विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह: मानसिक स्वास्थ्य की जागरूकता को लेकर सशक्त पहल


के कुमार आहूजा  2024-10-11 10:55:47



विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह: मानसिक स्वास्थ्य की जागरूकता को लेकर सशक्त पहल

बीकानेर के पी.बी.एम. चिकित्सालय में सात दिवसीय "विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह 2024" का आयोजन किया गया, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य के महत्व और जागरूकता को लेकर कई अहम पहलुओं पर चर्चा हुई। इस कार्यक्रम ने मानसिक रोगों से जुड़े मिथकों और चुनौतियों पर गंभीर चर्चा की और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने का संदेश दिया।

मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता

पी.बी.एम. चिकित्सालय के मानसिक रोग एवं नशामुक्ति विभाग द्वारा 4 से 10 अक्टूबर तक आयोजित "विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह 2024" का अंतिम दिन, "विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस" के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज बीकानेर के डॉ. गुजन सोनी ने की। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य को अन्य शारीरिक बीमारियों की तरह ही महत्वपूर्ण बताया और इसे नोन-कम्युनिकेबल डिजीज की श्रेणी में रखते हुए कहा कि यह इंसान की कार्यक्षमता को सबसे अधिक प्रभावित करता है।

मानसिक रोगों की बढ़ती चुनौती

डॉ. हरफूल सिंह, मानसिक रोग विभागाध्यक्ष ने बताया कि अवसाद और आत्महत्या विशेषकर 16-25 आयु वर्ग के युवाओं में तेजी से बढ़ती समस्या है। भारत में यह चिंता का विषय है क्योंकि पश्चिमी देशों के बाद, अब यहां भी यह मुद्दा गंभीर होता जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अवसाद जल्द ही एक वैश्विक महामारी का रूप ले सकता है।

मानसिक रोगियों के लक्षण 

मानसिक रोगियों के लक्षणों पर भी विस्तार से चर्चा की। चर्चा के दौरान बताया गया कि कई मानसिक रोगियों के मुख्य लक्षण, निराशा, अकेलापन, दुख की भावना, अपराध-पश्चाताप का बोध, निर्णय क्षमता की कमी, शनकीपन, अनिद्वा भूख व वजन में कमी, कार्य में अरुचि, मतिभ्रम, यादाशत में कमी, अज्ञात भय एवं आत्महत्या के विचार इत्यादि है। हमारा सामाजिक परिवेश भी बहुत हद तक इसके लिए उत्तरदायी है। आज भी हम मनोरोगों को नजरअन्दाज और छुपाकर झाड़-फूंक करवाने, नीम हकीम और फकीरो वो चक्कर में रहने, होगी को बेडीयों में बाध कर रखने, उसके सामाजिक बहिस्कार और उसकी हत्या तक कर देते है जबकि उसे तुरन्त चिकित्सकिय उपचार, उचित देखभाल, पारिवारिक व मानसिक सम्बल की जरूरत होती है।

सप्ताह भर की गतिविधियां

सप्ताह के दौरान कई गतिविधियों का आयोजन किया गया जिसमें प्रेस वार्ता, ग्रीन रिबन गेट मीटिंग, नर्सिंग कॉलेज और मेडिकल कॉलेज में संवाद सत्र, निबंध लेखन, स्लोगन लेखन, पोस्टर निर्माण और रंगोली प्रतियोगिताएं शामिल थीं। इन गतिविधियों का मुख्य उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी और उसके लक्षणों पर लोगों को जागरूक करना था।

मानसिक स्वास्थ्य की थीम

इस वर्ष की थीम "कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना" थी। इसका उद्देश्य था कि कार्यस्थलों पर कर्मचारियों को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए वातावरण को बेहतर बनाया जाए। डॉ. श्रीगोपाल गोयल ने बताया कि मानसिक रूप से स्वस्थ कर्मचारी ही संगठन की उत्पादकता को बढ़ा सकते हैं। कार्यस्थलों पर रचनात्मकता और क्रियात्मकता को प्रोत्साहित करने, सहानुभूति से संवाद करने और मानसिक स्वास्थ्य की नियमित स्क्रीनिंग करवाने की आवश्यकता है।

मानसिक रोगियों के अधिकार

श्रीमती रैना शर्मा ने मानसिक रोगियों के अधिकारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान मनोरोगियों के साथ भेदभाव और अन्याय के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है। समाज में व्याप्त मानसिक रोगियों के प्रति भेदभाव और उन्हें नजरअंदाज करने की प्रवृत्ति पर भी चर्चा की गई, और बताया गया कि मानसिक रोगियों के साथ भेदभाव पूर्वक अन्याय मारपीट, सामाजिक बहिस्कार या हत्या जैसे अपराध करने पर दंड संहिता बिना भेदभाव पूर्वक उनके अधिकारों की रक्षा एवं न्याय प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है। साथ ही उन्होने आमजन को बताया कि कोई भी व्यक्ति विधिक राय लेने के लिए टील फ्री नम्बर 15100 पर कॉल कर सकता है। श्रीमती रैना ने कहा कि मानसिक रोगियों को उचित देखभाल और पारिवारिक सहयोग की आवश्यकता होती है, न कि उनके बहिष्कार की।

स्वामी केशवानन्द विश्वविद्यालय में संवाद 

अन्य कार्यक्रम के तहत में स्वामी केशवानन्द विश्वविद्यालय, बीघ्रवाल, बीकानेर में छात्रों व कार्यरत कार्मिको के साथ संवाद करते हुए डी० श्री गोपाल गोयल व क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ० अन्जू ठकराल ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह 2024 की थीम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि जहाँ कहीं भी पब्लिक रिलेशन की कार्यव्यवस्था है वहां कार्मिकों को आम जनता के प्रति सदैव सहयोग की भावना के साथ कार्य करने से सेवा प्रदाता और ग्राहक के बीच संबंध प्रगाढ होते हैं।

समापन और पुरस्कार वितरण

कार्यक्रम के समापन पर मुख्य अतिथियों द्वारा निबंध लेखन, स्लोगन लेखन और अन्य प्रतियोगिताओं के प्रतिभागियों को पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र दिए गए। इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता के इस प्रयास की सराहना की और इसे समाज में सकारात्मक बदलाव का महत्वपूर्ण कदम बताया।

गरिमामयी उपस्थिति 

आज अन्तिम दिन विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज बीकानेर से डॉ० गुजन सोनी ने की, इस दौरान डॉ. सोनी ने मानसिक स्वास्थ्य की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अध्यक्ष स्थायी लोक अदालत, बीकानेर माननीय महेश शर्मा, जिला विधिका सेवा प्राधिकरण, बीकानेर से सचिव, श्रीमति रैना शर्मा, जयदीप सिंह एडवोकेट, मानसिक रोग विभाग से आचार्य एवं विभागाध्यक्ष डॉ० हरफूल सिंह, आचार्य डॉ० श्रीगोपाल गोयल, सहायक आचार्य डॉ० ज्योति चौधरी सीनियर रेजिडेन्ट डॉ० राकेश सारयान, डॉ० भारती मोहनपुरिया, क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ० अन्जू ठकराल सहित समस्त रेजिडेन्ट डॉक्टर्स, नर्सिंग अधिकारी, पैरामेडिकल अधिकारी, मेडिकल व नर्सिंग छात्र एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।


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