शिक्षा क्षेत्र में उछाल: स्कूली और कॉलेजों की आय में 12-14 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान
के कुमार आहूजा 2024-10-09 13:42:50
शिक्षा क्षेत्र में उछाल: स्कूली और कॉलेजों की आय में 12-14 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान
शिक्षा क्षेत्र में विकास की एक नई लहर चल रही है, जहां स्कूलों और कॉलेजों के लिए 12 से 14 प्रतिशत की आय वृद्धि की उम्मीद की जा रही है। यह वृद्धि न केवल उच्च नामांकन दर के कारण है, बल्कि छात्रों के नए पाठ्यक्रम विकल्पों की खोज के कारण भी हो रही है। आइए इस रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं कि कैसे ये बदलाव शिक्षा प्रणाली को प्रभावित कर रहे हैं और किस प्रकार की आर्थिक संभावनाएँ इस क्षेत्र में देखी जा रही हैं।
विकास के कारक: उच्च नामांकन और पाठ्यक्रम की विविधता
CRISIL Ratings के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष में 12 से 14 प्रतिशत की वृद्धि अपेक्षित है, जो पिछले तीन वर्षों के उच्च विकास दर के बावजूद हो रही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि 96 शैक्षणिक संस्थानों का विश्लेषण किया गया है, जो लगभग 20,000 करोड़ रुपये की फीस आय का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह वृद्धि मुख्य रूप से दो कारणों से हो रही है:
उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा की बढ़ती मांग: छात्रों और उनके अभिभावकों की शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ी है, जिससे वे उच्च गुणवत्ता वाले संस्थानों की तलाश कर रहे हैं।
आर्थिक विकास: जैसे-जैसे आय स्तर बढ़ता है, छात्र और उनके परिवार अधिक निवेश करने को तैयार हैं, जिससे शिक्षा के प्रति रुझान में वृद्धि हो रही है।
सरकारी प्रयास और भविष्य की संभावनाएं
सरकार ने उच्च शिक्षा के लिए सकल नामांकन अनुपात (GER) को 2035 तक 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। वर्तमान में, यह अनुपात 30 प्रतिशत से भी कम है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नए संस्थानों की स्थापना और मौजूदा संस्थानों का विस्तार किया जाएगा।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों की नामांकन क्षमता में वृद्धि के साथ, इस वित्तीय वर्ष में उपयोगिता दर 85 प्रतिशत से बढ़कर 86-87 प्रतिशत हो सकती है।
कौशल विकास और उच्च मांग वाले पाठ्यक्रम
CRISIL Ratings के निदेशक हिमांक शर्मा ने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेजों में कंप्यूटर साइंस के पाठ्यक्रमों में नामांकन स्वस्थ बने हुए हैं, जबकि नए पाठ्यक्रम जैसे कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, और मशीन लर्निंग में उच्च मांग देखी जा रही है। 2025 में बेहतर भर्ती संकेतों के साथ इन पाठ्यक्रमों में और वृद्धि होने की संभावना है। मेडिकल कॉलेज और स्कूल भी उच्च नामांकन दर्ज कर रहे हैं, जिससे फीस आय में वृद्धि हो रही है।
आर्थिक स्थिरता और व्यावसायिक क्षमता
भले ही फीस आधार में वृद्धि हो रही है, फिर भी कार्यशील पूंजी की आवश्यकता न्यूनतम बनी रहेगी। फीस प्राप्तियों को पिछले कुछ वर्षों में 45 से 50 दिनों के भीतर नियंत्रित किया गया है। इसके अलावा, ब्याज कवरेज अनुपात भी इस वित्तीय वर्ष में 0.41 और 7.0 गुना होने का अनुमान है, जबकि पिछले वर्ष यह 0.46 और 6.2 गुना था।
आचार्य नगरजुन आलापार्थी, जो कि CRISIL Ratings के सहायक निदेशक हैं, ने कहा, "शैक्षणिक संस्थानों द्वारा मजबूत नकद उत्पादन ने पूंजीगत व्यय (capex) में 18 से 20 प्रतिशत की वृद्धि की है, जो 2024 में अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है।"
संरचना में सुधार और नए पाठ्यक्रमों का समावेश
शिक्षण संस्थान अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए भूमि और बुनियादी ढांचे में भारी निवेश कर रहे हैं, जो वर्तमान सकल ब्लॉकों के 14 से 16 प्रतिशत के बराबर है। यह सभी नए पाठ्यक्रमों को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करने की योजना का हिस्सा है। हालांकि, शैक्षिक संस्थानों के क्रेडिट प्रोफाइल स्थिर रहेंगे, क्योंकि ऋण का स्तर कम बना रहेगा।
बहरहाल, CRISIL के अनुसार, शिक्षा क्षेत्र में निरंतर विकास के संकेत हैं। स्कूलों और कॉलेजों की बढ़ती आय, नामांकन में वृद्धि और नए पाठ्यक्रमों की मांग इस क्षेत्र की स्थिरता का संकेत देती है। जैसे-जैसे शिक्षा प्रणाली में सुधार होते जा रहे हैं, यह देखा जा रहा है कि आर्थिक स्थिरता और विकास की संभावनाएँ भी बढ़ रही हैं।
शिक्षा में इन सुधारों का उद्देश्य न केवल व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देना है, बल्कि छात्रों को बेहतर भविष्य की दिशा में अग्रसर करना भी है।