फेस्टिव सीज़न में शॉपिंग का नया रिकॉर्ड: 1 लाख करोड़ का बिक्री लक्ष्य, लेकिन सतर्क रहें


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2024-10-09 19:36:10



फेस्टिव सीज़न में शॉपिंग का नया रिकॉर्ड: 1 लाख करोड़ का बिक्री लक्ष्य, लेकिन सतर्क रहें

त्योहारों का समय हमेशा से भारतीय उपभोक्ताओं के लिए खरीदारी का एक बड़ा अवसर होता है। इस साल, बाजार में उत्साह बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि त्योहारों की बिक्री 23% की वृद्धि के साथ 1 लाख करोड़ रुपये (12 अरब डॉलर) तक पहुंचने का अनुमान है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस समय साइबर धोखाधड़ी भी बढ़ जाती है? इसलिए, शॉपिंग के साथ-साथ आपको सतर्क रहने की भी जरूरत है। आइए, इस रिपोर्ट में जानते हैं त्योहारों के दौरान खरीदारी के रुझान और उनसे जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य।

बढ़ती खरीदारी की प्रवृत्ति

Datum नामक एक मार्केट फोरकास्टर की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, इस फेस्टिव सीज़न में उपभोक्ताओं की खरीदारी का उत्साह पिछले वर्षों की तुलना में अधिक बढ़ने की संभावना है। रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष बिक्री 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है, जो कि पिछले साल की तुलना में 23% अधिक है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उपभोक्ताओं को ऑनलाइन खरीदारी करते समय रिटर्न और रिफंड नीतियों को ध्यान से पढ़ने की सलाह दी गई है, क्योंकि इस समय साइबर अपराधियों की गतिविधियां बढ़ जाती हैं।

शॉपिंग का व्यवहार और प्रवृत्तियाँ

रिपोर्ट का उद्देश्य भारतीय उपभोक्ताओं के खरीदारी व्यवहार को समझना है, खासकर त्योहारों के मौसम में। Big Billion Days/Great Indian Festival से लेकर दीवाली तक, ई-कॉमर्स बाजार में बड़ी वृद्धि की उम्मीद है। रिपोर्ट तैयार करने के लिए, 10 से 20 सितंबर के बीच 20 भारतीय शहरों में 2000 वयस्कों का एक ऑनलाइन सर्वेक्षण किया गया था, जिसमें 55% पुरुष और 45% महिलाएं शामिल थीं।

श्रेणी के अनुसार खर्च

रिपोर्ट के अनुसार, मोबाइल और फैशन श्रेणियां इस फेस्टिव सीज़न में बिक्री का 50% हिस्सा लेने की उम्मीद है। विशेष रूप से, मोबाइल्स की बिक्री कुल बिक्री का 29.9% होने की उम्मीद है, जबकि फैशन क्षेत्र का हिस्सा 19.6% रहने की संभावना है। इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक्स और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएं 17.5% का योगदान देने की उम्मीद है। अन्य श्रेणियों में Big Gadgets & More 13.8%, ग्रोसरी 13%, ब्यूटी और पर्सनल केयर 4.3% और अन्य श्रेणियों का हिस्सा 1.9% रहने की उम्मीद है।

खरीदारी के रुझान

सर्वेक्षण से पता चलता है कि 68% उत्तरदाता इस फेस्टिव सीज़न में फैशन आइटम (कपड़े, एक्सेसरीज़, और फुटवियर) खरीदने की योजना बना रहे हैं। इसके अलावा, 53% लोग ग्रोसरी खरीदने का इरादा रखते हैं, 48% ब्यूटी और पर्सनल केयर उत्पाद खरीदना चाहते हैं, 47% स्मार्टफोन खरीदने की योजना बना रहे हैं, और 45% उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स में रुचि रखते हैं (स्मार्टफोन्स को छोड़कर)।

महत्वपूर्ण बिंदु

रिपोर्ट के अनुसार, 65% ऑनलाइन खरीदार इस फेस्टिव सीज़न में अधिक खर्च करने की उम्मीद कर रहे हैं, और 79% शॉपर्स जल्दी खरीदारी शुरू करने का इरादा रखते हैं। इनमें से 35% ने दीवाली से 15 दिन पहले खरीदारी शुरू करने की योजना बनाई है। मेट्रो शहरों के उत्तरदाताओं में, 71% ने बताया कि वे इस फेस्टिव सीज़न में अधिक खर्च करेंगे, जबकि 60% त्योहार के खरीदार 15,000 रुपये से अधिक खर्च करने की उम्मीद कर रहे हैं।

शॉपिंग सीज़न के दौरान सतर्क रहें

उपभोक्ता वॉयस के प्रबंध संपादक प्रो. श्रीराम खन्ना ने कहा कि नवरात्रि से लेकर दिसंबर तक का समय खरीदारी के लिए एक महत्वपूर्ण अवधि होती है। वास्तव में, अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में उपभोक्ता कुल बिक्री का लगभग 40-50% हिस्सा बनाते हैं—यह प्रवृत्ति वर्षों से स्थिर रही है। उन्होंने यह भी बताया कि ऑनलाइन खरीदारी ने इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, और अब बिक्री आंकड़े ट्रैक करना बहुत आसान हो गया है।

हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि कुछ खुदरा विक्रेता अपने लाभ को बढ़ाने के लिए चालाक तरीकों का इस्तेमाल कर सकते हैं। व्यस्त मौसम के दौरान, ग्राहकों को सक्रिय रहना चाहिए और खरीदारी करने से पहले स्टोर की रिटर्न नीतियों की जांच करनी चाहिए।

उपभोक्ता सुरक्षा के लिए सख्त नियमों की आवश्यकता

अंतरराष्ट्रीय उपभोक्ता नीति विशेषज्ञ बिजोन मिश्रा ने ETV भारत से कहा कि भारत में ऑनलाइन बिक्री ने काफी बढ़ोतरी की है, जिससे उपभोक्ताओं को बहुत सारी सुविधा मिली है। लेकिन रिफंड और एक्सचेंज की मुख्य चुनौती अभी भी बनी हुई है। गलत सामान भेजने के मामले में कोई विकल्प न मिलने की कई शिकायतें आई हैं। सरकार को उपभोक्ता सुरक्षा के लिए एक मजबूत तंत्र तैयार करने की आवश्यकता है।

उन्होंने सुझाव दिया कि केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण को उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए रिटर्न और एक्सचेंज के लिए सख्त नियम लागू करने चाहिए।

इस साल के त्योहारों के मौसम में उपभोक्ताओं की खरीदारी के रुझान न केवल सकारात्मक हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि भारतीय बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा के साथ, उपभोक्ताओं को भी अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। त्योहारों की खरीदारी का यह समय न केवल खुशी का होता है, बल्कि यह अपने अधिकारों को जानने का भी अवसर है।


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