ओवैसी का सख्त रुख: यति नरसिंहानंद के बयान पर शिकायत दर्ज, पुलिस से की कड़ी कार्रवाई की मांग
2024-10-06 05:28:05
ओवैसी का सख्त रुख: यति नरसिंहानंद के बयान पर शिकायत दर्ज, पुलिस से की कड़ी कार्रवाई की मांग
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुसलिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर विवादास्पद बयान देने वाले यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ओवैसी ने इस मामले को लेकर हैदराबाद के पुलिस कमिश्नर सी.वी. आनंद से मुलाकात कर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। आखिर क्या है यह मामला और क्यों उठ खड़ा हुआ इतना बड़ा विवाद? आइए जानते हैं पूरी कहानी।
विस्तृत रिपोर्ट:
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुसलिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को एक प्रतिनिधिमंडल के साथ हैदराबाद के पुलिस कमिश्नर सी.वी. आनंद से मुलाकात की। इस मुलाकात में ओवैसी और उनके साथ आए विधायकों और एमएलसी ने विवादास्पद धार्मिक नेता यति नरसिंहानंद सरस्वती द्वारा दिए गए एक बयान के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज करवाई। इस बयान में यति नरसिंहानंद ने पैगंबर मुहम्मद (सल्ल.) के खिलाफ आपत्तिजनक और झूठी बातें कही थीं, जिसने मुस्लिम समुदाय में भारी नाराजगी पैदा कर दी है।
ओवैसी ने दिया बयान:
असदुद्दीन ओवैसी ने इस शिकायत के बारे में जानकारी देते हुए कहा, "आज हमारी पार्टी की ओर से, मैं, हमारे एमएलए और एमएलसी पुलिस कमिश्नर सी.वी. आनंद से मिले और यति नरसिंहानंद सरस्वती द्वारा दिए गए अनुचित और झूठे बयानों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने पैगंबर मुहम्मद (सल्ल.) के खिलाफ अपमानजनक बातें कही हैं, जो बिल्कुल अस्वीकार्य हैं।"
ओवैसी ने जोर देकर कहा कि ऐसे विवादास्पद और उकसाने वाले बयानों को हल्के में नहीं लिया जा सकता और पुलिस से तुरंत कार्रवाई की मांग की। उनका कहना था कि यह मामला न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करने का है, बल्कि समाज में अशांति फैलाने का भी प्रयास है।
क्यों बना यह मामला चर्चा का विषय?
यह घटना उस समय चर्चा का विषय बनी जब यति नरसिंहानंद सरस्वती ने एक सार्वजनिक सभा में पैगंबर मुहम्मद (सल्ल.) के खिलाफ अपमानजनक बयान दिया। यह बयान सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर वायरल हो गया, जिससे मुस्लिम समुदाय में गुस्सा बढ़ गया। ओवैसी और उनकी पार्टी ने इसे लेकर तुरंत प्रतिक्रिया दी और कहा कि वे इसे कानूनी तौर पर चुनौती देंगे।
पुलिस से की गई शिकायत:
शिकायत के दौरान ओवैसी और उनके प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की। उनका कहना था कि ऐसे बयानों से समाज में सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है और इसलिए इन बयानों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उन्होंने पुलिस से यति नरसिंहानंद के खिलाफ जल्द से जल्द मामला दर्ज करने और कार्रवाई करने की मांग की।
ओवैसी ने कहा, "यह केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला नहीं है, बल्कि समाज में शांति और सद्भावना को नुकसान पहुंचाने की भी कोशिश है। पुलिस को ऐसे बयानों के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए।"
मामले में कानून का पक्ष:
भारत में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले बयान या किसी धर्म का अपमान करने वाले बयानों को कानूनी तौर पर गंभीरता से लिया जाता है। भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153A और 295A के तहत ऐसे बयान देने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा सकता है। धारा 153A सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने पर लागू होती है, जबकि धारा 295A धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले बयानों पर लगाई जाती है।
ओवैसी ने पुलिस से इन धाराओं के तहत यति नरसिंहानंद के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है। उनका कहना है कि ऐसे बयान समाज में सांप्रदायिक विभाजन पैदा कर सकते हैं और कानून के दायरे में आते हैं।
यति नरसिंहानंद का विवादित इतिहास:
यह पहली बार नहीं है जब यति नरसिंहानंद सरस्वती ने किसी विवादित बयान के लिए सुर्खियों में आए हैं। इससे पहले भी वे कई बार मुस्लिम समुदाय और उनके धार्मिक प्रतीकों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कर चुके हैं। उनके बयानों ने कई बार सांप्रदायिक तनाव को जन्म दिया है, और उनके खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं।
यति नरसिंहानंद के विवादास्पद बयानों की कड़ी निंदा की जाती रही है, लेकिन उनके समर्थकों का कहना है कि वे केवल अपने विचारों को व्यक्त कर रहे हैं। हालांकि, ऐसे बयानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग तेजी से बढ़ती जा रही है।
समाज में प्रभाव और प्रतिक्रिया:
इस मामले ने सोशल मीडिया पर भी बड़ी प्रतिक्रिया पैदा की है। एक तरफ मुस्लिम समुदाय ने इसे गंभीरता से लेते हुए न्याय की मांग की है, तो दूसरी तरफ कुछ कट्टरपंथी गुट यति नरसिंहानंद का समर्थन कर रहे हैं। यह विवाद सांप्रदायिक शांति और सौहार्द्र को खतरे में डालने की क्षमता रखता है, जिसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
ओवैसी का कहना है कि वे इस मामले को तब तक नहीं छोड़ेंगे जब तक कि यति नरसिंहानंद के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं होती। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पुलिस कार्रवाई में देरी करती है, तो उनकी पार्टी इसे लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाएगी।