हमारा दुश्मन केवल ईरान का नहीं बल्कि फिलिस्तीन, लेबनान, सीरिया, मिस्र, यमन और इराक का भी दुश्मन है


के कुमार आहूजा  2024-10-05 06:16:47



ईरान के सुप्रीम लीडर का दावा: इजराइल पर हमला कानूनी और वैध, हिज़बुल्लाह के नेता की शहादत का जिक्र

तेहरान के ग्रैंड मोसल्ला मस्जिद से शुक्रवार की नमाज़ का नेतृत्व करते हुए ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने इस हफ्ते इजराइल पर ईरान के हमले को "पूरी तरह से कानूनी और वैध" करार दिया। उन्होंने इस मौके पर हिज़बुल्लाह के महासचिव हसन नसरल्लाह की शहादत का जिक्र करते हुए, उन्हें इस्लामिक दुनिया का चमकता हुआ नगीना बताया। इस प्रकरण में कई महत्वपूर्ण बयान दिए गए जो आने वाले समय के पश्चिम एशिया के राजनीतिक हालातों को प्रभावित कर सकते हैं।

ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण भाषण में इजराइल पर हाल ही में हुए ईरानी हमले को पूरी तरह से वैध करार दिया। इस भाषण का आयोजन तेहरान के ग्रैंड मोसल्ला मस्जिद में किया गया, जहां हज़ारों लोग इकट्ठे हुए थे। इस अवसर पर ख़ामेनेई ने अरबी भाषा में अपने संबोधन में इस्लामिक दुनिया, विशेषकर लेबनान और फिलिस्तीन के लोगों के लिए एक स्पष्ट संदेश दिया। इस भाषण में उन्होंने ईरान के लिए खतरे के रूप में इजराइल का जिक्र किया और कहा कि “हमारा दुश्मन केवल ईरान का नहीं बल्कि फिलिस्तीन, लेबनान, सीरिया, मिस्र, यमन और इराक का भी दुश्मन है।”

हिज़बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह का जिक्र

ख़ामेनेई ने हिज़बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह की शहादत पर भी बात की, जिनकी मौत पिछले हफ्ते बेयरूत में इजराइली हवाई हमलों के दौरान हुई थी। उन्होंने नसरल्लाह को इस्लामिक दुनिया का “चमकता हुआ नगीना” बताया और कहा कि उनकी शहादत से उनकी लोकप्रियता और भी बढ़ेगी। ख़ामेनेई ने नसरल्लाह की प्रशंसा करते हुए कहा, "उन्होंने सच और हक की लड़ाई में साहस और आत्मविश्वास दिया।"

ख़ामेनेई ने अपनी बातों में खास तौर पर हिज़बुल्लाह के युवाओं को संबोधित किया और उन्हें नसरल्लाह की इच्छाओं को पूरा करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि "हमें अफगानिस्तान से यमन तक और ईरान से गाजा और लेबनान तक इस्लामी देशों में रक्षा, स्वतंत्रता और गरिमा की पट्टी कसनी होगी।"

पश्चिम एशिया की समस्याओं का मूल कारण - अमेरिकी उपस्थिति

इस्लामी गणराज्य ईरान के सुप्रीम लीडर ख़ामेनेई ने पश्चिम एशिया में चल रही समस्याओं के मूल कारण के रूप में अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों की उपस्थिति को बताया। यह बयान इजराइल और अन्य देशों में ईरान के बढ़ते सैन्य हस्तक्षेप के संदर्भ में दिया गया है।

हमले के बाद शहीद हुए कमांडर

ख़ामेनेई के इस भाषण में केवल नसरल्लाह ही नहीं बल्कि ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) के एक वरिष्ठ कमांडर अब्बास निलफोरूशान का भी जिक्र हुआ, जिनकी मौत बेयरूत में इजराइली हमलों के दौरान हुई थी। निलफोरूशान की मौत से ईरान के सैन्य नेतृत्व को गहरा धक्का लगा है और इससे ईरान-इजराइल तनाव और बढ़ने की आशंका है।

नसरल्लाह की शहादत और उसका प्रभाव

हसन नसरल्लाह, जो कि हिज़बुल्लाह के महासचिव थे, उनकी शहादत ने इस्लामिक दुनिया में एक बड़ा प्रभाव छोड़ा है। ख़ामेनेई ने नसरल्लाह की इस्लामिक दुनिया में भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि उनकी लोकप्रियता सिर्फ लेबनान या ईरान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरी अरब दुनिया में फैली हुई है। उनकी मौत से ईरान के लिए हिज़बुल्लाह और इस्लामिक दुनिया के साथ गठजोड़ और मजबूत हो सकता है, खासकर ऐसे समय में जब पश्चिम एशिया में आतंकवाद और राजनीतिक अस्थिरता अपने चरम पर है।

इस्लामिक दुनिया के लिए संदेश

ख़ामेनेई ने अपने भाषण में इस्लामिक दुनिया, खासकर फिलिस्तीन और लेबनान के युवाओं के लिए एक संदेश दिया। उन्होंने कहा कि नसरल्लाह की शहादत से प्रेरणा लेकर, उन्हें इस्लामिक देशों में गरिमा और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। यह बयान इस बात की ओर संकेत करता है कि आने वाले समय में हिज़बुल्लाह और अन्य इस्लामिक संगठनों के साथ ईरान की रणनीतिक साझेदारी और मजबूत हो सकती है।

पश्चिम एशिया पर प्रभाव

ख़ामेनेई का यह भाषण पश्चिम एशिया के राजनीतिक परिदृश्य में बड़ा बदलाव ला सकता है। इजराइल और ईरान के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है, और इस्लामिक दुनिया में हिज़बुल्लाह के समर्थन से यह संघर्ष और बढ़ सकता है। साथ ही, नसरल्लाह की शहादत के बाद हिज़बुल्लाह के युवा संगठनों में जोश भर सकता है, जो आने वाले समय में इजराइल के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।

आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई का यह बयान न केवल ईरान की विदेश नीति को दर्शाता है, बल्कि इस्लामी दुनिया के लिए एक व्यापक संदेश भी देता है। हिज़बुल्लाह के नेता हसन नसरल्लाह की शहादत को इस्लामी दुनिया में साहस और संघर्ष का प्रतीक बताते हुए, ख़ामेनेई ने पश्चिम एशिया में जारी संघर्ष को और तेज करने का संकेत दिया है। इस्लामी दुनिया के युवाओं के लिए उनका संदेश यह दिखाता है कि आने वाले समय में ईरान और उसके सहयोगियों का संघर्ष और तेज हो सकता है, जिससे पश्चिम एशिया के भू-राजनीतिक परिदृश्य में बड़ा बदलाव आ सकता है।


global news ADglobal news ADglobal news AD