हरियाणा विधानसभा चुनाव: मतदाताओं की उत्साहपूर्ण भागीदारी, मुकाबला हुआ रोचक


के कुमार आहूजा कान्ता आहूजा  2024-10-06 06:24:01



हरियाणा विधानसभा चुनाव: मतदाताओं की उत्साहपूर्ण भागीदारी, मुकाबला हुआ रोचक

हरियाणा में मतदान का दौर जारी है और इस बार मुकाबला कहीं अधिक दिलचस्प हो गया है। भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधे टकराव के साथ-साथ अन्य दलों की भागीदारी ने मुकाबले को और भी रोमांचक बना दिया है। आखिर कौन होगा विजेता और किन मुद्दों पर चुनावी दंगल सजा है, जानते हैं इस रिपोर्ट में...

चुनाव की शुरुआत: 

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 90 सीटों पर मतदान शनिवार सुबह शुरू हो गया। इस बार चुनाव में कुल 2.03 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर 1,031 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। प्रदेश में 20,632 मतदान केंद्र बनाए गए हैं और मतदान शाम 6 बजे तक चलेगा। चुनाव आयोग ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की रिपोर्ट अब तक नहीं आई है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, मतदाता सुबह 7 बजे से पहले ही मतदान केंद्रों पर पहुँचने लगे थे, जो उनके चुनावी उत्साह का प्रतीक है।

मुख्य मुकाबला: 

हरियाणा में चुनावी जंग का मुख्य केंद्र भाजपा और कांग्रेस के बीच है। भाजपा अपने 'डबल इंजन' सरकार के जरिए लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही है, जबकि कांग्रेस सत्ता में वापसी की उम्मीद लगाए बैठी है। कांग्रेस अपने प्रचार में किसानों, युवाओं, बेरोजगारों और पहलवानों के बीच सरकार के प्रति कथित असंतोष को प्रमुख मुद्दा बना रही है।

दोनों पार्टियों ने 89 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं और जनता को अपने पक्ष में करने के लिए जोरशोर से प्रचार किया है। भाजपा, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में एक और कार्यकाल की चाहत रखती है, जबकि कांग्रेस ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में सत्ता पर नजरें गड़ा रखी हैं।

तीसरे मोर्चे की भूमिका: 

हालांकि मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच द्विध्रुवीय दिख रहा है, लेकिन कई सीटों पर त्रिकोणीय और बहुकोणीय मुकाबला भी नजर आ रहा है। आम आदमी पार्टी (AAP), इंडियन नेशनल लोक दल (INLD), बहुजन समाज पार्टी (BSP), और जन्नायक जनता पार्टी (JJP) जैसे दल भी मैदान में हैं। INLD और BSP के गठबंधन तथा JJP और आजाद समाज पार्टी के बीच हुए गठबंधन से कुछ सीटों पर मुकाबला और कड़ा हो गया है।

इसके अलावा, भाजपा के कुछ बागी नेता निर्दलीय उम्मीदवारों के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, जिससे कई क्षेत्रों में अप्रत्याशित परिणाम आने की संभावना भी बढ़ गई है।

मतदाताओं के आंकड़े और चुनावी प्रक्रिया: 

हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल के अनुसार, राज्य में 2.03 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जिनमें 1.07 करोड़ पुरुष, 95.77 लाख महिलाएं और 467 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। चुनाव प्रक्रिया की निगरानी के लिए तीन स्तरों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है, जिसमें राज्य, जिला और विधानसभा स्तर पर कंट्रोल रूम बनाए गए हैं।

चुनाव के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) की 225 कंपनियां तैनात की गई हैं। इसके अलावा, 29,462 पुलिस कर्मी, 21,196 होम गार्ड और 10,403 विशेष पुलिस अधिकारी (SPO) राज्यभर में तैनात किए गए हैं।

चुनाव में डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग: 

इस चुनाव में तकनीकी सुविधाओं का भी भरपूर उपयोग किया जा रहा है। मतदाताओं की सहूलियत के लिए 'Voters-in-Queue' ऐप लॉन्च किया गया है, जिसकी मदद से मतदाता यह पता कर सकते हैं कि किसी विशेष मतदान केंद्र पर कतार की स्थिति क्या है। इससे खासकर शहरी क्षेत्रों में मतदाताओं को लंबी लाइनों में लगने से राहत मिलेगी और मतदान प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सकेगी। हर आधे घंटे में ऐप पर लाइन की स्थिति अपडेट होती रहती है, जिससे मतदाता घर बैठे ही स्थिति का जायजा ले सकते हैं।

चुनावी मुद्दे और संभावनाएं: 

इस बार चुनावी मुद्दों में प्रमुखता से किसानों का असंतोष, सरकारी कर्मचारियों की मांगें, बेरोजगारी और राज्य में महिला सुरक्षा को लेकर जनता की चिंताएं शामिल हैं। खासकर किसानों और पहलवानों के बीच सरकार के खिलाफ असंतोष को कांग्रेस ने अपने प्रचार अभियान में प्रमुखता से उठाया है। भाजपा ने अपने विकास कार्यों और 'डबल इंजन' सरकार के लाभों को मतदाताओं के समक्ष रखा है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार के समन्वय को जोर दिया गया है।

कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा के सामने आंतरिक विद्रोह और विपक्षी गठबंधनों की चुनौतियों से निपटना बड़ी चुनौती है। दूसरी ओर, कांग्रेस ने पुराने गठबंधनों को भंग कर अकेले लड़ने का फैसला लिया है, जिससे कुछ क्षेत्रों में उसे लाभ मिल सकता है।

कड़ी सुरक्षा व्यवस्था: 

मतदान के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी से बचने के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है। चुनाव आयोग की ओर से CAPF की 225 कंपनियां, राज्य पुलिस के हजारों जवान और विशेष पुलिस अधिकारी तैनात किए गए हैं। राज्यभर में लगातार सुरक्षा बल गश्त कर रहे हैं और संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

बहरहाल, हरियाणा विधानसभा चुनाव में मतदाताओं का उत्साहपूर्ण भागीदारी और विभिन्न राजनीतिक दलों की जोरदार तैयारियों ने मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है। भाजपा और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला होने की संभावना है, लेकिन छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों की उपस्थिति से कई सीटों पर अप्रत्याशित परिणाम आ सकते हैं। चुनावी नतीजे राज्य की राजनीतिक दिशा को तय करेंगे और यह देखना दिलचस्प होगा कि कौनसी पार्टी अंतिम जीत हासिल करेगी।


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