त्रिपुरा के कदमतला में सांप्रदायिक तनाव: चंदा वसूली पर दो समुदायों में झड़प, एक की मौत, 17 घायल
के कुमार आहूजा 2024-10-08 20:03:49
त्रिपुरा के कदमतला में सांप्रदायिक तनाव: चंदा वसूली पर दो समुदायों में झड़प, एक की मौत, 17 घायल
त्रिपुरा के कदमतला इलाके में दुर्गा पूजा के चंदा वसूली को लेकर दो धार्मिक समुदायों के बीच हुई हिंसक झड़प से पूरे क्षेत्र में तनाव फैल गया। इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि 15 पुलिसकर्मियों सहित कुल 17 लोग घायल हुए। पुलिस ने स्थिति पर काबू पाने के लिए लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग भी की। आइए जानते हैं इस घटना के विस्तार से...
विस्तृत रिपोर्ट:
त्रिपुरा के उत्तरी जिले कदमतला में रविवार को दुर्गा पूजा के चंदा वसूली को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि सांप्रदायिक हिंसा की स्थिति उत्पन्न हो गई। झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई, हालांकि उसकी मौत का कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है। उत्तरी त्रिपुरा जिले के पुलिस अधीक्षक भानुपदा चक्रवर्ती ने जानकारी देते हुए कहा कि रविवार रात को एक शव बरामद किया गया, परंतु उसकी मौत कैसे हुई, यह अभी तक जांच के दायरे में है।
इस झड़प में 15 पुलिसकर्मी और 2 अन्य लोग भी घायल हो गए। घायलों का इलाज नजदीकी अस्पताल में चल रहा है। घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने स्थिति को काबू करने के लिए कई बार लाठीचार्ज किया और अंततः हवाई फायरिंग करनी पड़ी।
प्रशासन की प्रतिक्रिया:
जिला पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए घटनास्थल पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया और कदमतला थाना क्षेत्र के अंतर्गत धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। इस आदेश के अनुसार, बुधवार तक किसी भी प्रकार की सभा या भीड़ को इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा, त्रिपुरा राज्य राइफल्स (TSR) की टुकड़ियों को भी मौके पर तैनात किया गया है ताकि शांति बनाए रखी जा सके।
त्रिपुरा पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में बताया कि धार्मिक नेताओं के हस्तक्षेप से स्थिति को नियंत्रण में लाया गया है। पुलिस ने सभी नागरिकों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
नेताओं की प्रतिक्रिया:
विपक्ष के नेता जितेंद्र चौधरी ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से स्थिति के बारे में बात की और सीमा सुरक्षा बल (BSF) और असम राइफल्स की तैनाती की मांग की ताकि शांति सुनिश्चित की जा सके। वहीं, कांग्रेस विधायक सुदीप रॉय बर्मन ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि जब कदमतला में हिंसा हो रही थी, तब मुख्यमंत्री अगर्तला में एक दुर्गा पूजा पंडाल का उद्घाटन कर रहे थे।
विपक्षी नेताओं ने दोनों समुदायों से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की है, ताकि स्थिति और न बिगड़े। फिलहाल, जिला प्रशासन और पुलिस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया है।
कदमतला की यह घटना न केवल स्थानीय प्रशासन के लिए एक गंभीर चुनौती है, बल्कि राज्य की कानून व्यवस्था के लिए भी चिंता का विषय है। प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों और पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने स्थिति को नियंत्रण में लाने में मदद की है। अब देखना होगा कि इस मामले की जांच कैसे आगे बढ़ती है और दोषियों को कब तक सजा मिलती है।