंभीर सवाल उठाए हैं, और हिन्दू भावनाओं से खिलवाड़ का आरोप लगाया है

विवाद की जड़:

दिल्ली के इंद्रप्रस्थ क्षेत्र में दशहरा महोत्सव के दौरान आयोजित रामलीला कार्यक्रम में मुख्यमंत्री आतिशी ने भाग लिया। अपने संबोधन में उन्होंने भगवान राम के आदर्शों का उल्लेख करते हुए कहा कि "हमें सदा सत्य और न्याय के मार्ग पर चलना चाहिए और बुराई का सामना करना चाहिए"। हालांकि, अपने भाषण के अंत में, एक चूक के चलते उन्होंने कहा, "असत्य की जीत होगी और अन्याय की जीत होगी," जिसे तुरंत पकड़ लिया गया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें आतिशी का यह बयान सुनाई देता है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया:

दिल्ली भाजपा के मीडिया प्रमुख, प्रवीण शंकर कपूर ने इस वीडियो को साझा करते हुए आतिशी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, "यह आतिशी के असली विचार हैं। आज दिल्ली की सत्ता ऐसे ही अधर्मियों के हाथों में है, जो झूठ और अन्याय की जीत मानते हैं।" भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी (AAP) से माफी की मांग की। साथ ही, भाजपा की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "झूठ और अन्याय कभी नहीं जीत सकते, चाहे कोई कितनी भी कोशिश कर ले।"

आतिशी का मकसद और रामलीला की भूमिका:

हालांकि, आतिशी के पूरे भाषण का मकसद सकारात्मक था। उन्होंने यह बताया कि रामलीला हमें यह सिखाती है कि सत्य और न्याय की हमेशा जीत होती है, और हमें सदैव धर्म के मार्ग पर चलते रहना चाहिए। दशहरे के अवसर पर आतिशी को रामलीला कमेटी द्वारा सम्मानित भी किया गया था, और उन्हें एक स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।

आतिशी की यह जुबान फिसलने की घटना अब राजनीतिक विवाद का रूप ले चुकी है। भाजपा ने इसे हिंदू भावनाओं के साथ खिलवाड़ बताया है, जबकि आतिशी का मकसद अपने भाषण में धर्म और सत्य की जीत को उजागर करना था। फिलहाल, यह देखना बाकी है कि AAP इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या यह विवाद यहीं खत्म होगा या और गहराएगा।


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