भारत की वायु रक्षा को और मजबूती: पोखरण में DRDO ने सफलतापूर्वक किया VSHORAD सिस्टम का परीक्षण


के कुमार आहूजा  2024-10-06 07:42:11



भारत की वायु रक्षा को और मजबूती: पोखरण में DRDO ने सफलतापूर्वक किया VSHORAD सिस्टम का परीक्षण

भारत की रक्षा क्षमताओं को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाते हुए DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) ने पोखरण में अपने चौथी पीढ़ी के VSHORAD (Very Short Range Air Defence) सिस्टम का सफल परीक्षण किया। यह सिस्टम न केवल हाई-स्पीड एरियल टारगेट्स को सटीकता से निशाना बना सकता है, बल्कि "हिट-टू-किल" क्षमता के साथ भारत की वायु रक्षा को और भी मजबूत बनाता है।

विस्तृत रिपोर्ट:

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। हाल ही में पोखरण में चौथी पीढ़ी के बहुत कम दूरी वाली वायु रक्षा प्रणाली (VSHORAD) का सफल परीक्षण किया गया। यह परीक्षण भारत की वायु रक्षा प्रणाली में एक नया आयाम जोड़ता है, जो तेजी से बदलते युद्धक्षेत्र में अत्यंत आवश्यक साबित हो सकता है।

VSHORAD सिस्टम की क्षमता:

VSHORAD प्रणाली का उद्देश्य कम ऊंचाई पर उड़ने वाले हवाई लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से नष्ट करना है। इस प्रणाली को विशेष रूप से भारत की सीमाओं की सुरक्षा के लिए डिजाइन किया गया है, जहां हाई-स्पीड एरियल टारगेट्स, जैसे ड्रोन, हेलिकॉप्टर और लड़ाकू विमान, एक बड़ा खतरा बन सकते हैं। पोखरण परीक्षण में, इस प्रणाली ने एक हाई-स्पीड एरियल टारगेट को "हिट-टू-किल" (सटीकता से लक्ष्य को नष्ट करना) की अपनी क्षमता को सफलतापूर्वक प्रदर्शित किया।

DRDO द्वारा निर्मित यह प्रणाली नवीनतम तकनीक से सुसज्जित है, जिसमें इंफ्रारेड सीकर्स, अत्याधुनिक सेंसर, और तेज़ प्रतिक्रिया देने वाली मिसाइलें शामिल हैं। इन तकनीकों के साथ, VSHORAD सिस्टम बेहद कम समय में हवाई खतरों का पता लगाने और उन्हें नष्ट करने की क्षमता रखता है।

भारत की वायु रक्षा को नई शक्ति:

इस परीक्षण के साथ, भारत की वायु रक्षा क्षमता और भी सशक्त हुई है। DRDO की यह उपलब्धि देश की सीमाओं की सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विशेषज्ञों का मानना है कि VSHORAD प्रणाली सीमावर्ती इलाकों में तैनात भारतीय सेनाओं के लिए एक अचूक सुरक्षा कवच साबित होगी, जो उन्हें किसी भी हवाई हमले से तुरंत निपटने की शक्ति प्रदान करेगी।

इस प्रणाली को भारतीय सेना की मौजूदा वायु रक्षा प्रणाली के साथ एकीकृत किया जाएगा, जिससे देश की सुरक्षा और मजबूत होगी। यह सिस्टम न केवल तात्कालिक खतरों से निपटने में सक्षम है, बल्कि इसका मॉड्यूलर डिजाइन इसे भविष्य की चुनौतियों के लिए भी तैयार करता है।

टेस्ट की प्रमुख विशेषताएं:

परीक्षण के दौरान, VSHORAD सिस्टम ने तेजी से बदलते लक्ष्य को नष्ट कर यह साबित किया कि यह अत्यधिक सटीकता और विश्वसनीयता के साथ काम कर सकता है। यह प्रणाली बेहद हल्की और पोर्टेबल है, जिससे इसे किसी भी भौगोलिक स्थिति में आसानी से तैनात किया जा सकता है।

DRDO की उपलब्धि:

DRDO के वैज्ञानिकों ने इस प्रणाली को विकसित करने में कड़ी मेहनत की है। यह परीक्षण न केवल उनके शोध और विकास के प्रयासों का परिणाम है, बल्कि यह भारतीय रक्षा उत्पादन की आत्मनिर्भरता को भी दर्शाता है। DRDO के चेयरमैन ने इस परीक्षण की सफलता पर गर्व व्यक्त किया और इसे भारत की सुरक्षा क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया।


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