कानपुर बनेगा बिजली उत्पादन का हब: पनकी और घाटमपुर पावर प्लांट से होगी 2640 मेगावाट बिजली की शुरुआत


के कुमार आहूजा  2024-10-13 18:00:41



कानपुर बनेगा बिजली उत्पादन का हब: पनकी और घाटमपुर पावर प्लांट से होगी 2640 मेगावाट बिजली की शुरुआत

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले का नाम जल्द ही देश के सबसे बड़े बिजली उत्पादक शहरों में शामिल होने जा रहा है। 2024 से तीन प्रमुख पावर प्लांटों से 2640 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा, जिससे न केवल प्रदेश बल्कि अन्य राज्यों की बिजली की समस्या का समाधान भी होगा। पनकी और घाटमपुर में स्थापित होने वाले इन पावर प्लांट्स के माध्यम से कानपुर का भविष्य और भी उज्ज्वल दिख रहा है।

बिजली उत्पादन का बढ़ता कदम

कानपुर में पनकी थर्मल पावर प्लांट की नई 660 मेगावाट की इकाई नवंबर से बिजली उत्पादन शुरू करने के लिए तैयार है। इसके अलावा, घाटमपुर में नेयवेली लिग्नाइट थर्मल पावर प्लांट की भी 660 मेगावाट की एक यूनिट से आगामी 10 दिनों में उत्पादन शुरू होने की संभावना है। यह प्लांट कुल 1980 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेगा, जिसमें से दो यूनिट्स का काम साल के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।

पनकी पावर प्लांट, जिसकी लागत लगभग 5000 करोड़ रुपये है, पूरी तरह से तैयार है। नवंबर महीने में इस प्लांट से लगभग 350 मेगावाट बिजली का उत्पादन शुरू हो जाएगा और इसे सीधे ग्रिड में सप्लाई किया जाएगा। पनकी प्लांट के अधिकारियों के अनुसार, कोयले की सप्लाई के लिए मालगाड़ी का सफल ट्रायल भी पूरा कर लिया गया है। यह प्लांट प्रतिदिन तीन मालगाड़ियों कोयला उपयोग करेगा ताकि उत्पादन स्थिर बना रहे।

घाटमपुर: नए ऊर्जा स्रोत का उदय

घाटमपुर में स्थित नेयवेली लिग्नाइट पावर प्लांट की एक इकाई से भी 660 मेगावाट बिजली का उत्पादन जल्द शुरू होने वाला है। इस प्लांट की तीन इकाइयों से कुल 1980 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। अधिकारियों का दावा है कि इस साल के अंत तक दो अन्य इकाइयों का भी काम पूरा हो जाएगा। कोयले से बिजली उत्पादन का ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा हो चुका है, और अब उत्पादन शुरू करने का समय आ चुका है।

समस्या का समाधान:

इन पावर प्लांट्स से केवल कानपुर ही नहीं, बल्कि प्रदेश और देश के अन्य हिस्सों को भी बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। मौजूदा समय में कानपुर शहर को लगभग 700 मेगावाट बिजली की जरूरत होती है, जबकि इन तीनों प्लांट्स की कुल उत्पादन क्षमता 2640 मेगावाट है। इसका मतलब है कि इन प्लांट्स से उत्पन्न अतिरिक्त बिजली को अन्य राज्यों में भी भेजा जाएगा, जिससे बिजली की समस्या को काफी हद तक हल किया जा सकेगा।

इकोनॉमी और विकास का प्रभाव

कानपुर में बिजली उत्पादन के इन नए केंद्रों का प्रभाव सिर्फ बिजली की आपूर्ति तक सीमित नहीं रहेगा। इससे क्षेत्र में नए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। पावर प्लांट्स के निर्माण और उनके संचालन के लिए स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर कुशल और अकुशल श्रमिकों की आवश्यकता होगी। साथ ही, बिजली की उपलब्धता में वृद्धि होने से औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे कानपुर का आर्थिक ढांचा मजबूत होगा।

सस्ते दामों में बिजली

पनकी पावर प्लांट के अधिकारी बताते हैं कि इस प्लांट से उत्पादित बिजली को ग्रिड में लगभग 4.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से बेचा जाएगा, जो कि अन्य स्रोतों से प्राप्त बिजली की तुलना में किफायती होगी। यह दरें उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करेंगी और बिजली की लागत कम करने में मदद करेंगी।

कानपुर में पनकी और घाटमपुर पावर प्लांट्स का संचालन शुरू होने के साथ ही, न केवल शहर को बल्कि पूरे राज्य को ऊर्जा संकट से राहत मिलेगी। 2640 मेगावाट की उत्पादन क्षमता के साथ, ये प्लांट्स कानपुर को देश के प्रमुख बिजली उत्पादक शहरों में शामिल करेंगे। इससे औद्योगिक विकास में तेजी आएगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, और लोगों को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध होगी। आने वाले समय में कानपुर उत्तर प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगा।


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