बीएड कॉलेजों में मनमानी वसूली: यूनिवर्सिटी ने शुरू की जांच, छात्रों के भविष्य पर संकट!


के कुमार आहूजा  2024-10-06 08:18:42



बीएड कॉलेजों में मनमानी वसूली: यूनिवर्सिटी ने शुरू की जांच, छात्रों के भविष्य पर संकट!

राजस्थान के प्राइवेट बीएड कॉलेजों में छात्रों से की जा रही मनमानी वसूली की शिकायतों ने एमडीएस यूनिवर्सिटी के प्रशासन को हरकत में ला दिया है। क्या ये कॉलेज छात्रों के भविष्य के साथ खेल रहे हैं? इसी सवाल के जवाब में यूनिवर्सिटी ने जांच टीमें गठित की हैं, जो सचाई की परतें उघाड़ने निकली हैं।

विस्तृत रिपोर्ट:

हाल ही में, एमडीएस यूनिवर्सिटी को यह जानकारी मिली कि कई प्राइवेट बीएड कॉलेज अपने छात्रों से उपस्थिति कम होने का डर दिखाकर पैसे वसूल कर रहे हैं। इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने जांच टीमों का गठन किया। शनिवार को भोपों का बाड़ा स्थित एक प्राइवेट कॉलेज में जांच के लिए यूनिवर्सिटी की टीम पहुंची, जहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों को संकलित किया गया।

प्रोफेसर सुनील शर्मा ने बताया कि कुल 12 कॉलेजों की जांच की गई, जिनमें से अधिकांश कॉलेज छात्रों से फर्जी तरीके से पैसा मांग रहे थे। शिकायतकर्ता छात्रों का आरोप था कि ये कॉलेज उनसे किट, साड़ी और अन्य सामान के नाम पर मनमानी रकम वसूलते हैं और उसके लिए कोई रसीद भी नहीं देते।

शिक्षकों की कमी और आर्थिक शोषण:

जांच के दौरान यह भी सामने आया कि प्राइवेट बीएड कॉलेजों में छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की कमी है। यह स्थिति गंभीर है क्योंकि कई कॉलेज, जो केवल कागजों पर छात्रों को दाखिला देते हैं, वास्तव में उन छात्रों की उपस्थिति को पैसे लेकर पूरा कर देते हैं। वे उन विद्यार्थियों से पैसे लेते हैं, जो कॉलेज नहीं आ पाते, जबकि जिन छात्रों को यह धन नहीं दे पाते, उन्हें साल खराब होने की धमकी दी जाती है।

प्रोफेसर शर्मा ने यह भी बताया कि कॉलेजों की शिक्षकों की कमी का एक कारण यह है कि छात्रों की फिजिकल उपस्थिति नहीं होती। ऐसे में कॉलेज केवल कागजी दिखावे के लिए छात्रों को दाखिल करते हैं, जिससे उन्हें शिक्षकों की नियुक्ति में भी खर्च कम करने का मौका मिलता है।

संदिग्ध कॉलेज संचालन:

एक अन्य हैरान करने वाली बात यह सामने आई है कि कई प्राइवेट बीएड कॉलेजों के भवनों में अन्य शैक्षणिक संस्थान भी संचालित हो रहे हैं। इस पर प्रोफेसर शर्मा ने सवाल उठाते हुए कहा कि एक ही भवन में कई कॉलेज और अन्य शिक्षण गतिविधियों का संचालन कैसे संभव है। यह स्थिति न केवल छात्रों के लिए बल्कि शैक्षणिक मानकों के लिए भी गंभीर है।

आगे की कार्रवाई:

प्रोफेसर शर्मा ने कहा कि जांच रिपोर्ट यूनिवर्सिटी के कुलपति को सौंपी जाएगी, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि नागौर जिले में मेड़ता सिटी, लाडनूं और कुचामन सिटी में भी इसी तरह की जांच की गई है।

इस घटना ने स्पष्ट कर दिया है कि प्राइवेट बीएड कॉलेजों में छात्रों का आर्थिक शोषण हो रहा है, और एमडीएस यूनिवर्सिटी इस मामले में सख्त कदम उठाने के लिए तैयार है। आने वाले दिनों में इस जांच का क्या परिणाम होगा, यह देखना दिलचस्प होगा।


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