IIT मद्रास ने खोला साइबरसिक्योरिटी, ट्रस्ट और विश्वसनीयता केंद्र, साइबर खतरों से निपटने की नई पहल
के कुमार आहूजा 2024-10-09 20:14:02
IIT मद्रास ने खोला साइबरसिक्योरिटी, ट्रस्ट और विश्वसनीयता केंद्र, साइबर खतरों से निपटने की नई पहल
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मद्रास (IIT मद्रास) ने हाल ही में ‘साइबरसिक्योरिटी, ट्रस्ट और विश्वसनीयता केंद्र’ (CyStar) की स्थापना की है, जिसका उद्देश्य भारत की साइबर सुरक्षा को मजबूत करना और शोध एवं नवाचार को बढ़ावा देना है। इस केंद्र का उद्घाटन विभिन्न प्रतिष्ठित शिक्षाविदों और उद्योग प्रतिनिधियों की उपस्थिति में हुआ। यह कदम न केवल भारत की सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह देश के तकनीकी विकास को भी गति देगा। आइए जानते हैं इस केंद्र की स्थापना के पीछे का कारण और इसकी संभावित कार्यक्षेत्र।
CyStar का उद्घाटन
CyStar का उद्घाटन IIT मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कमकोटी की उपस्थिति में हुआ। इस अवसर पर केंद्र के समन्वयक प्रो. श्वेता अग्रवाल, प्रो. चेस्टर रेबेरियो और प्रो. जॉन ऑगस्टाइन ने भी भाग लिया। CyStar का मिशन साइबर सुरक्षा में नवाचार के माध्यम से सीमाओं को आगे बढ़ाना है। यह केंद्र ब्लॉकचेन, एआई मॉडल की सुरक्षा, क्रिप्टोग्राफी, क्वांटम सुरक्षा, और IoT सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में प्रमुख विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा।
साइबर सुरक्षा की चुनौतियां
प्रो. वी. कमकोटी ने उद्घाटन समारोह में कहा, “साइबर खतरों के बढ़ने के साथ, केवल वित्तीय लाभ के लिए ही नहीं, बल्कि महत्वपूर्ण अवसंरचना पर लक्षित हमलों के लिए भी यह जरूरी है कि हम सक्रिय साइबर रक्षा तंत्र विकसित करें।” यह बयाना इस बात की ओर इशारा करता है कि देश की सुरक्षा के लिए यह केंद्र एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
वैश्विक और स्थानीय सहयोग
CyStar का उद्देश्य स्थानीय और वैश्विक स्तर पर अकादमी, उद्योग और शोध संस्थानों के साथ सहयोग करना है। इस केंद्र में छात्रों, पेशेवरों और शोधकर्ताओं को आवश्यक विशेषज्ञता प्रदान की जाएगी, ताकि वे जटिल सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर सकें। इसके फोकस क्षेत्रों में वित्त, स्वास्थ्य, ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उद्योग शामिल हैं।
केंद्र के मुख्य कार्य
प्रो. श्वेता अग्रवाल ने कहा, “हम इस केंद्र को लॉन्च करने के लिए खुश और उत्साहित हैं, जो साइबर सुरक्षा की जटिल समस्याओं का अध्ययन करने के लिए विविध विशेषज्ञता वाले लोगों को एक साथ लाएगा। हमारा दृष्टिकोण बहुआयामी है और हम मूलभूत शोध से लेकर वास्तविक जीवन के अनुप्रयोगों तक योगदान करने की योजना बना रहे हैं।”
प्रो. जॉन ऑगस्टाइन ने कहा, “भारत एक संघीय देश है जिसमें विभिन्न सुरक्षा आवश्यकताओं के साथ कई सामाजिक और व्यापारिक नेटवर्क हैं। CyStar का दृष्टिकोण इस पारिस्थितिकी तंत्र के व्यक्तियों को अपने जीवन और व्यवसायों को सुरक्षित रखने के लिए सशक्त बनाना है।”
साइबर सुरक्षा के लिए बहुआयामी रणनीति
CyStar एक व्यापक और बहुआयामी रणनीति विकसित करेगा, जो AI और पोस्ट-क्वांटम युग के कारण उत्पन्न हो रहे बढ़ते साइबर सुरक्षा चुनौतियों का सामना करेगा। यह दृष्टिकोण महत्वपूर्ण राष्ट्रीय अवसंरचना की सुरक्षा पर केंद्रित होगा, जो इन उन्नत तकनीकी खतरों के खिलाफ एक समग्र रक्षा प्रदान करेगा।
ज्ञान और नवाचार का पारिस्थितिकी तंत्र
CyStar का उद्देश्य ज्ञान और नवाचार का एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है, जहां उद्योग के नेता, विद्वान और सरकारी संस्थान अत्याधुनिक तकनीक के साथ सहयोग कर सकें। इससे वे साइबर सुरक्षा में ज्ञान के विकास को वास्तविक उत्पादों या सेवाओं में लागू कर सकेंगे।
सहयोगी संगठन और भागीदार
CyStar के प्रमुख शोध, उद्योग और सरकारी भागीदारों में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय, Vitesco Technologies, Kaspersky, IDBI Bank, LG India, Saptang Labs, Algorand, Indo-French Centre for the Promotion of Advanced Research और National Security Coordination Secretariat शामिल हैं।
IIT मद्रास का CyStar केंद्र साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल भारत की साइबर सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि शोध और नवाचार को भी बढ़ावा देगा। इस केंद्र की स्थापना के माध्यम से भारत के तकनीकी विकास की दिशा में एक नई पहल का आगाज हुआ है। इससे भविष्य में साइबर खतरों से निपटने के लिए एक सशक्त और प्रभावी ढांचा तैयार किया जा सकेगा।