रतन टाटा की स्वास्थ्य स्थिति गंभीर: सभी अफवाहों को विराम देते हुए, अस्पताल में भर्ती,,देर रात निधन


के कुमार आहूजा  2024-10-10 06:16:44



रतन टाटा की स्वास्थ्य स्थिति गंभीर: सभी अफवाहों को विराम देते हुए, अस्पताल में भर्ती,,देर रात निधन

भारत के उद्योग जगत के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्तित्व रतन टाटा, जो टाटा सन्स के चेयरमैन एमीट्रस हैं, की स्वास्थ्य स्थिति को लेकर देशभर में चिंता बढ़ गई है। अस्पताल में भर्ती होने के बाद से उनकी गंभीर स्वास्थ्य स्थिति को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। 

स्वास्थ्य की जानकारी और प्रतिक्रियाएँ

86 वर्षिय रतन नवल टाटा के बारे में सोशल मीडिया पर चर्चा चल रही है कि उम्र संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं के चलते उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनकी स्थिति "गंभीर" है। उन्हें आईसीयू में रखा गया है। 

इस बीच अस्पताल में भर्ती होने के बाद, अब टाटा ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने अपनी स्वास्थ्य स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा, "मैं अपने स्वास्थ्य के संबंध में चल रही अफवाहों के बारे में जानता हूं और सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि ये दावे निराधार हैं। मैं उम्र और संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के कारण मेडिकल चेक-अप से गुजर रहा हूं, लेकिन मैं अच्छे मूड में हूं।" उन्होंने लोगों और मीडिया से गलत सूचनाएं फैलाने से बचने की अपील की।

रतन टाटा का योगदान और व्यक्तित्व

रतन टाटा ने 1991 से 2012 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन के रूप में कार्य किया और 2016-2017 में एक बार फिर से उच्च स्तर पर बदलाव के समय कमान संभाली। उन्हें अपनी शिष्टता और मजबूत व्यापारिक बुद्धिमत्ता के लिए जाना जाता है। टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन होने के नाते, वे समाज सेवा के कई कार्यक्रमों में सक्रिय भूमिका निभाते हैं, जिनमें सिर रतन टाटा ट्रस्ट और सायर डोराबजी टाटा ट्रस्ट शामिल हैं।

सार्वजनिक और मीडिया की चिंता

रतन टाटा की स्वास्थ्य स्थिति ने न केवल टाटा ग्रुप के भीतर, बल्कि भारतीय राजनीति और आम जनता के बीच भी चिंताओं का माहौल पैदा कर दिया है। उनकी स्थिति के बारे में अधिक जानने की इच्छा ने लोगों को एकजुट किया है।

वहीं, हालिया रिपोर्टों में बताया गया है कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, वे अभी भी गंभीर स्थिति में हैं। अब देखना यह है कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति कैसे विकसित होती है और कब वे फिर से अपने सामान्य जीवन में लौटेंगे।


global news ADglobal news ADglobal news AD