गुजरात के महेसाणा में दर्दनाक हादसा: मिट्टी धंसने से पांच मज़दूरों की मौत


के कुमार आहूजा  2024-10-13 13:57:08



 

गुजरात के महेसाणा जिले में शनिवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें पांच मज़दूरों की मिट्टी के ढहने से मौत हो गई। यह घटना कड़ी कस्बे के पास स्थित जसलपुर गांव में हुई, जब मज़दूर एक निर्माणाधीन फैक्ट्री में भूमिगत टैंक के लिए खुदाई कर रहे थे। यह हादसा न केवल लोगों के लिए एक बड़ा झटका था, बल्कि क्षेत्र में श्रम सुरक्षा के नियमों पर भी सवाल खड़े करता है।

घटना का संक्षिप्त विवरण:

यह हादसा महेसाणा जिले के मुख्यालय से लगभग 37 किलोमीटर दूर कड़ी कस्बे के पास जसलपुर गांव में हुआ। स्थानीय पुलिस अधिकारी प्रहलादसिंह वाघेला ने बताया कि निर्माण स्थल पर मज़दूर एक भूमिगत टैंक के लिए गड्ढा खोद रहे थे, तभी ढीली मिट्टी अचानक धंस गई और सभी मज़दूर उसमें दब गए। हादसे के समय कई मज़दूर मौके पर काम कर रहे थे, लेकिन इनमें से पांच की मिट्टी में दबने से मौके पर ही मौत हो गई। हालाँकि, कई स्थानीय चैनल्स की रिपोर्टों के अनुसार मृतकों की संख्या कहीं 7 तो कहीं 9 भी बताई जा रही है। लेकिन फिलहाल 5 की पुष्टि समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा की गई है। 

घटना की जानकारी और बचाव अभियान:

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और स्थानीय प्रशासन मौके पर पहुंचा और तत्काल बचाव कार्य शुरू किया। मिट्टी धंसने की घटना इतनी तीव्र थी कि मज़दूरों को बचाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। बचाव दल ने मलबे में फंसे मज़दूरों को निकालने के लिए जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल किया। हालांकि, जब तक मज़दूरों को बाहर निकाला गया, उनकी मौत हो चुकी थी।

पुलिस निरीक्षक प्रहलादसिंह वाघेला ने बताया कि यह हादसा अचानक मिट्टी धंसने के कारण हुआ। गड्ढे के चारों ओर की मिट्टी बेहद ढीली थी, जिसकी वजह से यह दुर्घटना हुई। पुलिस ने बताया कि हादसे के वक्त मज़दूर फैक्ट्री के भूमिगत टैंक के निर्माण के लिए गहरी खुदाई कर रहे थे।

मज़दूरों की पहचान और परिवारों की स्थिति:

मृतकों की पहचान जल्द ही की गई और उनके परिवारों को सूचित किया गया। इस दर्दनाक घटना से उनके परिवारों में गहरा शोक व्याप्त है। प्रशासन ने भी घटना की जांच शुरू कर दी है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या निर्माण स्थल पर सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा था या नहीं।

स्थानीय प्रशासन की प्रतिक्रिया और कानूनी कार्रवाई:

मिट्टी धंसने जैसी घटनाओं को रोकने के लिए अक्सर खुदाई स्थलों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने की आवश्यकता होती है। पुलिस ने बताया कि इस मामले में लापरवाही के पहलुओं की भी जांच की जा रही है। यदि निर्माण कंपनी या ठेकेदार की ओर से किसी तरह की सुरक्षा में कमी पाई जाती है, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

प्रशासन ने भी घटना की गंभीरता को देखते हुए उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। इस हादसे से संबंधित ठेकेदार और फैक्ट्री प्रबंधन की जिम्मेदारी तय की जाएगी कि उन्होंने मज़दूरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए थे या नहीं।

मज़दूरों की सुरक्षा पर सवाल:

इस हादसे ने एक बार फिर से निर्माण स्थलों पर श्रमिक सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। अक्सर निर्माण कार्यों के दौरान सुरक्षा उपायों की अनदेखी की जाती है, जिससे ऐसी घटनाएँ होती हैं। मज़दूरों की सुरक्षा के लिए हेलमेट, सुरक्षा उपकरण और अन्य एहतियाती उपायों को अनिवार्य करना चाहिए।

श्रम संगठनों की प्रतिक्रिया:

श्रम संगठनों ने इस हादसे पर गहरी नाराजगी जताई है और मज़दूरों की सुरक्षा के प्रति ठेकेदारों और फैक्ट्री प्रबंधन की लापरवाही की कड़ी निंदा की है। संगठनों ने मांग की है कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस उपाय किए जाएं।

महेसाणा जिले में घटित इस घटना ने एक बार फिर निर्माण स्थलों पर सुरक्षा की उपेक्षा और श्रमिकों की ज़िंदगियों की कीमत पर काम पूरा करने की जल्दबाजी को उजागर किया है। प्रशासन को चाहिए कि इस हादसे की गहन जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए श्रमिक सुरक्षा के कड़े नियम बनाए जाएं।


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