भारत में इंटरनेट सब्सक्राइबर्स की संख्या 969 मिलियन के पार, डिजिटल क्रांति की नई ऊंचाई


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2024-10-10 06:51:34



भारत में इंटरनेट सब्सक्राइबर्स की संख्या 969 मिलियन के पार, डिजिटल क्रांति की नई ऊंचाई

भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, और अप्रैल-जून तिमाही के आंकड़े इस वृद्धि का प्रमाण हैं। डिजिटल कनेक्टिविटी के इस तेजी से बढ़ते विस्तार ने भारत को एक नए युग में प्रवेश दिलाया है, जहाँ हर नागरिक इंटरनेट की शक्ति का हिस्सा बन रहा है। आइए जानते हैं इस विकास की पूरी कहानी।

इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में लगातार वृद्धि

भारत में इंटरनेट सब्सक्राइबरों की संख्या अप्रैल-जून 2023 तिमाही में 954.40 मिलियन से बढ़कर 969.60 मिलियन हो गई, जो 1.59% की तिमाही वृद्धि दर को दर्शाती है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, यह बढ़ोतरी भारत के डिजिटल विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

TRAI की रिपोर्ट के अनुसार, 969.60 मिलियन इंटरनेट सब्सक्राइबरों में से 42.04 मिलियन वायर्ड (Wired) इंटरनेट सब्सक्राइबर हैं, जबकि 927.56 मिलियन वायरलेस (Wireless) सब्सक्राइबर हैं। इससे पता चलता है कि अधिकांश भारतीय वायरलेस इंटरनेट सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं, जो मोबाइल इंटरनेट के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।

ब्रॉडबैंड उपयोग में तेजी, नैरोबैंड में गिरावट

भारत में ब्रॉडबैंड इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या में भी 1.81% की वृद्धि देखी गई, जो 924.07 मिलियन से बढ़कर 940.75 मिलियन हो गई। वहीं, नैरोबैंड इंटरनेट सब्सक्राइबरों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई, जो 30.34 मिलियन से घटकर 28.85 मिलियन रह गई। इससे स्पष्ट होता है कि ब्रॉडबैंड सेवाओं की लोकप्रियता बढ़ रही है, जबकि नैरोबैंड का उपयोग धीरे-धीरे कम हो रहा है।

वायरलाइन सेवाओं में भी वृद्धि

वायरलाइन (Wireline) इंटरनेट सेवाओं के क्षेत्र में भी 3.90% की तिमाही वृद्धि दर्ज की गई। अप्रैल-जून तिमाही में वायरलाइन सब्सक्राइबरों की संख्या 33.79 मिलियन से बढ़कर 35.11 मिलियन हो गई। साथ ही, वायरलाइन टेली-डेंसिटी भी 2.41% से बढ़कर 2.50% हो गई, जो इस क्षेत्र में विकास की दिशा को दर्शाती है।

वायरलेस सेवाओं में औसत राजस्व और उपयोग के आंकड़े

TRAI की रिपोर्ट के अनुसार, वायरलेस सेवा के लिए औसत प्रति उपयोगकर्ता मासिक राजस्व (ARPU) 153.54 रुपये से बढ़कर 157.45 रुपये हो गया है, जो 2.55% की तिमाही वृद्धि को दर्शाता है। सालाना आधार पर यह वृद्धि 8.11% रही है।

प्री-पेड (Pre-paid) ARPU प्रति माह 150.74 रुपये से बढ़कर 154.80 रुपये हो गया, जबकि पोस्ट-पेड (Post-paid) ARPU प्रति माह 187.85 रुपये से बढ़कर 189.17 रुपये हो गया। इससे पता चलता है कि उपयोगकर्ता हर महीने अधिक खर्च कर रहे हैं, जो टेलीकॉम कंपनियों के लिए एक सकारात्मक संकेत है।

ग्रामीण क्षेत्रों में भी बढ़ रहा कनेक्टिविटी का विस्तार

भारत में कुल टेलीफोन सब्सक्राइबरों की संख्या भी अप्रैल-जून तिमाही में 1,199.28 मिलियन से बढ़कर 1,205.64 मिलियन हो गई, जो 0.53% की वृद्धि दर को दर्शाती है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी का विस्तार हुआ है, जहाँ सब्सक्रिप्शन का हिस्सा 44.52% से बढ़कर 44.67% हो गया। यह स्पष्ट संकेत है कि भारत के ग्रामीण इलाकों में भी डिजिटल क्रांति की पहुँच बढ़ रही है।

बहरहाल, TRAI के ये आंकड़े भारत में इंटरनेट और टेलीकॉम क्षेत्र में हो रहे तेजी से विकास को दर्शाते हैं। देश में वायरलेस सेवाओं का तेजी से विस्तार हो रहा है, जिससे लाखों लोग ऑनलाइन सेवाओं से जुड़ रहे हैं। यह विकास भारत को डिजिटल अर्थव्यवस्था की दिशा में और सशक्त बना रहा है।


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