हेमकुंड साहिब के कपाट आज होंगे बंद: शीतकाल के लिए अंतिम अरदास, भक्तों का उमड़ा सैलाब


के कुमार आहूजा  2024-10-11 04:58:12



हेमकुंड साहिब के कपाट आज होंगे बंद: शीतकाल के लिए अंतिम अरदास, भक्तों का उमड़ा सैलाब

आज उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित पवित्र गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो रहे हैं। यह धार्मिक अवसर न केवल सिख समुदाय बल्कि अन्य भक्तों के लिए भी अत्यंत भावनात्मक और महत्वपूर्ण होता है। हेमकुंड साहिब की दिव्यता और इस अवसर की महत्ता ने यहां भक्तों का सैलाब उमड़ा दिया है।

धार्मिक महत्ता

हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा, सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी की तपस्या से जुड़ा हुआ है। यह गुरुद्वारा समुद्र तल से 15,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है, जो हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। यह स्थल सिख धर्म के अनुयायियों के लिए पवित्र तीर्थस्थल है। हर साल मई में इसके कपाट खोले जाते हैं और सर्दियों के आगमन के साथ बंद कर दिए जाते हैं।

शीतकाल के लिए कपाट बंद होने की प्रक्रिया

आज दोपहर 1 बजे हेमकुंड साहिब के कपाट बंद हो जाएंगे। इससे पहले, दोपहर 12:30 बजे अंतिम अरदास और शबद कीर्तन का आयोजन किया जाएगा। पुणे से आए जत्थेदार भाई सुरिंदरपाल सिंह द्वारा अंतिम शबद कीर्तन प्रस्तुत किया जाएगा। इस भावनात्मक अवसर पर भारतीय सेना की गढ़वाल राइफल्स और पंजाब बैंड भी विशेष संगीत प्रस्तुत करेंगे, जो इस अवसर को और विशेष बनाएगा।

विशेष तैयारी और सुरक्षा

इस धार्मिक कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं। चमोली जिला प्रशासन और सेना ने यहां भक्तों की भारी भीड़ को नियंत्रित करने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए विशेष व्यवस्थाएं की हैं। गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी ने भी कार्यक्रम के सुचारू संचालन के लिए कई स्वयंसेवकों को तैनात किया है।

भक्तों की आस्था और श्रद्धा

कपाट बंद होने से पहले हजारों की संख्या में श्रद्धालु गुरुद्वारा पहुंचकर गुरु गोविंद सिंह जी के प्रति अपनी आस्था प्रकट कर रहे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि हेमकुंड साहिब आकर उन्हें शांति और आंतरिक शक्ति का अनुभव होता है। कई लोग यह भी मानते हैं कि यहां की यात्रा करने से उनके जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है।

अगले साल के इंतजार में

आज के बाद, हेमकुंड साहिब के कपाट फिर से मई 2025 में खुलेंगे। हर साल की तरह, इस बार भी कपाट बंद होने के बाद गुरुद्वारा की साफ-सफाई और रखरखाव के कार्य किए जाएंगे। इसके अलावा, अगले साल के लिए तीर्थयात्रियों के लिए नए प्रबंध किए जाएंगे, ताकि आने वाले समय में उनकी यात्रा और भी सुगम हो सके।

हेमकुंड साहिब के इस धार्मिक अवसर ने एक बार फिर से श्रद्धालुओं के दिलों में गुरु गोविंद सिंह जी के प्रति असीम श्रद्धा और विश्वास को प्रकट किया है। इस पवित्र स्थल पर आने वाले सभी भक्त अगले साल फिर से गुरुद्वारा के दर्शन करने के इंतजार में रहते हैं।


global news ADglobal news ADglobal news AD