प्रियांशी ने एक और गोल्ड जीतकर रचा इतिहास, गौरवादित्य ने सिल्वर पर साधा निशाना 


के कुमार आहूजा  2024-10-13 15:03:09



 

राजस्थान की मिट्टी से एक और सितारा उभर रहा है, जिसने तीरंदाज़ी के क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन किया है। बीकानेर की प्रियांशी स्वामी ने 68वीं राज्य स्तरीय तीरंदाज़ी प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। इस जीत ने न केवल उनके शहर का नाम रोशन किया बल्कि बीकानेर को तीरंदाज़ी के नक्शे पर और प्रमुख बना दिया है।

प्रतियोगिता और प्रियांशी की शानदार जीत

निमराना, अलवर में आयोजित 68वीं राज्य स्तरीय तीरंदाज़ी प्रतियोगिता में प्रियांशी स्वामी ने अंडर-17 रिकर्व श्रेणी में 50 मीटर की दूरी पर गोल्ड मेडल हासिल किया। यह प्रतियोगिता राजस्थान के बेहतरीन तीरंदाज़ों को एक मंच पर लाने का अवसर थी, जहां प्रियांशी ने अपने अद्भुत कौशल और धैर्य का परिचय देते हुए इस प्रतिष्ठित मेडल को अपने नाम किया। इसके अलावा, जयपुर में आयोजित सब-जूनियर राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भी प्रियांशी ने व्यक्तिगत सिल्वर मेडल जीतकर एक और उपलब्धि अपने नाम की।

गौरवादित्य सिंह राठौड़ का प्रदर्शन

प्रियांशी के साथ ही, अंडर-19 श्रेणी (रिकर्व) में गौरवादित्य सिंह राठौड़ ने सिल्वर मेडल जीतकर अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। उनके कोच मुकेश सुथार और राम स्वामी ने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया और उनकी मेहनत को सराहा। सार्दूल क्लब के सचिव हनुमान सिंह राठौड़ और अध्यक्ष तेज अरोड़ा ने भी खिलाड़ियों को इस सफलता पर बधाई दी।

पूर्व उपलब्धियाँ

यह पहली बार नहीं है जब प्रियांशी ने अपने कौशल से सबका ध्यान खींचा हो। इसके पहले, 68वीं जिला स्तरीय तीरंदाज़ी प्रतियोगिता, जो बीकानेर के नत्थूसर गेट स्थित रा. उ. मा. विद्यालय में आयोजित की गई थी, में भी प्रियांशी ने अंडर-17 श्रेणी में 70, 60, 50, और 30 मीटर की दूरी पर चार गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा था। उन्होंने ओवरऑल में भी गोल्ड मेडल हासिल किया था, जो उनकी उत्कृष्टता और निरंतरता का परिचायक है। वहीं, जिला स्तरीय प्रतियोगिता के अंडर 19 श्रेणी में गौरवादित्य सिंह राठौड़ ने भी अपना जौहर दिखाते हुए 70, 60, 50, और 30 मीटर में एक सिल्वर और तीन ब्रॉन्ज मेडल जीते थे। उनके प्रदर्शन ने तभी यह स्पष्ट कर दिया था कि बीकानेर के युवा खिलाड़ियों में संभावनाएँ कितनी प्रबल हैं।

प्रशंसा और समर्थन

प्रियांशी की इस अद्वितीय सफलता पर बीकानेर के तीरंदाज़ी संघ के अध्यक्ष अजय सिंह भटनागर और सचिव राजेंद्र स्वामी ने भी चयनित तीरंदाज़ों को बधाई दी। यह जीत न केवल प्रियांशी की कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है, बल्कि उनके कोच और क्लब का भी योगदान है, जिन्होंने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचने के लिए प्रेरित किया।

भविष्य की दिशा

प्रियांशी की इस जीत ने बीकानेर और राजस्थान के लिए एक नई राह खोल दी है। राज्य के कई उभरते तीरंदाज़ अब प्रियांशी को अपना आदर्श मान रहे हैं, और उनके इस सफर से प्रेरणा ले रहे हैं। तीरंदाज़ी के खेल में प्रियांशी ने जो मील का पत्थर रखा है, वह आने वाले युवा खिलाड़ियों को एक नई दिशा और हौसला देगा।

बहरहाल, प्रियांशी स्वामी और गौरवादित्य सिंह राठौड़ की सफलता से यह साबित हो गया है कि राजस्थान के युवा खेल के क्षेत्र में नई ऊँचाइयाँ छूने को तैयार हैं। उनकी मेहनत, समर्पण और अनुशासन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है, और उम्मीद है कि आने वाले समय में वे और भी बड़ी उपलब्धियाँ हासिल करेंगे। बीकानेर जैसे छोटे शहरों से ऐसी प्रतिभाओं का उभरना न केवल राज्य के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है।


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