लेबनान से जर्मन नागरिकों की आपातकालीन निकासी: बढ़ते क्षेत्रीय तनाव के बीच जर्मनी की बड़ी कार्रवाई
के कुमार आहूजा 2024-10-05 05:55:14
लेबनान से जर्मन नागरिकों की आपातकालीन निकासी: बढ़ते क्षेत्रीय तनाव के बीच जर्मनी की बड़ी कार्रवाई
मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के बीच, जर्मनी ने अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए एक बड़ी कार्रवाई की है। जर्मन वायुसेना का ए321 विमान लेबनान की राजधानी बेरूत पहुंचा, जहां से जर्मन नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया। जर्मन सरकार ने अपने नागरिकों को जल्द से जल्द लेबनान छोड़ने की सलाह दी है। इस संकट से संबंधित सभी प्रमुख घटनाओं का विश्लेषण इस रिपोर्ट में।
घटना का विवरण:
जर्मनी के संघीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार, मध्य पूर्व में बढ़ते सुरक्षा संकट के बीच जर्मन वायुसेना का एक ए321 विमान लेबनान के बेरूत शहर में उतरा। इस विमान का प्रमुख उद्देश्य वहां मौजूद जर्मन नागरिकों को सुरक्षित निकालना था, क्योंकि हाल ही के दिनों में इस क्षेत्र में हिंसा और अस्थिरता में इजाफा हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को लेबनान की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी जारी की। साथ ही, जर्मन नागरिकों को जल्द से जल्द देश छोड़ने की सलाह दी गई। लेबनान में करीब 1,800 जर्मन नागरिक पंजीकृत हैं। इनमें से कई नागरिकों को चिकित्सा जोखिम के आधार पर प्राथमिकता दी जा रही है, जिन्हें पहले निकाला जा रहा है।
संकट का कारण:
हाल के हफ्तों में इजराइल और लेबनान के बीच बढ़ते संघर्ष ने क्षेत्र में गंभीर अस्थिरता पैदा कर दी है। इजराइली सेना द्वारा हिज़बुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह और अन्य कमांडरों पर हमलों ने स्थिति को और भी जटिल बना दिया है। इजराइल की बमबारी के कारण 1,000 से अधिक लेबनानी नागरिकों की मौत हो चुकी है, और लगभग एक मिलियन लोग अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं।
हिज़बुल्लाह ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि इजराइल ने लेबनान पर जमीनी हमला किया, तो वह इसका कड़ा विरोध करेगा। इस संघर्ष की तीव्रता ने लेबनान के कई हिस्सों को असुरक्षित बना दिया है, जिससे वहां रहने वाले विदेशी नागरिकों, खासकर जर्मन नागरिकों को तेजी से निकालने की आवश्यकता पैदा हो गई।
जर्मन सरकार की कार्रवाई:
जर्मन सरकार ने स्थिति की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने की योजना बनाई। जर्मन दूतावास ने बेरूत में नागरिकों के साथ संपर्क बनाए रखा और उन्हें वाणिज्यिक उड़ानों या अन्य उपलब्ध साधनों से देश छोड़ने के निर्देश दिए। हालांकि, बढ़ते तनाव के कारण कई नागरिकों के लिए समय पर लौटना मुश्किल हो गया था। इस स्थिति को देखते हुए जर्मन रक्षा मंत्रालय ने विशेष विमान की व्यवस्था की।
इसके अलावा, जर्मन दूतावास ने अपने कर्मचारियों के परिवारों और गैर-आवश्यक कर्मचारियों को भी वापस बुला लिया है, लेकिन दूतावास संचालन के लिए खुला रहेगा।
राहत और बचाव प्रयास:
इस निकासी अभियान में जर्मनी की प्राथमिकता उन नागरिकों को दी जा रही है जो चिकित्सा आपातकाल या अन्य गंभीर जोखिमों का सामना कर रहे हैं। जर्मनी के संघीय विदेश कार्यालय ने यह सुनिश्चित किया है कि सभी नागरिकों को सुरक्षित रूप से वापस लाने के लिए हर संभव उपाय किए जाएंगे।
इस बीच, जर्मनी ने रमल्ला और तेल अवीव में अपने मिशनों के लिए संकट स्तर को भी बढ़ा दिया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि मध्य पूर्व के अन्य हिस्सों में भी अस्थिरता का खतरा बढ़ सकता है। इन क्षेत्रों में जर्मन दूतावास अभी भी संचालित हो रहे हैं, लेकिन स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।
क्षेत्रीय तनाव का बढ़ता प्रभाव:
मध्य पूर्व में चल रहे इजराइल-हिज़बुल्लाह संघर्ष ने न केवल लेबनान बल्कि अन्य पड़ोसी देशों पर भी असर डाला है। जर्मन नागरिकों के लिए इस क्षेत्र में यात्रा करना अब बहुत जोखिम भरा हो गया है। जर्मन विदेश मंत्रालय द्वारा जारी चेतावनी के बाद, कई देशों ने भी अपने नागरिकों को लेबनान से निकालने की योजना बनाई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह संघर्ष जल्द समाप्त होने के आसार नहीं दिख रहे हैं। हिज़बुल्लाह की सक्रियता और इजराइली सेना के हमले क्षेत्र को और अधिक अस्थिर कर सकते हैं। इस परिस्थिति में, जर्मनी जैसे देशों के लिए अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालना प्राथमिकता बन गई है।
मध्य पूर्व में बढ़ते संघर्ष के बीच जर्मनी ने अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि विदेशी नागरिकों के लिए यह क्षेत्र अब बेहद असुरक्षित हो गया है। लेबनान से जर्मन नागरिकों की सुरक्षित निकासी इस संकट के बीच एक अहम रणनीति साबित हो रही है, और जर्मनी इस दिशा में अपने प्रयासों को तेज कर रहा है।