अहिंसा समरसता अवार्ड से सम्मानित कृष्णकुमार शर्मा के बीकानेर आगमन पर हुआ भव्य सम्मान
के कुमार आहूजा 2024-10-06 15:19:48
अहिंसा समरसता अवार्ड से सम्मानित कृष्णकुमार शर्मा के बीकानेर आगमन पर हुआ भव्य सम्मान
अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर, बीकानेर के प्रसिद्ध वास्तुविद और समाजसेवी कृष्णकुमार शर्मा को सामाजिक क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान के लिए दो प्रतिष्ठित अवार्ड से सम्मानित किया गया। जयपुर में राज्य स्तरीय समारोह के बाद दिल्ली में भी उन्हें अहिंसा समरसता अवार्ड प्राप्त हुआ, जिसने बीकानेरवासियों का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया।
विस्तृत रिपोर्ट:
अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के मौके पर, जयपुर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा बीकानेर के प्रसिद्ध वास्तुविद और गुरुकुल परंपरा के प्रणेता कृष्णकुमार शर्मा को सम्मानित किया गया। उन्हें समाज कल्याण, कला, साहित्य, और वृद्ध सेवा में उनकी उल्लेखनीय सेवाओं के लिए प्रशस्तिपत्र प्रदान किया गया।
शर्मा को अगले दिन दिल्ली के राजघाट पर एक और सम्मान से नवाजा गया, जहां राष्ट्रीय समता स्वतंत्र मंच द्वारा उन्हें अहिंसा समरसता अवार्ड प्रदान किया गया। इस सम्मान ने न केवल बीकानेर बल्कि पूरे राज्य में उन्हें एक नई पहचान दी। शर्मा ने अपनी वास्तुकला की अद्वितीय शैली और भारतीय गुरुकुल परंपरा के प्रसार में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उनके ज्ञान और समर्पण ने उन्हें समाज सेवा के क्षेत्र में एक अग्रणी व्यक्तित्व के रूप में स्थापित किया है।
बीकानेर में सम्मान समारोह:
बीकानेर लौटने पर, स्थानीय साहित्य एवं कला संगठनों ने मिलकर कृष्णकुमार शर्मा के सम्मान में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। शब्दरंग साहित्य एवं कला संस्थान और साहित्य परिषद के कार्यकर्ताओं ने उनके निवास स्थान पर पुष्पमालाओं और शॉल से उनका भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर उपस्थित कवि-कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने शर्मा के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उनका ज्ञान बीकानेर की सांस्कृतिक धरोहर को और भी समृद्ध कर रहा है।
साहित्य परिषद बीकानेर के अध्यक्ष डॉ. अखिलानंद पाठक ने शर्मा के व्यक्तित्व और कृतित्व का वर्णन करते हुए उन्हें "यथार्थ गीता" की प्रति भेंट की। उन्होंने गुरुकुल शिक्षा प्रणाली में शर्मा के योगदान को भी विशेष रूप से रेखांकित किया। सचिव जितेन्द्रसिंह राठौड़ ने गुरुकुल व्यवस्था पर शर्मा के योगदान को रेखांकित किया। पार्षद सुधा आचार्य ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर भ्राताश्री के सम्मान से नगरवासी प्रफुल्लित हैं। भविष्य में भी इनके ज्ञान की गंगा से समाज लाभान्वित होता रहे यही कामना करती हूँ।
शर्मा की प्रतिक्रिया:
अपने सम्मान से अभिभूत कृष्णकुमार शर्मा ने नगरवासियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, "यह मेरे जीवन का एक महत्वपूर्ण पल है। मेरे अपनों के हाथों मिला यह सम्मान मेरे लिए नई ऊर्जा का स्रोत है।" उन्होंने बीकानेरवासियों के प्रेम और भाईचारे का हमेशा ऋणी रहने का संकल्प लिया।
समाजसेवियों का योगदान:
इस अवसर पर अन्य प्रमुख वक्ताओं में पार्षद सुधा आचार्य, विनोद ओझा, और चंदन तलरेजा ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। सभी ने एक स्वर में कहा कि शर्मा का सम्मान पूरे बीकानेर के लिए गर्व की बात है।
इस सम्मान समारोह का आयोजन बीकानेर के सामाजिक और सांस्कृतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा जा रहा है। कृष्णकुमार शर्मा का योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक रहेगा।