ग्रामीण इलाकों में वोल्टेज की समस्या होगी खत्म: 132 केवी ग्रिड सब-स्टेशन का संचालन प्रारंभ, बिजली आपूर्ति होगी मजबूत
के कुमार आहूजा 2024-10-13 08:59:00
ग्रामीण इलाकों में वोल्टेज की समस्या होगी खत्म: 132 केवी ग्रिड सब-स्टेशन का संचालन प्रारंभ, बिजली आपूर्ति होगी मजबूत
राजस्थान के बीकानेर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे समय से वोल्टेज की समस्या बनी हुई थी, जिससे यहाँ के निवासियों को बिजली कटौती और अस्थिर आपूर्ति का सामना करना पड़ रहा था। इस समस्या को हल करने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए, राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम ने 132 केवी ग्रिड सब-स्टेशन, जाखासर का संचालन प्रारंभ कर दिया है। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल बिजली आपूर्ति को स्थिर बनाना है, बल्कि आसपास के क्षेत्रों में विद्युत छीजत को कम करना और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करना है।
ग्रामीण इलाकों के लिए एक बड़ी राहत
बीकानेर के जाखासर क्षेत्र में अब तक वोल्टेज में लगातार उतार-चढ़ाव और बार-बार बिजली कटौती आम समस्या थी। विद्युत प्रसारण निगम के प्रबंध निदेशक नथमल डिडेल ने कहा कि ग्रामीणों की यह मांग लंबे समय से थी कि इस इलाके में एक मजबूत बिजली ग्रिड स्थापित किया जाए, ताकि बिजली आपूर्ति में स्थिरता लाई जा सके। अब इस समस्या का समाधान 132 केवी ग्रिड सब-स्टेशन के सफल संचालन से हुआ है, जिससे जाखासर, सोनियासर, राजेडू और आसपास के अन्य क्षेत्रों को सीधा लाभ मिलेगा।
22 करोड़ रुपये की लागत से हुआ निर्माण
यह ग्रिड सब-स्टेशन करीब 22 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ है। इसके माध्यम से बीकानेर के दूर-दराज के इलाकों में वोल्टेज में सुधार लाकर बिजली छीजत को कम किया जा सकेगा। यह सब-स्टेशन प्रति वर्ष 91.98 लाख यूनिट बिजली की छीजत को रोकने में सक्षम होगा, जिससे सालाना करीब 367.92 लाख रुपये की बचत होने की संभावना है। यह आर्थिक दृष्टिकोण से भी प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि बिजली छीजत को कम करके राज्य की बिजली व्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति में सुधार
132 केवी ग्रिड सब-स्टेशन के संचालन से मुख्य लाभ वोल्टेज में सुधार और निर्बाध बिजली आपूर्ति में होगा। अब ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली कटौती की समस्याओं में कमी आएगी। इससे इन इलाकों में कृषि, छोटे उद्योगों और घरेलू उपभोक्ताओं को फायदा होगा, क्योंकि वोल्टेज में स्थिरता और बेहतर बिजली आपूर्ति से उनकी जरूरतें पूरी हो सकेंगी।
नथमल डिडेल ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि अब इन क्षेत्रों में बिजली कटौती या वोल्टेज से जुड़ी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि विद्युत प्रसारण तंत्र को मजबूत बनाने के इस कदम से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को गति मिलेगी। यह न केवल बिजली आपूर्ति को सुधारने का काम करेगा, बल्कि यह औद्योगिक और कृषि गतिविधियों को भी बढ़ावा देगा।
बिजली छीजत की समस्या पर काबू
बिजली छीजत लंबे समय से राजस्थान के बिजली तंत्र की एक प्रमुख समस्या रही है। जाखासर के इस सब-स्टेशन के संचालन से न केवल विद्युत छीजत में कमी आएगी, बल्कि इससे जुड़ी आर्थिक हानि को भी नियंत्रित किया जा सकेगा।
जाखासर सब-स्टेशन का मुख्य उद्देश्य इन क्षेत्रों में बिजली की मांग को पूरा करना और लगातार हो रही छीजत को रोकना है। इस स्टेशन के निर्माण से बिजली का उचित वितरण सुनिश्चित किया जा सकेगा और साथ ही क्षेत्र के बिजली उपभोक्ताओं को समय पर, बिना रुकावट के बिजली मिल सकेगी।
आसपास के क्षेत्रों को मिलेगा लाभ
जाखासर के इस सब-स्टेशन से न केवल जाखासर बल्कि सोनियासर, राजेडू और आसपास के इलाकों में भी बिजली आपूर्ति में सुधार होगा। यह पूरे क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इससे इन इलाकों में रहने वाले लोगों को वोल्टेज की समस्या से छुटकारा मिलेगा। कृषि, व्यापार और उद्योगों के लिए भी यह एक बड़ा लाभ साबित होगा, क्योंकि बिजली की लगातार आपूर्ति से उनकी उत्पादकता बढ़ेगी।
वोल्टेज की स्थिरता का अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव
इस नए सब-स्टेशन के संचालन से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की निर्बाध आपूर्ति होगी, बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। बिजली की छीजत को कम करके राज्य सरकार को सालाना करोड़ों रुपये की बचत होगी, जो अन्य विकास कार्यों में निवेश के लिए उपयोगी साबित हो सकती है।
बहरहाल, बीकानेर जिले में 132 केवी ग्रिड सब-स्टेशन का संचालन एक महत्वपूर्ण कदम है, जो ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की समस्याओं को दूर करेगा। वोल्टेज स्थिरता से न केवल बिजली की छीजत में कमी आएगी, बल्कि यह इन इलाकों में विकास को भी गति प्रदान करेगा। इस परियोजना से न केवल आर्थिक बचत होगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली से जुड़े व्यवसाय और कृषि कार्यों में भी सुधार देखने को मिलेगा। नथमल डिडेल और उनकी टीम की यह पहल राजस्थान के बिजली तंत्र को और मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।