लेबनान की ब्लू लाइन पर बढ़ता तनाव: भारत की गंभीर चिंता


के कुमार आहूजा  2024-10-12 05:04:46



लेबनान की ब्लू लाइन पर बढ़ता तनाव: भारत की गंभीर चिंता

दक्षिण लेबनान और इज़राइल की सीमा पर बढ़ती हिंसा से दुनिया का ध्यान एक बार फिर इस संवेदनशील क्षेत्र की ओर गया है। भारतीय शांति सैनिकों की सुरक्षा से लेकर अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन तक, भारत ने इस बिगड़ती स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।

लेबनान की ब्लू लाइन पर संकट

भारत ने शुक्रवार को ब्लू लाइन के साथ बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर चिंता जताई। यह 120 किलोमीटर लंबी सीमा दक्षिणी लेबनान और इज़राइल के बीच शांति के लिए अहम है। हाल ही में इज़राइल रक्षा बल (IDF) और हिज़बुल्लाह के बीच बढ़ते संघर्षों से यह क्षेत्र लगातार अस्थिर होता जा रहा है।

UNIFIL पर हमला संयुक्त राष्ट्र की अंतरिम सेना (UNIFIL) ने गुरुवार को खुलासा किया कि उसके नाकोरा मुख्यालय और आसपास की जगहों पर इज़राइली गोलाबारी से भारी तबाही हुई। इसमें दो शांति सैनिक घायल हो गए जब IDF के एक टैंक ने UNIFIL के ऑब्जर्वेशन टॉवर पर हमला किया।

भारत की प्रतिक्रिया

भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने बयान जारी करते हुए कहा कि यूएन के परिसरों की पवित्रता का सम्मान होना चाहिए और शांति सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। भारतीय शांति सैनिकों के सुरक्षित होने की सूचना मिली है, लेकिन स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भारत और दुनिया के अन्य देशों की नज़रें इस क्षेत्र पर बनी हुई हैं।

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का उल्लंघन

UNIFIL ने IDF को उनकी ज़िम्मेदारी याद दिलाते हुए कहा कि शांति सैनिकों पर कोई भी हमला अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों और सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1701 का गंभीर उल्लंघन है।

ब्लू लाइन का महत्व

ब्लू लाइन, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने 2000 में स्थापित किया था, का उद्देश्य इज़राइली बलों की लेबनान से वापसी की पुष्टि करना था। आज भी यह क्षेत्र शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए UNIFIL के नियंत्रण में है।


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