नवरात्र स्थापना की धूम: पैदल झांकी और करणी माता के दरबार में श्रद्धालुओं का सैलाब
के कुमार आहूजा 2024-10-04 15:40:47
नवरात्र स्थापना की धूम: पैदल झांकी और करणी माता के दरबार में श्रद्धालुओं का सैलाब
शारदीय नवरात्रा का शुभारंभ गुरुवार को पूरे देश में धूमधाम से हुआ, जिसमें धार्मिक उत्साह और भक्ति की झलक हर ओर दिखाई दी। बीकानेर के देश्नोक स्थित करणी माता मंदिर से लेकर जयपुर रोड स्थित वैष्णो धाम मंदिर तक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। इस मौके पर धार्मिक झांकी और मंदिरों में दर्शन करने के लिए भक्तों की कतारें लगी रहीं।
कमला कॉलोनी से वैष्णो धाम मंदिर तक पैदल झांकी का आयोजन:
जयपुर रोड स्थित वैष्णो धाम मंदिर तक निकाली गई पैदल झांकी ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। पंजाबी समाज के लोगों द्वारा आयोजित इस भव्य धार्मिक शोभायात्रा में बड़ी संख्या में समाज के पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल हुए। श्री भगवती मंडल सेवा संस्थान (ट्रस्ट) के ट्रस्टी केशव रहेजा ने बताया कि यह झांकी हर साल नवरात्र स्थापना के अवसर पर निकाली जाती है, जिसमें समाज के लोग पूरे श्रद्धा और आस्था के साथ भाग लेते हैं। इस अवसर पर पंजाबी राष्ट्रीय महासभा के सचिव अनिल पाहुजा, समाजसेवी सुशील यादव, मनोज हंस, और मनोहर लाल छाबड़ा जैसी कई प्रतिष्ठित हस्तियां मौजूद रहीं।
पंजाबी समाज के बच्चों और महिलाओं ने उत्साह के साथ पारंपरिक वेशभूषा पहनकर डांडिया नृत्य प्रस्तुत किया। झांकी के दौरान नवरात्र के गीतों पर डांडिया खेलने का दृश्य देखने योग्य था। समाज के लोग देवी मां के जयकारों के साथ भक्ति में लीन नजर आए।
करणी माता मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब:
वहीं दूसरी ओर, बीकानेर के देश्नोक स्थित विश्व प्रसिद्ध करणी माता मंदिर में भी नवरात्र के पहले दिन भक्तों की भीड़ देखने को मिली। करणी माता मंदिर, जो अपने चूहों (काबा) के लिए भी प्रसिद्ध है, नवरात्र के दौरान भक्तों की विशेष आस्था का केंद्र बनता है। गुरुवार को मंदिर के कपाट खुलते ही सैकड़ों श्रद्धालु अल-सुबह से ही मां के दर्शन के लिए कतारों में खड़े नजर आए। हर कोई सबसे पहले मां के दर्शन करने को उत्सुक था।
मंदिर प्रबंधक के अनुसार, नवरात्र के दौरान हर साल हजारों श्रद्धालु करणी माता के दर्शन करने आते हैं। खासकर नवरात्र के पहले दिन से ही भक्तों की भीड़ लगनी शुरू हो जाती है। मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना और आरती का आयोजन भी किया गया, जिसमें स्थानीय और दूर-दराज से आए भक्तों ने भाग लिया।
सांस्कृतिक और धार्मिक उत्सव की झलक:
यह नवरात्र सिर्फ एक धार्मिक अवसर नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक भी है। वैष्णों धाम के लिए निकली झांकी और करणी माता के मंदिर में भक्तों की उपस्थिति इस बात का प्रमाण है कि भारत की धार्मिक परंपराएं आज भी जीवित हैं और नई पीढ़ी भी इन्हें पूरे जोश और श्रद्धा के साथ निभा रही है।
झांकी में बच्चों और युवाओं की भागीदारी ने यह संदेश दिया कि हमारी धार्मिक परंपराएं नई पीढ़ी तक भी पहुंच रही हैं। नवरात्र के नौ दिनों तक इस तरह की धार्मिक गतिविधियां पूरे देश में देखने को मिलेंगी, जो देवी दुर्गा की भक्ति और शक्ति की प्रतीक हैं।
नवरात्र का यह उत्सव हर साल लोगों के जीवन में नई ऊर्जा और आस्था का संचार करता है। चाहे वैष्णो धाम मंदिर तक निकली झांकी हो या बीकानेर के करणी माता मंदिर में भक्तों का उत्साह, हर जगह आस्था की एक अलग ही छवि देखने को मिली। यह नवरात्र हर किसी के लिए भक्ति और शक्ति का पर्व बना रहेगा।