बाल स्वराज CCL पोर्टल का शुभारंभ: बालकों के पुनर्वास और सशक्तिकरण की ओर बड़ा कदम
के कुमार आहूजा 2024-10-04 12:26:39
बाल स्वराज CCL पोर्टल का शुभारंभ: बालकों के पुनर्वास और सशक्तिकरण की ओर बड़ा कदम
कानून के साथ संघर्ष में आने वाले बच्चों के जीवन में सुधार और पुनर्वास का मार्ग प्रशस्त करने के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने एक अहम पहल की है। NCPCR प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने 'बाल स्वराज - CCL पोर्टल' लॉन्च किया, जो इस महत्वपूर्ण दिशा में एक डिजिटल समाधान लेकर आया है। इस पोर्टल का उद्देश्य बच्चों के पुनर्वास और उनके समाज में पुनः एकीकरण को सुनिश्चित करना है।
बाल स्वराज - CCL पोर्टल: डिजिटल युग में बाल अधिकारों की सुरक्षा
NCPCR ने बाल स्वराज - CCL पोर्टल को लॉन्च कर यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि 'कानून के साथ संघर्ष में आए बच्चों' (CCLs) को उनके कानूनी अधिकार और सुविधाएं सही समय पर मिलें। यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बच्चों को शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण, मनोवैज्ञानिक सहयोग, और मुफ्त कानूनी सहायता जैसी बुनियादी सेवाएं प्रदान करने की ओर महत्वपूर्ण कदम है।
प्रियांक कानूनगो का बयान और सुधार की आवश्यकता
इस पोर्टल के लॉन्च के अवसर पर, NCPCR प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने स्वीकार किया कि मौजूदा सिस्टम में कई खामियां और कमियां हैं। उन्होंने कहा कि समय पर कानूनी सहायता का अभाव, जमानत में देरी, और पुनर्वास के लिए कानूनी अधिकारों की प्राप्ति में भी कमी रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बाल न्याय अधिनियम के तहत स्पष्ट प्रावधानों के बावजूद, कई बार बच्चों के पुनर्वास और बहाली में असफलताएं देखी गई हैं। इस नई पहल के माध्यम से यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है कि बच्चों को यह अधिकार समय पर और सही ढंग से प्राप्त हो सके।
CCL पोर्टल के फायदे
बाल स्वराज - CCL पोर्टल एक व्यापक डिजिटल इंटरफेस के रूप में कार्य करेगा, जो संबंधित हितधारकों को वास्तविक समय में CCLs की निगरानी करने की सुविधा प्रदान करेगा। इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि संबंधित विभाग समय पर उचित हस्तक्षेप कर सकें। जिला बाल संरक्षण इकाइयों (DCPUs) द्वारा इस पोर्टल पर डाले गए आंकड़ों का विश्लेषण तिमाही आधार पर किया जाएगा, और वार्षिक रिपोर्ट बनाई जाएगी, जो संसद में प्रस्तुत की जाएगी। इससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।
पोर्टल का इस्तेमाल और डेटा का प्रबंधन
इस पोर्टल की खासियत यह है कि जब एक बच्चे को किसी स्कूल में दाखिला दिलाया जाएगा या राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान (NIOS) में नामांकित किया जाएगा, और यह जानकारी DCPU द्वारा पोर्टल पर दर्ज की जाएगी, तो उस बच्चे की जानकारी ट्रायल समाप्त होने के बाद स्वचालित रूप से पोर्टल से हटा दी जाएगी। यह कदम बच्चों के लिए शिक्षा और पुनर्वास को प्राथमिकता देने का संकेत देता है।
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश
NCPCR ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के महिला एवं बाल विकास विभागों के प्रमुख सचिवों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने संबंधित जिलों में DCPUs को इस पोर्टल का इस्तेमाल करने और नए मामलों को तुरंत अपलोड और अपडेट करने का निर्देश दें। यह सुनिश्चित करने का प्रयास है कि सभी कानूनी प्रक्रियाएं और बच्चों के अधिकार सही समय पर सुरक्षित हों।
समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में कदम
NCPCR का यह प्रयास समाज में उन बच्चों के जीवन को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम है जो किसी कारणवश कानून के साथ संघर्ष में आ जाते हैं। यह डिजिटल पहल न केवल बाल अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि बच्चों के पुनर्वास और उनके जीवन को बेहतर बनाने में भी मददगार साबित होगी।
Source : IANS