फोटोयुक्त मतदाता सूचियों का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण: बदलाव पर प्रतिबंध और प्रक्रिया का आरंभ


के कुमार आहूजा  2024-10-12 06:41:42



फोटोयुक्त मतदाता सूचियों का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण: बदलाव पर प्रतिबंध और प्रक्रिया का आरंभ

भारत निर्वाचन आयोग ने फोटोयुक्त मतदाता सूचियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण की प्रक्रिया की घोषणा कर दी है, जो 29 अक्टूबर 2024 से 6 जनवरी 2025 तक चलेगी। इस पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के स्थानान्तरण पर कड़ा प्रतिबंध लागू कर दिया गया है। आइए जानें इस प्रक्रिया के बारे में विस्तार से।

पुनरीक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य

इस विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूचियों को अद्यतन और शुद्ध करना है, जिससे आगामी चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और समुचित रूप से हो सके। फोटोयुक्त सूचियों के माध्यम से पहचान की प्रामाणिकता सुनिश्चित की जाती है, जो मतदाताओं और अधिकारियों के लिए सरल और पारदर्शी प्रक्रिया को संभव बनाती है।

इस दौरान, नए मतदाताओं का पंजीकरण, मृतक अथवा स्थानांतरित मतदाताओं को सूची से हटाने और अन्य सुधारात्मक कार्यों को पूर्ण किया जाएगा। बीएलओ (बूथ लेवल अधिकारी) से लेकर उच्च अधिकारियों तक की भूमिका इस कार्यक्रम में अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

स्थानांतरण पर प्रतिबंध

चुनाव आयोग द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि 28 अक्टूबर 2024 से 6 जनवरी 2025 तक सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों और बूथ लेवल अधिकारियों के स्थानान्तरण पर प्रतिबंध रहेगा। इस प्रतिबंध का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पुनरीक्षण प्रक्रिया निर्बाध रूप से चले और इसमें शामिल अधिकारी निरंतर अपनी जिम्मेदारियाँ निभा सकें।

यदि किसी मामले में स्थानांतरण अत्यावश्यक हो, तो इसके लिए आयोग या मुख्य निर्वाचन अधिकारी की पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा। बिना अनुमति के स्थानांतरण का प्रस्ताव राज्य सरकार को नहीं भेजा जा सकेगा।

कार्यक्रम में शामिल प्रमुख अधिकारी और कार्मिक

इस पुनरीक्षण कार्यक्रम में जिला निर्वाचन अधिकारी (कलेक्टर), उप जिला निर्वाचन अधिकारी (अतिरिक्त जिला कलेक्टर), निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (उपखंड अधिकारी), सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (तहसीलदार), बीएलओ और अन्य संबंधित अधिकारी शामिल होंगे। इनकी जिम्मेदारी होगी कि सभी कार्य निर्धारित समय सीमा में पूर्ण हों और सूचियाँ त्रुटिरहित हों।

समाज और प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण कदम

फोटोयुक्त मतदाता सूचियों का विशेष पुनरीक्षण भारत के लोकतांत्रिक ढांचे के सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक आवश्यक कदम है। यह सुनिश्चित करता है कि सभी योग्य मतदाता आगामी चुनावों में अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें और किसी भी तरह की अनियमितताओं को रोका जा सके। आयोग का यह कदम देश की चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल है।

इस विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम से चुनाव आयोग का उद्देश्य स्पष्ट है कि आगामी चुनावों में सभी योग्य मतदाताओं की शुद्ध और सही सूची तैयार करना। स्थानान्तरण पर लगाए गए प्रतिबंध इस कार्यक्रम की सफलता को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया एक कठोर कदम है।


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